फुसरो नगर. फुसरो बाजार हमेशा से शांतिप्रिय रहा है. लेकिन एक माह से यहां की शांति को अपराधी की नजर लग गयी है. खौफ के साये में यहां के व्यवसायी हैं. मोती अलंकार, नागरमल ट्रेडस जैसे बड़े व्यवसायिक प्रतिष्ठान सुरक्षा जवानों की मौजूदगी में चल रहे हैं. व्यवसायियों ने कहा कि किस गैंग द्वारा व्यवसायियों को लगातार धमकी दी जा रही है, इससे पुलिस अनभिज्ञ नहीं है. लेकिन कार्रवाई करने में विफल है. ज्ञान ज्वेलर्स के मालिक को दी गयी धमकी की शिकायत के बाद अगर पुलिस सक्रिय रहती व दुकान का मॉनिटरिंग करती तो अपराधी पकड़े जा सकते थे. बेरमो की भी ऐसी स्थिति ना हो जाये कि धनबाद की तरह व्यवसायियों को पलायन करना पड़े.
व्यवसायियों के लिए एक तरफ कुआं, दूसरी तरफ खाई :
यहां के व्यवसायियों के समक्ष एक तरफ कुआं तो दूसरी तरफ खाई वाली हालत है. बेरमो के एसडीपीओ वशिष्ठ नारायण सिंह बुधवार को बेरमो पहुंचे तो व्यवसायियों ने कहा कि लगातार धमकी मिल रही है, गोली चल रही है, पर आपकी पुलिस सक्रिय नहीं है. व्यवसायी संघ के अध्यक्ष वैभव चौरसिया ने कहा कि 17 मई को मोती अलंकार में फायरिंग की घटना के बाद 22 मई को बोकारो एसपी को ज्ञापन सौंपा था. 27 मई को राज्य के डीजीपी से यहां के व्यवसायी मिले. डीजीपी ने बोकारो डीआइजी से बात की और वहां भेजा. 28 मई को हमलोग डीआइजी से मिले तो उन्होंने कहा कि हमलोग हर पहलू पर विचार कर रहे हैं. श्री चौरसिया ने कहा कि पुलिस कहती है कि ऐसे फोन कॉल को ब्लॉक कर दें. लेकिन व्यवसायी फोन कॉल को ब्लॉक कर देते हैं तो फिर से दूसरे नंबर से धमकी मिलती है. कहा जाता है कि फोन ब्लॉक या इग्नोर करोगे तो खोपड़ी खोल देंगे.32 में से आठ सीसीटीवी कैमरे ही कर रहे काम :
बेरमो थाना क्षेत्र में करगली गेट से लेकर हिंदुस्तान पुल तक डीएमएफटी फंड से लगभग 32 सीसीटीवी कैमरे लगाये गये हैं. लेकिन इनमें से आठ कैमरे ही काम कर रहे हैं. बाकी सब खराब पड़े हैं. व्यवसायियों का कहना था कि खराब कैमरों को दुरुस्त किया जाना जरूरी है.एसपी ने कहा था, लेकिन नहीं हुई सड़कों की बैरिकेडिंग :
व्यवसायियों ने बताया कि मोती अलंकार ज्वेलर्स में घटी घटना के बाद एसपी ने युवा व्यवसायी संघ के प्रतिनिधिमंडल को आश्वासन दिया था कि 27-28 मई को वह फुसरो आकर स्थिति का अवलोकन करेंगे. फुसरो बाजार की मुख्य सड़क को बैरिकेडिंग तीन स्थानों पर करायी जायेगी व सुरक्षा में पुलिस बल लगाये जायेंगे. ताकी इस तरह की घटना के बाद तत्काल अपराधियों को पकड़ा जा सके. इसके अलावा कुछ स्थानों पर जवानों की तैनाती की जायेगी. लेकिन ऐसा कुछ नहीं किया गया.एसपी मामले का मॉनिटरिंग कर रहे हैं. घटनाओं के पीछे गैंग ऑर्गनाइज गैंग है. इसका मकसद दहशत फैलाना है. व्यवसायियों में भय रखना है. बहुत जल्द हमलोग सफलता हासिल करेंगे.
वशिष्ठ नारायण सिंह, एसडीपीओ, बेरमोडिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है