ब्रजेश सिंह
शहर और आसपास के एरिया में अब स्मूथ ड्राइविंग का मजा आप सब ले सकेंगे. जाम से मुक्ति मिल सकेगी. बशर्तें अगर ये सारी योजनाएं धरातल पर उतर जायें. करीब 500 करोड़ से अधिक की इन परियोजनाओं के धरातल पर उतरने के बाद शहरी एरिया में डिकंजेशन हो सकेगा. साथ ही सड़कें और बेहतर हो जायेंगी. योजना यह है कि शहर की ट्रैफिक को सुगम किया जा सके और बड़ी गाड़ियों का मूवमेंट बाहर ही बाहर हो जाये. फ्लाइओवर, पुल और सड़कों के निर्माण की इन सारी परियोजनाओं पर अगर ठीक से काम हुआ, तो निश्चित तौर पर शहर की सड़कें और बेहतर हो जायेंगी.
साकची से मानगो फ्लाइओवर का टेंडर फाइनल
सबसे व्यस्ततम एरिया कहे जाने वाले साकची से मानगो पुल पर लगने वाली लंबी कतार और जाम से लोगों को मुक्ति तब मिलेगी, जब प्रस्तावित फ्लाइओवर का निर्माण कार्य पूरा हो जायेगा. करीब 252 करोड़ रुपये की इस योजना का टेंडर फाइनल हो चुका है. एजेंसी को 18 माह में काम पूरा करना है. पथ निर्माण विभाग की योजना के मुताबिक, इसका काम 15 दिनों में शुरू हो जायेगा. करीब 2.2 किलोमीटर का यह फ्लाइओवर दो स्थान पर टू-टू लेन और बीच में फोर लेन और फिर दो स्थान पर टू-टू लेन बनेगा. इसके तहत साकची की ओर से फ्लाइओवर का एक छोर सिक्यूरिटी फ्लैट के पास से उठाया जायेगा, जबकि दूसरा छोर साकची गांधी घाट के पास से उठेगा. ये दोनों सड़कें टूृ-टू लेन होंगी. इसके बाद बीच में जब नदी के ऊपर से फ्लाइओवर पार होगा तो यह फोर लेन का हो जायेगा और फिर यह दो भागों में फिर से टू-टू लेन में विभक्त हो जायेगा. एक छोर मानगो पारडीह रोड के हनुमान मंदिर के पास उतर जायेगा, जबकि दूसरा छोर मानगो डिमना रोड के पास उतरेगा. डिमना रोड पर उतरने और चढ़ने के लिए भी अलग-अलग टू लेन होगा, जो डिमना रोड से कनेक्ट हो जायेगा. इसको धरातल पर उतारने के लिए एजेंसी बहाल हो चुकी है, जिसको इपीसी मोड में काम दिया गया है. इससे यातायात सुगम हो सकेगा. नीचे से भी रास्ता रहेगा और ऊपर से भी रास्ता होगा, जिससे जाम लगना कम हो जायेगा. मंत्री बन्ना गुप्ता ने इसको लेकर काफी प्रयास किया था, जिसके बाद इसको मंजूरी मिली और अब यह बनने जा रहा है.
बाहर ही बाहर चली जायेंगी बड़ी गाड़ियां
भुइयांडीह लिट्टी चौक से भिलाई पहाड़ी एनएच 33 तक की सड़क और पुल बनाने के काम को भी मंजूरी दे दी गयी है. इसका टेंडर निकल चुका है. 77 करोड़ रुपये की इस योजना के लिए टेंडर पूरा हो जाने के बाद काम शुरू होगा. इस योजना के तहत भुइयांडीह लिट्टी चौक से फोर लेन सड़क बनेगी और फिर वह टिमकेन के पीछे वाले एरिया होते हुए पुल बनेगा, जिसके बाद भिलाई पहाड़ी से गाड़ियां निकल जायेंगी. टिमकेन, टीएसडीपीएल, टाटा स्टील समेत अन्य कंपनियों की गाड़ियां बाहर ही बाहर चली जायेंगी. दरअसल, टाटा स्टील के एमडी जब बी मुथुरमण थे, तब ईस्टर्न और वेस्टर्न कॉरिडोर की परियोजना बनायी गयी थी. वेस्टर्न कॉरिडोर के तहत मरीन ड्राइव का निर्माण होना था. वहीं, ईस्टर्न कॉरिडोर के तहत एक फ्लाइओवर टाटानगर रेलवे स्टेशन के पास से उठता, जो गोलमुरी होकर एग्रिको होते हुए भुइयांडीह लिट्टी चौक तक जाना था, जहां से गाड़ियां आराम से भिलाई पहाड़ी एनएच 33 तक चली जातीं. बीच में नदी पर एक पुल बनना था. बाद में टाटा स्टील ने कालांतर में इस परियोजना को छोड़ दिया. इसके बाद सरकार के स्तर पर एक परियोजना बनायी गयी, जिसके तहत एक पुल सरकार के स्तर से बाबूडीह से लेकर भिलाईपहाड़ी तक बनना था. इस पर करीब 177 करोड़ रुपये खर्च होना था. लेकिन, इस पर कोई काम नहीं हुआ. बाद में विधायक सरयू राय ने पहल शुरू की. विधायक सरयू राय ने इसका अध्ययन किया तो पाया कि टाटा स्टील भिलाईपहाड़ी की तरफ की जमीन का अधिग्रहण अप्रोच रोड के लिए पहले ही कर चुकी है, जिसकी जमीन पर खर्च सरकार नहीं करेगी तो टाटा स्टील से सहयोग लिया जा सकता है. वहीं, भुइयांडीह की ओर टाटा लीज की जमीन है. इस कारण टाटा स्टील के स्तर पर विधायक सरयू राय और राज्य सरकार के प्रतिनिधि के स्तर पर बातचीत हुई. इसके बाद टाटा स्टील ने कह दिया कि वे लोग अपनी जमीन दे देंगे, ताकि शहर का विस्तार हो सके और यातायात सुगम हो सके. इसके बाद परियोजना 177 करोड़ रुपये से घटकर 77 करोड़ की हो गयी. इसका अब टेंडर निकल चुका है. इसका टेंडर फाइनल होने के बाद प्रक्रिया पूरी होगी और काम शुरू होगा. इससे पूर्वी क्षेत्र की कंपनियों से निकलने वाली बड़ी गाड़ियां सीधे एनएच 33 तक चली जायेंगी.
