लोकसभा चुनाव के पहले चरण में बिहार की चार सीटों पर मतदान होना है. इसी दौरान जमुई लोकसभा सीट के लिए भी वोट डाले जायेंगे. 19 अप्रैल को होने वाले मतदान को लेकर बीते 20 मार्च को अधिसूचना जारी की गयी थी. 28 मार्च तक नामांकन करने की आखिरी तारीख तय की गयी थी. नामांकन के लिए तय तारीख के आखिरी दिन गुरुवार को जमुई लोकसभा सीट से सभी प्रत्याशियों ने अपना अपना नामांकन दायर कराया.
एक तरफ जहां एनडीए के उम्मीदवार के रूप में लोक जनशक्ति पार्टी (रा) से अरुण भारती ने नामांकन का पर्चा भरा, तो वहीं इंडी गठबंधन से राजद उम्मीदवार के रूप में अर्चना रविदास ने नामांकन कराया. इसके अलावा बहुजन समाज पार्टी के टिकट पर सकलदेव दास, राष्ट्रीय जन संभावना पार्टी से श्रवण कुमार, समाजदार पार्टी से गौतम पासवान, लोकतांत्रिक समाज पार्टी से डॉ जगदीश प्रसाद, सोशलिस्ट यूनिट सेंटर आफ इंडिया के प्रत्याशी संतोष दास, भारतीय लोक चेतना पार्टी के प्रत्याशी गुड़िया देवी, नकि भारतीय समता पार्टी से अनिल चौधरी ने नामांकन का पर्चा भरा. इस दौरान दो निर्दलीय प्रत्याशियों ने भी अपना नामांकन दायर कराया.
जिसमें उपेंद्र रविदास, सुभाष पासवान, सहित अन्य लोग शामिल रहे. नामांकन को लेकर गुरुवार सुबह से ही कचहरी चौक से लेकर समाहरणालय तक गहमा-गहमी देखने को मिली. अलग-अलग राजनीतिक दलों के समर्थक बड़ी संख्या में जिला मुख्यालय पहुंचे और उन्होंने अपने उम्मीदवार का समर्थन किया. इस कारण सुबह से ही कचहरी चौक सहित पूरे जिला मुख्यालय में काफी भीड़-भाड़ देखने को मिली. गुरुवार को सबसे पहले आरजेडी प्रत्याशी अर्चना रविदास नामांकन दायर करने पहुंचीं. इसके बाद एक-एक कर सभी प्रत्याशी ने अपना नाम निर्देशन पत्र जिलाधिकारी सह निर्वाचन पदाधिकारी को सौंप दिया. गौरतलब है कि नामांकन समाप्त होने के बाद अब इन सभी नामांकन प्रपत्रों की स्क्रूटनी की जायेगी. 30 मार्च तक सभी नाम निर्देशन पत्र की संवीक्षा की जायेगी. 2 अप्रैल तक अभ्यर्थी अपना नाम वापस ले सकते हैं. 19 अप्रैल को जमुई लोकसभा सीट के लिए मतदान होगा.
सुबह से ही जिला मुख्यालय पहुंचने लगे समर्थक
यूं तो जमुई लोकसभा सीट के लिए अधिसूचना बीते 20 मार्च को ही जारी कर दी गयी थी और उसके बाद से लगातार नामांकन किया जा सकता था. लेकिन बीच में होली और बिहार दिवस की छुट्टी होने के कारण गुरुवार से पहले जमुई लोकसभा सीट से एक भी नामांकन दायर नहीं किया जा सका था. इस कारण सभी नामांकन गुरुवार को ही दायर किये गये. नामांकन को लेकर अलग-अलग राजनीतिक दलों के समर्थक बड़ी संख्या में जिला मुख्यालय पहुंचे थे. जमुई जिले के सभी चार विधानसभा जमुई, झाझा, चकाई तथा सोनो के अलावा शेखपुरा विधानसभा और तारापुर विधानसभा से भी राजनीतिक दलों के कार्यकर्ता जिला मुख्यालय पहुंचे थे. इस कारण काफी भीड़भाड़ भी देखने को मिली. कार्यकर्ताओं में काफी उत्साह देखने को मिल रहा था और लोग लगातार अपने प्रत्याशी के समर्थन में नारेबाजी भी कर रहे थे. इस कारण भारी संख्या में पुलिस बलों को भी तैनात किया गया था.
पुलिस छावनी में तब्दील हो गया था जिला मुख्यालय
लोकसभा चुनाव के नामांकन के आखिरी दिन जिला मुख्यालय पूरी तरह से पुलिस छावनी में तब्दील हो गया. कचहरी चौक से लेकर समाहरणालय के रास्ते में भारी संख्या में सुरक्षा बलों एवं अर्धसैनिक बलों के जवानों को लगाया गया था. समाहरणालय जाने वाले मुख्य रास्ते की घेराबंदी की गयी थी तथा हर आने जाने वाले लोगों पर पूरी नजर रखी जा रही थी. बिना कागजात किसी को भी अंदर जाने नहीं दिया जा रहा था. प्रत्याशी के साथ उसके प्रस्तावक और अधिवक्ता को अंदर जाने की अनुमति दी जा रही थी. समाहरणालय परिसर के अंदर भी भारी संख्या में पुलिसबलों को तैनात किया गया था. लोकसभा में निर्वाचन के पहले चरण के नामांकन के आखिरी दिन जिले में किलेबंदी की गई थी और सुरक्षा के व्यापक इंतजाम किये गये थे.
जमुई लोकसभा सीट के लिये 19 लाख मतदाता डालेंगे वोट
गौरतलब है कि इस वर्ष होने वाले लोकसभा आम निर्वाचन में जमुई लोकसभा क्षेत्र से 19 लाख मतदाता अपने मताधिकार का प्रयोग करेंगे. जमुई लोकसभा सीट के सभी 6 विधानसभा को मिलाकर कल 9 लाख 96 हजार 246 पुरुष मतदाता, 9 लाख 9 हजार 190 महिला मतदाता, 51 थर्ड जेंडर मतदाता को मिलाकर कुल 19 लाख 5 हजार 487 मतदाता अपने मताधिकार का इस्तेमाल करेंगे. इसे लेकर कल 9 1941 मतदान केंद्र बनाये गये हैं नामांकन के बाद एक बार फिर जमुई लोकसभा सीट को लेकर चुनावी सरकार में काफी तेज हो गयी है.
पुलिस कस्टडी में दर्ज किया नामांकन
नमांकन के आखिरी दिन एक प्रत्याशी ने पुलिस हिरासत में अपना नामांकन दाखिल किया. इस दौरान निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर उपेंद्र रविदास ने अपना नाम निर्देशन पत्र भरा. उपेंद्र रविदास को पुलिस अपने हिरासत में लेकर नामांकन दाखिल कराने पहुंची थी. गौरतलब है कि उपेंद्र रविदास को मजिस्ट्रेट के साथ हाथापाई व दुर्व्यवहार करने को लेकर पुलिस ने झाझा से गिरफ्तार किया था. इसके बाद उपेंद्र रविदास को न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया था. गुरुवार को पुलिस उपेंद्र रविदास को अपनी कस्टडी में लेकर नामांकन कराने पहुंची थी.
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