फुसरो. विस्थापित संघर्ष समन्वय समिति की ओर से सीसीएल ढोरी, बीएंडके व कथारा एरिया के विस्थापितों के लिए सेमिनार का आयोजन शनिवार को बिनोद बिहारी महतो फुटबाल ग्राउंड करगली में किया गया. समिति की ओर से तीनों एरिया में छह जनवरी से आहूत बेमियादी चक्का जाम आंदोलन को सफल का निर्णय लिया गया. मुख्य अतिथि डुमरी विधायक जयराम महतो ने कहा कि निजी महत्वाकांक्षा को दरकिनार सभी विस्थापितों को एक मंच पर आने की आवश्यकता है. ऐसा नहीं हुआ तो आने वाले दिन कष्टकारी होंगे. डीवीसी, सीसीएल व बीसीसीएल की परियोजनाओं के लिए जिन्होंने अपनी जमीन दी है, उन्हें एक मंच पर आने के लिए आह्वान करने आया हूं. एक नया उलगुलान करने की जरूरत है. झारखंड के विस्थापित जिस दिन एक हो जायेंगे, उस दिन विस्थापितों का शोषण कर रहे लोगों को उखाड़ फेंक देंगे. बेरमो कोयलांचल के किसान भोले-भाले हैं जो दशकों से अपनी लड़ाई घिस-घिस कर लड़ रहे हैं. कहा कि विस्थापितों की जमीन से निकलने वाला कोयला लूट कर माफिया राज कर रहे हैं. दूसरी ओर विस्थापित अपने अधिकार के लिए भटक रहे हैं. माफियाओं को कुचलना होगा और झारखंड से भगाना होगा. प्रशासन भी सीसीएल प्रबंधन की तरफदारी करता है. प्रशासन के नाक के नीचे विस्थापितों की जमीन को लूटकर उनके संवैधानिक अधिकारों पर रोज-रोज हो रहे हमले उन्हें दिखाई नहीं देता है. छह जनवरी से आहूत चक्का जाम आंदोलन के समर्थन के साथ पूरी ताकत से मैं और मेरी पार्टी के कार्यकर्ता खड़ा रहेंगे.
कहा कि अनुमान लगा सकते हैं कि विधायक होने के बाद भी मेरे साथ किस तरह का व्यवहार हुआ है. लगभग आधा दर्जन बीडीओ, आधा दर्जन थाना प्रभारी, एसडीएम, एसडीपीओ, एडीसी बोकारो के साथ-साथ वाटर टैंक, फायर ब्रिगेड, आंसू गैस छोड़ने वाली गाड़ियां, रबर गोले दागने वाली गाड़ियां टीम बना कर आये थे, मानो विस्थापितों से नहीं, किसी आतंकवादी से मुकाबला करने आये हैं. मेरे समर्थकों ने गलत किया या सही, मगर प्रशासन का यह कौन सा संवैधानिक तरीका था. एक मामूली क्वार्टर का विषय था, जिसमें प्रशासन का इतना घिनौना रूप देखने को मिला. सोचने वाली बात है कि आने वाले समय में आम ग्रामीण, रैयत एवं विस्थापितों का क्या हश्र होगा. ठीक है हमने चुनौती प्रस्तुत किया, कल भी चुनौती प्रस्तुत करेंगे.सेमिनार की शुरुआत बिनोद बिहारी महतो की प्रतिमा पर माल्यार्पण और पूर्व प्रधानमंत्री डॉ मनमोहन सिंह व अंतरराष्ट्रीय तबला वादक जाकिर हुसैन को श्रद्धांजलि देकर की गयी. सेमिनार की अध्यक्षता समिति के अध्यक्ष लखनलाल महतो और संचालन डॉ दशरथ महतो ने किया.
विस्थापित आयोग बनाने की मांग
समिति के अध्यक्ष लखनलाल महतो ने कहा कि पिछली बार मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने विस्थापित आयोग बनाने की घोषणा की थी. लेकिन अभी तक नहीं बना. बहुत सारी बातों को मैंने जेबीसीसीआइ में कोल इंडिया अध्यक्ष के सामने उठाया था. 10-20 डिसमिल जमीन वाले विस्थापितों को भी नियोजन देने की मांग की थी. परंतु प्रबंधन द्वारा कोई पहल नहीं की गयी. विस्थापितों के लिए ट्रिब्यूनल का गठन किया गया है. इसमें विस्थापितों के पैसे की बात होगी, दूसरी कोई बात सुनी नहीं जायेगी. चक्काजाम आंदोलन को ऐतिहासिक बनाना है. समिति के महासचिव काशीनाथ केवट ने नौ प्रस्तावों को पढ़ कर सुनाया. इसमें विस्थापन आयोग का गठन व समिति के एक नेता को उसमें शामिल करने, बेरमो कोयलांचल के तीनों एरिया के विस्थापितों को बकाया नौकरी देने, 2013 के आरएफसीटीएल एंडआरआर एक्ट के अनुसार चार गुणा मुआवजा देने, रेलवे रैक में मैनुअल लोडिंग समेत अन्य बातें शामिल हैं. डुमरी विधायक जयराम महतो समेत उनके कार्यकर्ताओं पर ढोरी प्रबंधन द्वारा किये गये झूठे मुकदमे को वापस लेने की मांग की गयी.
ये थे उपस्थित
मौके पर पंचानन मंडल, रेखा कुमारी, मथुरा प्रसाद यादव, पवन रजवार, चंदन राम, धनेश्वर महतो, चंदन राम, जानकी महतो, इंद्रजीत मंडल, स्नेहा देवी, धनेश्वर महतो, संजय मल्लाह, चिंतामन महतो, बबीता देवी, राजेश गुप्ता, लालमोहन यादव, विश्वनाथ महतो, कुलेश्वर यादव, चुनिलाल केवट, राजन केवट, अमन रवि, बिनोद चौहान, उमाशंकर महतो, प्रदीप सिंह, चंदन राम, लालमोहन महतो, चंद्रदेव महतो, मनोज सिंह, काली सिंह, पप्पू सिंह, राजू महतो, पिंटू महतो, चितरंजन महतो, गोपी महतो, संजय महतो, किशोर महतो, शशि महतो, रेखा देवी आदि मौजूद थे.
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