बोकारो. झारखंड में एक के बाद एक कई सरकारें आयीं और गयीं. बोकारो में सरकारी मेडिकल, इंजीनियरिंग व लॉ कॉलेज खोलने की घोषणा भी लगातार की गयी, लेकिन बोकारो में उच्च शिक्षा सपना बन कर रह गयी है. बोकारो स्टील सिटी कॉलेज में वर्ष 2016 से विभावि (विनोबा भावे विश्वविद्यालय) प्रशासन की पहल पर स्नातकोत्तर (इतिहास व गणित) की पढ़ाई चल रही थी, उसे भी बीबीएमकेयू (बिनोद बिहारी महतो कोयलांचल विश्वविद्यालय) प्रशासन ने बंद करने का फरमान जारी कर दिया है. इससे बोकारो के विद्यार्थी, छात्र नेता व बुद्धिजीवी सकते में हैं और सभी बीबीएमकेयू के कुलपति डॉ सुखदेव भोई के इस फरमान का जमकर विरोध कर रहे हैं. कई विद्यार्थी पीजी में नामांकन को लेकर बोकारो कॉलेज से सूचना लेकर लौटते नजर आये.
10 साल तक आंदोलन के बाद सिटी कॉलेज में शुरू हुई थी पीजी की पढ़ाई
बोकारो स्टील सिटी कॉलेज में स्नातकोत्तर की पढ़ाई शुरू करने की मांग को लेकर छात्र नेताओं ने लगभग 10 साल तक लगातार आंदोलन चलाया. मंत्री, सांसद व विधायक के नाम सैकड़ों पत्र लिखे. इसके बाद शिक्षा विभाग की नींद खुली. विभावि ने वर्ष 2016 में बोकारो कॉलेज में इतिहास व गणित में स्नातकोत्तर की पढ़ाई को लेकर हरी झंडी दे दी थी. इसके बाद बोकारो में बीएड की पढ़ाई भी शुरू हुई. बीबीएमकेयू प्रशासन ने वर्ष 2023 में पीजी बंद करने का फरमान सुना दिया.
क्या कहते हैं छात्र नेता, बुद्धिजीवी व विद्यार्थी
छात्र नेता सुमन कुमार ने कहा कि बीबीएमकेयू प्रबंधन के तानाशाह फरमान का विरोध करते हैं. स्नातकोत्तर को पुन: स्थापित करने के लिए आंदोलन शुरू कर दिया गया है. पुन: संचालित होने तक आंदोलन होगा. पीजी छात्र रोहित कुमार राय ने कहा कि बोकारो स्टील सिटी कॉलेज को लेकर कुलपति का यह आदेश छात्रहित में नहीं है. बोकारो बौद्धिक राजधानी के रूप में पूरे देश में ख्याति प्राप्त है. इसके बाद भी इस तरह का फरमान छात्रों को आंदोलित करनेवाला है. स्नातकोत्तर छात्रा अंजली कुमारी ने कहा कि बोकारो कॉलेज विवि प्रशासन को विद्यार्थी हित में हर संभव शैक्षणिक गतिविधि शुरू करना चाहिए. इस तरह के फरमान से मन को आघात पहुंचा है. इससे युवाओं का विकास अवरुद्ध होगा.
पीजी की पढ़ाई बंद करना है अपराध
सदर अस्पताल के सर्जन डॉ दीपक कुमार ने कहा कि उच्च शिक्षा के नाम पर बोकारो में कुछ भी नहीं है. मुझे चिकित्सक बनने के लिए दूसरे राज्य का सहारा लेना पड़ा. बाहर जाकर शिक्षा ग्रहण में कई तरह की परेशानी होती है. बोकारो कोर्ट के अधिवक्ता अतुल कुमार ने कहा कि उच्च शिक्षा के नाम पर बोकारो को शुरू से ही झटका मिलता रहा है. कहा जाता है कि उच्च शिक्षा को लेकर सरकार संजीदा है, परंतु बोकारो में उच्च शिक्षा के नाम पर सब चुप हो जाते हैं. बोकारो कोर्ट की अधिवक्ता राजश्री कहती हैं कि बोकारो को वर्षों से सरकारी मेडिकल, इंजीनियरिंग व लॉ कॉलेज मिलने की बात सुनती आ रही हूं. आज तक कुछ नहीं हो सका. स्नातकोत्तर की पढ़ाई बंद करना एक अपराध है.