Bokaro Crime News: बोकारो: बोकारो का चर्चित ठेकेदार शंकर रवानी हत्याकांड से पुलिस ने पर्दा उठा दिया है. फिलहाल शूटर को पकड़ने की तैयारी में पुलिस जुटी हुई है. एसपी पूज्य प्रकाश ने बताया कि 18 जुलाई को शंकर रवानी की हत्या ऐश पौंड में ठेकेदारी के कार्य में वर्चस्व बनाये रखने के लिए की गयी थी. हत्या को अंजाम देने के लिए महुआर के ही राजू दूबे ने चास निवासी अशोक सम्राट के साथ मिलकर षड्यंत्र रचा था. बिहार के अमित मुखिया से संपर्क कर शूटरों से 10 लाख में सौदा तय किया गया. इसके बाद राजू दूबे ने प्रतिद्वंद्वी शंकर रवानी की बिहार के शूटरों की मदद से हत्या करवा दी. एसपी ने ये जानकारी सेक्टर नौ स्थित हरला थाना में शनिवार को प्रेस वार्ता कर दी.
राजू दूबे ने हत्या की रची थी साजिश
बोकारो के एसपी ने बताया कि घटना को अंजाम देने के लिए राजू दूबे ने महुआर के परीक्षित सिंह उर्फ राजा, श्याम कुमार रवानी, अमित कुमार रवानी को रेकी पर लगाया. रेकी में शामिल अभियुक्तों को गिरफ्तार किया गया है. अशोक सम्राट की निशानदेही पर कांड में प्रयुक्त सभी सामान जब्त किये गये. फिलहाल एसआइटी शूटरों की गिरफ्तारी के लिए छापेमारी कर रही है. 11 नवंबर 2023 को भी अशोक सम्राट ने ही शंकर पर गोली चलवायी थी. इसमें शंकर बाल-बाल बच गया था. मौके पर सिटी डीएसपी आलोक रंजन, हरला इंस्पेक्टर अनिल कच्छप, बीएस सिटी इंस्पेक्टर सुदामा कुमार दास सहित अन्य पुलिस पदाधिकारी मौजूद थे.
सभी शूटर बिहार के मोकामा के रहनेवाले
एसपी ने बताया कि राजू दूबे ने शंकर की हत्या कराने के लिए अशोक सिंह उर्फ अशोक सम्राट से संपर्क किया था. 10 लाख में हत्या का सौदा हुआ. राजू दूबे ने दो लाख अग्रिम राशि दे दी. इसके बाद अशोक सम्राट ने बिहार के अमित मुखिया से संपर्क किया. अमित मुखिया ने शूटर विकास, शिपुल महतो व बिट्टू महतो के साथ बैठक कर रणनीति बनायी. सभी शूटर बिहार के मोकामा (शूटर अचीता थाना के ओटा निवासी) के रहनेवाले है. हत्या की रणनीति बनाकर शूटर ने अशोक सम्राट से संपर्क किया. रेकी करनेवाले से पल-पल की जानकारी ली. तारापीठ से बोकारो आने के क्रम में शंकर की हत्या करनी थी, लेकिन शंकर बोकारो आ गया. शूटर धनबाद में रुक गये. अहले सुबह बोकारो पहुंचे और पूरी जानकारी ली.
शूटरों को सात साल से तलाश ही रही है पटना एसटीएफ
एसपी ने बताया कि शंकर की हत्या के बाद हर माह राजू दूबे द्वारा पांच लाख रुपये देने की बात हुई थी. ऐश पौंड की कमाई से ये रकम देनी था. इसके साथ ही 20 गाड़ी लगवाने की भी बात कही गयी थी. शंकर पहले बीएसएल में ठेकेदारी करता था. ठेकेदारी के दौरान शंकर से रंगदारी मांगी जाने लगी. इसके बाद शंकर खुद इस धंधे में उतर गया. धीरे-धीरे शंकर प्रतिद्वंद्वी बन गया. इसके बाद उसकी हत्या कर दी गयी. कुख्यात भोला के लिए शूटर शिपूल महतो, विकास व बिट्टू काम करते थे. एक वक्त ऐसा आया कि भोला की ही हत्या उन्हीं के शूटरों शिपूल, विकास व बिट्टू ने पैसे लेकर कर दी. फिलहाल सभी शूटरों को पटना एसटीएफ सात साल से तलाश रही है.
