इसके बाद आम लोगों का चादर चढ़ाने का सिलसिला देर रात्रि तक चलता रहा. जियारत व चादरपोशी करने के लिए बेरमो कोयलांचल के जरीडीह बाजार सहित फुसरो,करगली, तुपकडीह, नावाडीह, कुरपनिया, संडे बाजार, जारंगडीह, कथारा, आसनापानी, बरवाबेडा, खेतको, चलकरी के अलावा हजारीबाग, रामगढ़, घाटो, केदला, धनबाद, गिरीडीह, कोडरमा, चतरा सहित कई शहरों व गांवों से बाबा के अकीदतमंद पहुंचे. इस दौरान शाम होते ही बाबा के अकीदतमंदों से पूरा जरीडीह बाजार पट गया इस अवसर पर लगाए गए लाउडस्पीकर से कव्वाली व नातिया कलाम कि सदाएं गूंज रही थी. मजार को आकर्षण लाइटों से सजाया गया था. मजार पहुंचने वालों ने नजराने अकीदत पेशकर चादर चढ़ाई और फातिहा पढ़ी. उर्स में विभिन्न दलों के कई नेताओं व कार्यकर्ताओं ने शिरकत की. देर रात्रि तक काफी संख्या में महिला ,पुरुषों एवं राजनीतिक दलों के लोगों का आना जारी था. मजार कमेटी की ओर से सरकारी चादर पूरे जरीडीह बाजार में बाजे गाजे के साथ घुमाया गया. इस दौरान आस्था से जुड़े लोगों ने चादर में पैसे डाले. गांधीनगर पुलिस प्रशासन और मजार कमेटी के वॉलिंटियर्स शांति व्यवस्था बहाल रखने के लिए पूरी तरह मुस्तैद दिखे. देर रात्रि जलसा और नातिया मुशायरे का भी आयोजन किया गया, उर्स को सफल बनाने में मजार कमेटी के सरपरस्त आबिद हुसैन, अध्यक्ष फिरोज कुरैशी, सचिव रिजजु खान, जावेद सद्दिीकी, वाजिद अली, मोहम्मद इमरान सहित सभी सदस्यों की अहम भूमिका रही.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है