बोकारो, कोयलांचल के वरिष्ठ गायनेकोलॉजिस्ट डॉ केके दास (90 वर्ष) का देहांत गुरुवार की दोपहर को-ऑपरेटिव कॉलोनी स्थित आवास में हो गया. उनके निधन की खबर से चिकित्सकों के बीच शोक की लहर छा गयी. जिसने सुना वही उनके आवास पर अंतिम दर्शन को पहुंचा. सबने कहा कि बोकारो के सबसे पुराने व वरिष्ठ चिकित्सक के देहांत से बोकारो के चिकित्सा जगत में एक सुनापन आ गया है. इसकी भरपाई कभी भी संभव नहीं है. उन्होंने बोकारो को एक पहचान दी. अपने पीछे पत्नी डॉ कृष्णा दास, पुत्र डॉ कौशिक दास, पुत्रवधू डॉ संचेता दास, पौत्र डॉ कौस्तुभ दास, पुत्री डॉ कोणकणा मित्रा, दामाद डॉ वाणी कुमार मित्रा सहित भरापूरा परिवार छोड़ गये हैं. उनका अंतिम संस्कार शुक्रवार की सुबह छह बजे चास स्थित गरगा श्मशान घाट में किया जायेगा. डॉ दास के दर्शन के लिए बोकारो, धनबाद, रामगढ़, पुरुलिया, निरसा, चिरकुंडा, बराकर, आसनसोल, गोला, रांची सहित विभिन्न जगहों से चिकित्सकों का आना-जाना लगा रहा. डॉ केके दास सपरिवार कोलकाता से वर्ष 1975 में बोकारो आये. मरीजों के इलाज में डॉ दास इतने रम गये कि बोकारो के होकर रह गये. डॉ केके दास दर्जनों संस्थाओं के संरक्षक व दर्जनों संगठनों के संस्थापक सदस्य भी रहे. दर्जनों राष्ट्रीय व राज्यस्तरीय सम्मान से सम्मान भी हासिल किया. बोकारो में आइएमए के गठन का श्रेय भी डॉ केके दास को ही जाता है.
आइएमए चास, मिशन पिंक हेल्थ व फोगसी ने जताया शोक
आइएमए चास, आइएमए मिशन पिंक हेल्थ व फोगसी (फ़ेडरेशन ऑफ़ ऑब्सटेट्रिक एंड गायनेकोलॉजिकल सोसाइटीज़ ऑफ़ इंडिया) बोकारो चेप्टर ने डॉ दास के निधन पर गहरा शोक व्यक्त किया है. आइएमए चास अध्यक्ष डॉ संजय कुमार व सचिव डॉ अनुप्रिया पंकज, पूर्व अध्यक्ष डॉ रणधीर कुमार सिंह, मिशन पिंक हेल्थ की प्रदेश उपाध्यक्ष डॉ मीता सिन्हा, फोगसी बोकारो की अध्यक्ष डॉ आशा गुप्ता, आइमएए के प्रदेश उपाध्यक्ष डॉ बीके पंकज सहित सभी संगठनों से जुडे दर्जनों चिकित्सकों ने शोक व्यक्त किया.
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