जांच में तकनीकी साक्ष्य व मानवीय सूचना शामिल
बोकारो के एसपी ने बताया कि रेकी करनेवाले के इशारे पर हत्यारों ने शंकर की हत्या 18 जुलाई की सुबह सेक्टर नौ हटिया मोड़ में की और भाग निकले. शंकर के भाई के बयान पर हरला थाना में मामला दर्ज कर अनुसंधान शुरू कर दिया गया था. सभी शूटर फिलहाल बिहार में हैं. इनकी पहचान कर ली गयी है. कांड के उद्भेदन के लिए सिटी डीएसपी आलोक रंजन के नेतृत्व में एसआइटी का गठन किया गया. अनुसंधान में तकनीकी साक्ष्य व मानवीय सूचना को शामिल कर संभावित विभिन्न ठिकानों पर लगातार छापेमारी की गयी. पुलिस की बढ़ती दबिश के कारण राजेंद्र दूबे उर्फ राजू दूबे व अशोक सिंह उर्फ अशोक सम्राट की गिरफ्तारी की गयी.
गिरफ्तार अभियुक्तों के नाम-पता
एसआइटी ने राजेंद्र दूबे उर्फ राजू दूबे (महुआर, थाना हरला), अशोक सिंह उर्फ अशोक सम्राट (गुरुद्वारा कॉलोनी, पंजाबी मुहल्ला, थाना चास), परीक्षित सिंह उर्फ राजा, (महुआर, थाना हरला), श्याम कुमार रवानी (महुआर, थाना हरला), अमित कुमार (महुआर, थाना हरला) को गिरफ्तार किया है.
अपराधियों के पास से जब्त सामान
पुलिस ने गिरफ्तार अपराधियों से अपराध से जुड़ सामान बरामद किए हैं. इसमें एक बाइक चेचिस -एमडी634एइ86एम2इ02701 इंजन- एइ8इएम2502663, एक कार बीट (जेएच09वी-4374), एक काला रंग की कार (जेएच01बीबी-9206), छह स्मार्ट मोबाइल, बीएसएल प्रशासनिक भवन का एंट्री पास शामिल है.
गिरफ्तार अपराधियों का आपराधिक इतिहास
गिरफ्तार अपराधियों का आपराधिक इतिहास है. अशोक कुमार सिंह उर्फ अशोक सम्राट पर कुल चार कांड दर्ज हैं. इसमें सेक्टर चार थाने में कांड संख्या 164/13- आर्म्स एक्ट, बालीडीह थाने में कांड संख्या 32/2003, चास थाने में कांड संख्या 56/2002 और टीटानगर थाने में कांड संख्या एसटी-475/01- आर्म्स एक्ट के तहत मामला दर्ज है. राजेंद्र प्रसाद दूबे उर्फ राजू दूबे पर कुल चार कांड दर्ज हैं. इसमें तीन कांड हरला थाना (कांड संख्या 88/22, कांड संख्या 09/23, कांड संख्या 68/24) में दर्ज है, जबकि एक कांड सेक्टर चार एससी/एसटी थाने में कांड संख्या – 26/22 दर्ज है. इसके अलावा शंकर रवानी हत्याकांड में शामिल अन्य अपराधियों के विरुद्ध बिहार में कई संगीन मामले दर्ज हैं. साथ ही मृतक शंकर रवानी के विरुद्ध हरला थाना व अन्य थानों में छह कांड दर्ज हैं. लोकसभा चुनाव को लेकर जिला बदर था.
छापेमारी दल में तीन दर्जन पुलिस अधिकारी व जवान
छापेमारी दल में सिटी डीएसपी आलोक रंजन, प्रशिक्षु डीएसपी अमरेंद्र कुमार, प्रशिक्षु डीएसपी प्रशांत कुमार, हरला थाना प्रभारी इंस्पेक्टर अनिल कच्छप, बीएस सिटी थाना प्रभारी इंस्पेक्टर सुदामा कुमार दास, सेक्टर चार थाना प्रभारी इंस्पेक्टर संजय कुमार, बालीडीह थाना प्रभारी इंस्पेक्टर नवीन कुमार, सेक्टर 12 इंस्पेक्टर सुभाष चन्द्र सिंह, पुअनि प्रभात कुमार, पुअनि श्रीनिवास कुमार सिंह, पुअनि धमेंद्र कुमार महतो, पुअनि संजय कुमार राय, पुअनि अमरजीत कुमार, पुअनि रवि कुमार, पुअनि धनंजय कुमार, पुअनि सुरेश यादव, पुअनि कपिलमुनी राम, पुअनि सुनील कुमार सिंह, सअनि अजय प्रसाद, सअनि उमेश कुमार, सअनि सुरेश रविदास, सशस्त्र बल व तकनीकी कोषांग के पदाधिकारी शामिल थे.
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