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BOKARO NEWS: धूमधाम से मनायी गयी लक्खी पूजा, मंदिरों में उमड़े श्रद्धालु

BOKARO NEWS: मां लक्खी की प्रतिमा स्थापित कर लोगों ने पूजा-अर्चना कर सुख-समृद्धि की कामना की

चास, चास व आसपास के इलाके में बुधवार को लक्खी पूजा धूमधाम से मनायी गयी. चास पुराना बाजार बमनिया गली स्थित निताई बाड़ी ,फलमंडी सुखदेव नगर सहित विभिन्न स्थानों पर शाम को मां लक्खी की प्रतिमा स्थापित कर लोगों ने पूजा-अर्चना कर सुख-समृद्धि की कामना की. श्री श्री कोजागरी लक्खी पूजा ट्रस्ट के सदस्य और स्थानीय श्रद्धालुओं ने भोलूर बांध से बारी लाकर विधिवत पूजा-अर्चना के साथ लक्खी पूजा महोत्सव की शुरुआत की. आयोजक समिति के सदस्यों ने कहा कि बंगाली समुदाय के लोग आज के दिन को कोजागरी लक्खी पूजा के नाम से मनाते हैं. लक्खी पूजा महोत्सव के दौरान ट्रस्ट की ओर बांग्ला नाटक का आयोजन किया जायेगा. सभी मंदिरों में मां की पूजा के लिए महिला श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ी. चास प्रखंड के बाधाडीह, नावाडीह , पुपुनकी सहित अन्य गांवों में भी धूमधाम से लक्खी पूजा मनायी गयी. साथ ही भक्तों ने अपने घरों में विशेष पूजा की.

खैराचातर : पूजा में सैकड़ों श्रद्धालु हुए शामिल

कसमार, कसमार प्रखंड के खैराचातर (बनिया टोला) स्थित सार्वजनिक लखी मंदिर में बुधवार को मां लखी की पूजा धूमधाम से मनायी गयी. सुबह से मंदिर में पूजा को लेकर चहल-पहल थी. मंदिर को आकर्षक तरीके से सजाया गया था. देर रात तक पूजा-अर्चना में गांव के सैकड़ों महिला-पुरुष श्रद्धालुओं ने भाग लिया. पुजारी विभूति चटर्जी व चंदन चटर्जी ने पूजा संपन्न कराया. मालूम हो कि खैराचातर समेत अस्पताल के गांवों का यह एकमात्र लखी मंदिर है, जो आस्था और श्रद्धा का केंद्र है. हर वर्ष यहां लखी पूजा काफी धूमधाम से होती है. पूजा को सफल बनाने में वार्ड सदस्य प्रकाश चंद्र दे, विनीत दे, सुनील कुमार कपरदार, विमल पॉल, रामकान्हाई दे, रवि दे, प्रेमजीत जायसवाल, नेहा कुमारी, स्नेहा कुमारी, पिंकी कुमारी, सरस्वती देवी, शिवानी देवी, चितरंजन दे उर्फ भोलू आदि ने अहम भूमिका निभायी.

चंदनकियारी : भजन कीर्तन व सांस्कृतिक कार्यक्रम का किया गया आयोजन

चंदनकियारी, चंदनकियारी प्रखंड के विभिन्न क्षेत्रों में बुधवार को कोजगोरी लक्खी पूजा मनायी गयी. प्रखंड मुख्यालय स्थित नीचे बाजार स्थित सुवर्ण बनिक समिति ने ओझा टोला में धूमधाम से पूजा का आयोजन किया. हर परिवार ने अपने घर में धन की देवी लक्ष्मी की पूजा पूरी श्रद्धा व भक्तिभाव से की. भजन-कीर्तन के साथ लक्ष्मी के घर आने का आह्वान किया गया. इसके अलावा प्रखंड के बड़ाजोर, मोहनपुर, घोड़ागढ़ा, रंगमटिया, सिमुलिया समेत आसपास के गांवों में भी पूजा की गयी. कई जगहों पर सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया. आश्विन मास की पूर्णिमा तिथि को यह पूजा करने का विधान है. मान्यता है कि इससे मां लक्ष्मी प्रसन्न होती है और उनकी कृपा बनी रहती है.

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