रांची लोकसभा में 25 मई को मतदान होना है. इसे लेकर जिला प्रशासन की तैयारियां जोरों पर है. प्रशासन की इस बार पूरी कोशिश है कि तैयारियों में किसी प्रकार की चूक न हो. इसके लिए वह बेहद मुस्तैदी से अपने कार्यों को अंजाम देने में लगे हैं. साथ ही यह भी कोशिश है कि मतदान का प्रतिशत बढ़े, ताकि लोग ज्यादा से ज्यादा से ज्यादा लोकतंत्र के इस महापर्व में शामिल हो. रांची जिला प्रशासन की चुनाव को लेकर इस बार की क्या तैयारियां है इसे लेकर प्रभात खबर डॉट कॉम के संपादक गितेश्वर प्रसाद सिंह और चीफ रिपोर्टर राजीव पांडेय ने उपायुक्त राहुल सिन्हा से खास बातचीत की है. पेश है बातचीत के अंश
रांची लोकसभा चुनाव को लेकर क्या तैयारियां की गयी हैं
रांची लोकसभा क्षेत्र के अंतर्गत 6 विधानसभा आते हैं. रांची, कांके, हटिया, खिजरी, सिल्ली और ईचागढ़. इनमें से 5 विधानसभा रांची जिले के अंदर आते हैं. हमने विभिन्न कोषांगों का गठन किया है. इसमें सबसे महत्वपूर्ण सामग्री कोषांग है, जिसमें पोलिंग पार्टी ईवीएम समेत अन्य सामाग्री को निर्धारित बूथ पर पहुंचाने का काम करती है. सबसे पहले सभी की बिल्कुल बरीकी से नामों की इंट्री करायी जाती है. ये भी ध्यान रखा जाता है कि सही बूथ पर वह मशीन जा रही है या नहीं. उसके लिए रैंडमली पैकजिंग करायी जाती है और उसे बूथ तक पहुंचाया जाता है. इसके अलावा कमीशन का भी गठन किया जाता है, जिसमें देखा जाता है कि क्या वह प्रत्याशी जो चुनाव मैदान में है, वह नियामानुसार अपना कैंपन कर रहा है या नहीं. इसमें कितना खर्च हुआ है, इसका आकलन किया जाता है. बकायदा इसके लिए वीडियोग्राफी भी कराई जाती है. अगर कोई इसका पालन नहीं करता है तो उस पर नियमनुसार कार्रवाई की जाती है. इसके अलावा वाहन की भी सही व्यवस्था है या नहीं, इसका ध्यान रखा जाता है. किस बूथ के लिए कितनी वाहन की जरूरत है. सभी की बरीकी से निगरानी रखी जाती है. दिव्यागों और 85 साल के ऊपर के वृद्ध लोगों के लिए घर-घर जाकर पोस्टल बैलेट से मतदान की व्यवस्था की जाती है. इसके लिए सबसे पहले आवेदन लिया जाता है. इसके बाद ये प्रक्रिया शुरू होती है.
चुनाव के दौरान अंचार संहिता के कई मामले सामने आते हैं, लेकिन कोर्ट में वह बड़ी आसानी से छूट जाते हैं. इसकी क्या बड़ी वजह है
चुनाव से पूर्व सभी प्रत्याशियों से ये अनुरोध किया जाता है कि वे कोड ऑफ कंडक्ट के तहत प्रचार करें. इसमें आईपीसी के अंतर्गत कई तरह की धाराएं आती हैं, उसके अनुरूप कार्रवाई की जाती है. अगर जांच अधिकारियों को पुख्ता सबूत मिल जाए तो वह छूट नहीं पाएंगे. केस मजबूत करने के लिए संबंधित वीडियोग्राफी की फुटेज, फोटो और अखबार की कटिंग जो उससे संबंधित अलग छपा हो, तो उसका सहारा लिया जाता है.