गोविंदपुर होते हुए एनएच 33 तक का हो जायेगा जुड़ाव
योजना के मुताबिक, गोविंदपुर से एनएच 33 तक की सड़क को जोड़ा जायेगा. लुआबासा व धानचटानी में पुल व सड़क निर्माण कार्य होना है. टेल्को थीम पार्क के पीछे दो पहाड़ के बीच से होकर लुआबासा होकर पिपला तक नयी सड़क के निर्माण की योजना है. रैयतों की भूमि अधिग्रहण के लिए राज्य सरकार 30 करोड़ रुपये दे चुकी थी. लुआबासा पुल का निर्माण पूरा हो चुका है. एप्रोच रोड बनने के बाद इसको चालू कर दिया जाना है. गोविंदपुर में फ्लाइओवर बनने से पिपला होकर घाटशिला, बहरागोड़ा की ओर जाना आसान हो जाएगा. गोविंदपुर, टेल्को, साकची, गोलमुरी समेत आसपास के इलाकों में रहने वालों को पश्चिम बंगाल व ओडिशा जाने में भी सुविधा होगी. अभी लोग मानगो के डिमना होकर एनएच-33 पर आते हैं. फ्लाइओवर गोविंदपुर से सीधे एनएच 33 से जुड़ेगा, तो दूसरे राज्यों की दूरियां भी कम होंगी. अभी नो इंट्री खुलने पर इधर सड़क हादसे होते हैं. इसके तहत गोविंदपुर मेन रोड चांदनी चौक से होते हुए थीम पार्क के पीछे रोड तक बनेगा, फिर भारी वाहन जायेंगे. फ्लाइओवर से मौजूदा रोड पर सामान्य यातायात होगा और गोविंदपुर अन्ना चौक से लेकर लुआबासा पुल तक नया रोड बनेगा. इससे टाटा मोटर्स, टाटा कमिंस, स्टील स्ट्रिप्स, नुवोको, टाटा पावर, तार कंपनी, जेमको जैसी कंपनियों से निकलने वाली गाड़ियां वहां से होते हुए सीधे एनएच 33 तक जायेंगी, जिससे शहर का यातायात डिस्टर्ब नहीं होगा.
सरायकेला से हो जायेगा शहर का जुड़ाव
सोनारी से सरायकेला-खरसावां जिले के डोबो को जोड़ने के लिए पुल बनने से शहर की यातायात व्यवस्था में एक बड़ा बदलाव आया. इसी तरह का एक बदलाव लाने के लिए सोनारी और कदमा के बीचोबीच खरकई नदी पर एक पुल सापड़ा के पास बनाया जाना है. सरायकेला पथ निर्माण विभाग की ओर से इसकी परियोजना बनायी जा रही है. इससे बाद सरायकेला खरसावां के टाटा कांड्रा रोड होते हुए गाड़ियां निकल जायेंगी, जिसके बाद शहर की यातायात व्यवस्था और बेहतर हो सकेगी.
क्या कहते हैं जिम्मेदार
जमशेदपुर की यायातात व्यवस्था को सुगम करने के लिए पहल के तहत ही साकची से मानगो का फ्लाइओवर बनाया जा रहा है. इस फ्लाइओवर के बनने से काफी राहत हो जायेगी. लोगों को जाम से मुक्ति मिल सकेगी. यह धरातल पर जल्द उतरेगा. –बन्ना गुप्ता, मंत्री सह विधायक जमशेदपुर पश्चिम
भुइयांडीह लिट्टी चौक से लेकर भिलाई पहाड़ी तक एनएच 33 को जोड़ने के लिए पुल और एप्रोच रोड निर्माण कार्य को मंजूरी मिल चुकी है. इससे यातायात और सुगम हो सकेगा. इसका टेंडर निकल गया है. पहले यह योजना 177 करोड़ की थी. लेकिन, टाटा स्टील से बातचीत कर कंपनी की जमीन ली गयी, जिसके बाद यह योजना 77 करोड़ रुपये की हो गयी है. इससे यातायात और बेहतर हो सकेगा. –-सरयू राय, विधायक, जमशेदपुर पूर्वी