12.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

कोल इंडिया : कभी उत्पादन 70 मिलियन टन, अब लक्ष्य 720 मिलियन टन

भारत में ऊर्जा की जरूरतों को पूरा करने के लिए 70 के दशक में कोयला उद्योग का राष्ट्रीयकरण किया गया. राष्ट्रीयकरण से पूर्व प्राइवेट खानगी मालिक खराब तरीके से प्राकृतिक संसाधनों का दोहन कर रहे थे.

अप्रैल 2011 में कोल इंडिया को भारत सरकार ने दिया था महारत्ना कंपनी का दर्जा स्थापना दिवस पर विशेष बेरमो फोटो जेपीजी 31-5 कोयला खदान की तसवीर राकेश वर्मा, बेरमो एक नवंबर को कोल इंडिया अपना स्थापना दिवस मनायेगा. राष्ट्रीयकरण से पूर्व जहां कोल इंडिया में मात्र 70 मिलियन टन कोयला का उत्पादन होता था. वह वर्तमान में बढ़ कर 780 मिलियन टन (2023-34) हो गया. इसमें तीन चौथाई (80 फीसदी से ज्यादा) उत्पादन आउटसोर्स से किया जा रहा है. वर्ष 2025 तक कोल इंडिया का उत्पादन लक्ष्य एक बिलियन टन रखा गया है. पब्लिक सेक्टर के क्षेत्र में आज कोल इंडिया पूरे विश्व में सबसे ज्यादा कोयला उत्पादन करनेवाली कंपनी है. कोल इंडिया में भारत सरकार का 90 फीसदी शेयर है. अप्रैल 2011 में भारत सरकार ने इऐ महारत्न कंपनी का दर्जा दिया था. आज कोल इंडिया पांचवीं सबसे महत्वपूर्ण कंपनी बन गयी है. भारत में ऊर्जा की जरूरतों को पूरा करने के लिए 70 के दशक में कोयला उद्योग का राष्ट्रीयकरण किया गया. राष्ट्रीयकरण से पूर्व प्राइवेट खानगी मालिक खराब तरीके से प्राकृतिक संसाधनों का दोहन कर रहे थे. राष्ट्रीयकरण के बाद वैज्ञानिक तरीके से देश की मांग के मुताबिक कोयला खनन शुरू हुआ. खानगी मालिकों के समय कोयला मजदूरों का शोषण होता था.

राष्ट्रीयकरण के बाद उनके जीवन स्तर में सुधार हुआ. देश के स्टील व पावर प्लाटों में प्राइम कोकिंग कोल मांग के अनुसार आपूर्ति करने में कोल इंडिया सक्षम हुई. दो चरणों में हुआ था कोयला उद्योग का राष्ट्रीयकरण 1970 के दशक में दो चरणों में कोयला उद्योग का राष्ट्रीयकरण किया गया था. 1972 में 226 कोकिंग कोल माइंस का (बीसीसीएल से) तथा 711 नन-कोकिंग कोल माइंस का (कोल माइंस ऑथरिटी लि) राष्ट्रीयकरण किया गया. एक नवंबर 1975 को कोल इंडिया का गठन किया गया. 1975 से 2010 तक कोल इंडिया में भारत सरकार की सौ फीसदी साझेदारी हो गयी. अक्टूबर 2010 में कोल इंडिया ने प्रति शेयर 245 रुपये की दर से 10 फीसदी शेयर बेच कर 24 हजार करोड़ रुपये अर्जित किये. यह आइपीओ में भारत का दूसरा सबसे बड़ा कलेक्शन था. इसके बाद 2014-15 में और 10 फीसदी शेयर बेच कर सरकार ने करीब 20 हजार करोड़ रुपये अर्जित किये. अभी तक कोल इंडिया में कुल 32 फीसदी विनिवेश किया जा चुका है.

