बोकारो, स्वर्वेद कथामृत के प्रवर्तक संत प्रवर विज्ञान देव महाराज कन्याकुमारी से कश्मीर तक राष्ट्रव्यापी संकल्प यात्रा के निमित्त बुधवार को सेक्टर एक स्थित हंस पैलेस बोकारो पहुंचे. मंगलदीप प्रज्वलन के साथ कार्यक्रम की शुरुआत हुई. श्री विज्ञान देव ने कहा कि हमारा अज्ञान ही हमारे दु:खों का कारण है. कोई व्यक्ति अयोग्य नहीं. अच्छाइयां – बुराइयां सबके भीतर हैं. दुर्बलता व कठिनाइयों से घबराना नहीं चाहिए. उन कठिनाइयों को दूर करने की जो प्रेरणा, जो शक्ति, जो सामर्थ्य है वह अध्यात्म के आलोक से, स्वर्वेद के स्वर से एक साधक को अवश्य ही प्राप्त होता है. क्योंकि हमारे भीतर अंतरात्मा रूप से परमात्मा ही तो स्थित है. महाराज ने कहा कि सत्य पर पूर्ण विश्वास ही श्रद्धा है. जो श्रद्धावान है, वही ज्ञान की प्राप्ति कर शांति का अनुभव करता है. धर्म , अर्थ, काम व मोक्ष की चतुःसूत्री ही भारतीय संस्कृति का आधार है. इसकी सिद्धि मानव जीवन का परम उद्देश्य है. धर्मपूर्वक ही अर्थ और काम की प्राप्ति श्रेयष्कर है. अर्थ और काम की प्रासंगिकता व प्रयोजन मर्यादित है. मुख्य पुरुषार्थ तो मोक्ष है. लेकिन, उसका आरम्भ भी धर्म से ही होता है. श्रद्धालुओं को विहंगम योग के क्रियात्मक योग साधना को सिखाया गया. आयोजकों ने बताया कि छह व सात दिसंबर 2025 को विशालतम ध्यान-साधना केंद्र (मेडिटेशन सेंटर) स्वर्वेद महामंदिर, वाराणसी में 25000 कुंडीय स्वर्वेद ज्ञान महायज्ञ होना है. उसी क्रम में यह संकल्प यात्रा हो रही है. मौके पर सुखनंदन सिंह सदय, उदय प्रताप सिंह, राधाकृष्ण सिन्हा, सुरेंद्र सिंह, कमलेश श्रीवास्तव, सोनू मिश्रा, आदित्य महथा, आरके पांडेय, रविकांत पांडेय, संतोष सिंह, अखिलेश महतो, संतोष सिंह, अरुण केशरी, संजय केशरी व अन्य मौजूद थे.
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