बाेकारो, सब के बालकवा के दिहा छठी मैया ममता-दुलार…पिया के सनेहिया बनईहा मैया दिहा सुख-सार… की गुहार के साथ लोक आस्था और सूर्योपासना का चार दिवसीय छठ महापर्व मंगलवार को नहाय-खाय (कद्दू-भात) के साथ शुरू होगा. मंगलवार को कद्दू-भात को लेकर सोमवार को कद्दू क भाव अचानक से बढ़ गया. बाजार में कद्दू 60 से 80 रुपये तक प्रति किलो बिका. व्रती महिला-पुरुष मंगलवार काे यानी आज अपने लिए अलग से कद्दू-भात का भोजन बनायेंगे. इसमें शुद्ध घी का प्रयोग किया जायेगा. कई जगह व्रती खाने में सेंधा नमक का भी प्रयोग करते हैं. इसके बाद वे स्वजन या अन्य व्रतियों के साथ बाजार जायेंगे और छठ पर्व से संबंधित पूजन सामग्री की खरीदारी करेंगे. बुधवार को पंचमी के दिन खरना है. इस दिन व्रती आंशिक उपवास रहेंगे. दिन में व्रत रहने के बाद शाम को स्वच्छता से प्रसाद के लिए रखे हुए आटे से रसियाव-रोटी बनायेंगे.
अरवा चावल की भात, कद्दू की सब्जी, चने की दाल…
नहाय-खाय के दिन व्रत करने वाले लोग स्नान-ध्यान के बाद अरवा चावल की भात, कद्दू की सब्जी, चने की दाल व आंवले की चटनी जैसी चीजें खाकर पवित्रता से इस व्रत की शुरुआत करेंगे. नहाय-खाय का प्रसाद पाने के लिए व्रत करने वालों के घर मंगलवार को आम श्रद्धालु भी पहुंचेंगे. इसके बाद बुधवार को अरवा चावल, गुड़ और दूध से बनी खीर से व्रती खरना करेंगे और इसके बाद 36 घंटे का निराहार व्रत शुरू हो जायेगा. छठ पर्व परिवार में सुख, समृद्धि और मनोवांछित फल प्रदान करने वाला माना जाता है. गुरुवार को सांध्यकालीन अर्घ्य व शुक्रवार को उगते सूर्य को अर्घ्य देने के बाद व्रत करने वाले लोग पारण करेंगे.
घाटों की रंगाई-पुताई-लिपाई का काम भी पूरा
छठ पूजा की तैयारियों में श्रद्धालु जुटे हैं. एक तरफ बाजार सज गया है, तो दूसरी तरफ तालाब-नदी के किनारे घाटों की सफाई के साथ हीं वेदी निर्माण का कार्य लगभग पूरा हो गया है. श्रद्धालुओं ने अपनी जगह चिह्नित कर ली है. घाटों की रंगाई-पुताई-लिपाई का काम भी लगभग पूरा हो गया है. उधर, बीएसएल प्रबंधन की ओर से शहर के आधा दर्जन से अधिक घाटों की साफ-सफाई, रंग-रोगन का काम आदि पूरा कर लिया गया है. बीएसएल की ओर से घाटों पर लाइट व स्वास्थ्य की सुविधा भी उपलब्ध होगी.
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