रांची लोकसभा में कुल कितने मतदाता हैं
मतदाताओं की संख्या समय समय पर बदलता रहता है. मतदाता सूची में नाम जोड़ने या सुधार करने के लिए एक पोल पीरियड चलता है. जिसकी समय 1 जनवरी से 31 जनवरी तक रहता है. इस अवधि में कोई मतदाता अपना नाम सूची जोड़वा या फिर किसी प्रकार का कुछ सुधार करवाना हो तो वह करवा सकता है. रांची लोकसभा में इस साल 21 लाख 97 हजार 331 मतदाता हैं. इसमें 12 लाख 12 हजार 524 पुरुष मतदाता हैं. जबकि महिला मतदाताओं की संख्या 10 लाख 84 हजार 524 है. इसमें से 1 लाख से अधिक मतदाता इचागढ़ विधानसभा से हैं.
शहरी क्षेत्रों में मतदान प्रतिशत बढ़े इसके लिए क्या किया जा रहा है
सबसे पहली बात लोगों को इस बात की जानकारी होनी चाहिए कि उनके क्षेत्र में मतदान कब है और किस बूथ में है. तीसरी चीज जो महत्वपूर्ण है वह मतदाता संख्या कितनी है. शहरी क्षेत्रों में मतदान प्रतिशत बढ़ाने के लिए सरकारी कर्मचारी घर घर जाकर लोगों वोटर्स इनफॉर्मेशन स्लिप दे रहे हैं. साथ ही उन्हें वोट देने आने के लिए आग्रह भी कर रहे हैं. इसके अलावा स्कूल और कॉलेजों में नुक्कड़ नाटक के जरिये मतदान में बढ़चढ़ कर भाग लेने के लिए प्रेरित किया जा रहा है. जो अभी मतदान करने योग्य नहीं हुए हैं उन बच्चों को अपने माता पिता को संदेश पहुंचाने के लिए बोला जा रहा है.
कई बार मतदान के दिन मौसम खराब हो जाता है, अगर ऐसा हुआ तो उसके लिए क्या व्यवस्था करायी गयी है ?
इस बार मतदान के समय बढ़ा दिया गया है. पहले 7 से 3 बजे तक ही मतदान होता था. इस समय अवधि के दौरान लोग अपने सुविधानुसार वोट करने जा सकते हैं. इसके लिए बिजली की लोड शेडिंग न हो इसका भी प्रयास किया जा रहा है.
दिव्यांग वोटर्स के लिए क्या खास इंतजाम किया गया है
दिव्यांग वोटर्स के लिए खास तरह पर वाहन की भी व्यवस्था की गयी है. जो मतदान के दिन उन्हें घर से बूथ तक ले जाने और वापस लाने का काम करेंगे. इसके अलावा वैसे मतदाता जो चलफिर नहीं पाते हैं उनके लिए बूथ पर अलग से व्हील चेयर की भी व्यवस्था करायी गयी है. उनकी सहायता के लिए वॉलेंटियर्स को तैनात किया गया है. इसके अलावा कई लोगों को होम वोटिंग की भी सुविधा मुहैया करायी गयी है.
तमाम महिलाएं जो नौकरी में हैं. उनके बीच नाम कटवाने की होड़ लगी रहती है. उनके लिए क्या इंतजाम किया गया है?
महिलाकर्मियों की ड्यूटी लगाते हुए यह ध्यान रखा गया है कि उन्हें दूर दराज के क्षेत्रों में न भेजा जाए. हमने ऐसे 100 पोलिंग बूथ को चिन्हित किया है. इन स्थानों पर उनकी ड्यूटी नहीं लगायी गयी है. इसके लिए पोलिंग बूथ पर सभी तरह की सुविधाओं का ध्यान रखा गया है. यह सुनिश्चित किया गया है उन्हें किसी भी प्रकार की परेशानी न हो. इसके अलावा वहां पर साफ सफाई, खाने पीने से लेकर सभी तरह की सुधिधाओं का ध्यान रखा गया है.
अंत में, आप जिलावासियों को क्या संदेश देना चाहते हैं
मैं अंत में सभी मतदाताओं से यही कहना चाहता हूं कि मतदान हमारा अधिकारी है. यह सशक्त लोकतंत्र के लिए जरूरी है. इसलिए मतदान के दिन बढ़ चढ़ वोट करें.