बोकारो, चिन्मय विद्यालय सेक्टर पांच के समिति कक्ष में हिंदी दिवस के अवसर पर काव्य गोष्ठी का आयोजन किया गया. शुरुआत विद्यालय के कोषाध्यक्ष आरएन मल्लिक, प्राचार्य सूरज शर्मा, उप प्राचार्य नरमेंद्र सिंह ने किया. प्राचार्य सूरज शर्मा ने कहा कि माता, मातृभूमि व मातृभाषा का सम्मान हमें हमेशा करना चाहिए. हिंदी हमें राष्ट्रीयता से जोड़ती है और देश प्रेम की भावना से उत्प्रेरित भी करती है. भारत की भाषाई विविधता को जोड़ने का माध्यम हिंदी है. हिंदी समावेशी, सरल व स्पष्ट भाषा है. श्री मल्लिक ने कहा कि हमें अपनी मातृभाषा पर गर्व करना चाहिए, क्योंकि यह अंतरराष्ट्रीय स्तर पर एक अलग पहचान बनाये हुए है. शिक्षकों को हिंदी साहित्य लेखन में रुचि लेनी चाहिए, जिससे इस भाषा को और प्रसारित व संवर्धित किया जा सके.
भारत की पहचान, कवियों के प्रकार, आज की नारी, मेरा मन
वरीय अध्यापिका डॉ. नमिता शर्मा की स्वरचित देश भक्ति कविता से काव्य गोष्ठी की शुरुआत हुई. उसके बाद पूजा सिंह ने भारत की पहचान, मनोज तिवारी ने कवियों के प्रकार, अल्पना सिंह ने आज की नारी, आरती कुमारी ने मेरा मन शीर्षक पर अपनी स्वरचित कविता से प्रभावित किया. अभिनव बर्मन, आभा सिंह, रीना सिंह, अंकिता पाठक ने भी अपनी स्वरचित कविता से सभी को प्रभावित किया. कार्यक्रम में मंच संचालन डॉली झा व धन्यवाद ज्ञापन हिन्दी विभागाध्यक्ष पूजा सिंह ने किया. इस दौरान अकादमिक पर्यवेक्षक विकास परिधारिया, अकादमिक पर्यवेक्षिका रश्मि सिंह, रश्मि शुक्ला, सुबल प्रसाद झा, रवि कुमार सहित अन्य शिक्षक-शिक्षिका उपस्थित थे.
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