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Haryana Assembly Elections 2024: क्या BJP हरियाणा में काट देगी आधे विधायकों का टिकट?

Haryana Assembly Elections 2024: सूत्रों के अनुसार BJP ने अपने आंतरिक सर्वेक्षण के आधार पर मौजूदा विधायकों में से आधे के टिकट काटने का मन बना लिया है. 29 अगस्त की शाम को होने वाली भाजपा केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक में हरियाणा की सभी सीटों के उम्मीदवारों के नामों पर चर्चा होगी.

Haryana Assembly Elections 2024: हरियाणा विधानसभा चुनावों के लिए भारतीय जनता पार्टी (BJP) का केंद्रीय नेतृत्व गुरुवार 29 अगस्त को उम्मीदवारों के नामों पर विचार करेगा. लोकसभा चुनाव 2024 में मिले झटके के बाद BJP अब विधानसभा चुनावों के लिए सामाजिक समीकरणों को साधने की कोशिश में है. BJP सत्ता विरोधी लहर का मुकाबला करने के लिए लगभग आधे मौजूदा विधायकों के टिकट काटने पर भी विचार कर रही है. इसके साथ ही लोकसभा चुनाव 2024 में जिन सांसदों को टिकट नहीं मिला था, उनके नामों पर भी पार्टी चर्चा कर रही है.

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सूत्रों के अनुसार BJP ने अपने आंतरिक सर्वेक्षण के आधार पर मौजूदा विधायकों में से आधे के टिकट काटने का मन बना लिया है. 29 अगस्त की शाम को होने वाली भाजपा केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक में हरियाणा की सभी सीटों के उम्मीदवारों के नामों पर चर्चा होगी. BJP की पहली सूची में लगभग 50 से 60 उम्मीदवारों के नाम जारी होने की संभावना है. लोकसभा चुनाव 2024 में भाग नहीं लेने वाली पूर्व सांसद सुनीता दुग्गल को भी टिकट मिलने की उम्मीद है. अन्य पार्टियों से आए लगभग 6 नेताओं को भी BJP की ओर से टिकट दिए जा सकते हैं.

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इस बार के हरियाणा विधानसभा चुनाव BJP के लिए बहुत महत्वपूर्ण हैं. राज्य में पिछले 10 साल से सत्ता में रहने के कारण BJP को सत्ता विरोधी लहर का सामना करना पड़ रहा है, और इसके साथ ही सामाजिक समीकरणों को संतुलित करने का दबाव भी है. BJP ने 2014 में पूर्ण बहुमत से राज्य में सरकार बनाई थी और उसी साल हुए लोकसभा चुनाव में सभी 10 लोकसभा सीटों पर जीत हासिल की थी. 2019 के लोकसभा चुनाव में भी पार्टी ने लोकसभा की सभी 10 सीटें जीतीं, लेकिन विधानसभा चुनाव में बहुमत हासिल करने में असफल रही. 90 सदस्यीय  वाली हरियाणाविधानसभा में BJP को सिर्फ 40 सीटें मिलीं, और उसने दुष्यंत चौटाला की जननायक जनता पार्टी (जजपा 10 सीटें) और कुछ निर्दलीय विधायकों के समर्थन से सरकार बनाई. हालांकि मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ही बने रहे.

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कांग्रेस के साथ हो रहे जाट ध्रुवीकरण को रोकने के लिए भारतीय जनता पार्टी ने कांग्रेस की पूर्व मंत्री और चौधरी बंसीलाल की बहू किरण चौधरी और उनकी बेटी श्रुति को अपने साथ जोड़ा. किरण को BJP ने राज्यसभा का सदस्य भी बनाया है, ताकि जाट समुदाय का ध्रुवीकरण कांग्रेस की ओर न हो. राज्य में BJP और कांग्रेस के साथ-साथ चुनाव मैदान में उतरी जजपा ने चंद्रशेखर आजाद (रावण) की पार्टी आजाद समाज पार्टी के साथ गठबंधन किया है.

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BJP की पिछले दो चुनावों से गैर-जाट ध्रुवीकरण की राजनीति रही है, लेकिन इस बार परिस्थितियां बदल गई हैं. लोकसभा चुनाव में यह रणनीति पूरी तरह से सफल नहीं रही, क्योंकि दलित और अन्य समुदायों ने कांग्रेस का समर्थन किया. ऐसे में BJP एक बार फिर जाट समुदाय को साधने के साथ-साथ गैर-जाट समुदायों को भी साथ रखने की कोशिश कर रही है. 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले पार्टी ने मनोहर लाल खट्टर की जगह नायब सिंह सैनी को मुख्यमंत्री बनाया और जजपा से भी उसका गठबंधन टूट गया.

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