कोल इंडिया का फिलहाल आठ राज्यों में 81 माइनिंग एरिया है. राष्ट्रीकरण के वक्त कोल इंडिया में 937 कोल माइंस थी. वर्तमान में लगभग 354 ओसी व यूजी माइंस है. कोल इंडिया में कुल 17 कोल वाशरी भी है. इसमें 12 कोकिंग कोल वाशरी तथा पांच नन-कोकिंग कोल वाशरी है. इसमें से पांच-छह वाशरियां बंद हो गयी हैं. कोल इंडिया में करीब 200 अन्य स्टेब्लीसमेंट है, जिसमें वर्कशॉप तथा अस्पताल शामिल हैं.

Also Read: ठेका कर्मियों के लिए खुशखबरी! कोल इंडिया प्रबंधन ने बढ़ाया वेतन, लाभान्वित होंगे 90 हजार मजदूर

कभी हुआ करता था सात लाख मैन पावर

राष्ट्रीयकरण के वक्त कोल इंडिया का मैन पावर सात लाख था. आज यह 2.32 लाख पर आ गया है. वहीं आउटसोर्स में काम करने वाले ठेका मजदूरों की भी संख्या पौने लीन लाख के आसपास है, जबकि कोल इंडिया के पास इसका आंकड़ा मात्र 90 हजार के करीब है.

1774 में रानीगंज से शुरू हुआ था उत्पादन

भारत में कोयला खनन का इतिहास काफी पुराना है. ब्रिटिश इस्ट इंडिया कंपनी ने वर्ष 1774 में दामोदर नदी के पश्चिमी किनारे रानीगंज में कोयले का वाणिज्यिक खनन शुरू किया. वर्ष 1953 में भाप से चलने वाली गाड़ियों के शुरू होने से कोयले की मांग बढ़ी. इसके बाद कोयला का उत्पादन लगभग एक मिलियन मैट्रिक टन सालाना हो गया. 1942 तक सालना उत्पादन मिलियन मैट्रिक टन, 1946 तक 30 मिलियन मैट्रिक टन हो गया. राष्ट्रीकरण के समय 1972-73 में उत्पादन बढकर सालाना 74 मिलियन मैट्रिक टन हो गया.

कोयला उद्योग के राष्ट्रीकरण के बाद जब 01.01.1975 को पहली बार कोयला मजदूरों के लिए एनसीडब्लूए-1 का एग्रीमेट हुआ. उस समय केटेगरी वन के मजदूरों का प्रति माह का बेसिक मात्र 260 रुपये (रोजाना 10 रुपये) था. एनसीडब्लूए-11 के एग्रीमेट के अनुसार केटेगेरी-वन के मजदूरों का बेसिक प्रति माह 39069 रुपये है.

Also Read: …जब सैकड़ों समर्थकों के साथ बीच सड़क पर बैठ गए थे बिनोद बाबू, CCL से कोल इंडिया तक मच गया था हड़कंप

सार्वजनिक स्वरूप को बचाये रखने का सवाल

एटक नेता व जेबीसीसीआइ सदस्य लखनलाल महतो कहते हैं कि कोल इंडिया पुन: निजीकरण की ओर जा रही है. तेज गति से आउटसोर्सिंग व एमडीओ शुरू है. 162 कोल माइंस, सीएचपी व वाशरी को लीज पर निजी मालिकों का दिये जाने की प्रक्रिया शुरू कर दी गयी है. आज कोल इंडिया के सार्वजनिक स्वरूप को बचाये रखने का सवाल है. वर्ष 2025 तक एक बिलियन टन उत्पादन के लिए 20 हजार हेक्टेयर अतिरिक्त भूमि की आवश्यकता पड़ेगी. कोल इंडिया के पास उसका अपना रिजर्व लगभग 62 हजार करोड़ रुपए केंद्र सरकार ने ले लिया है.

स्थापना दिवस पर होंगे कई कार्यक्रम

कोल इंडिया के स्थापना दिवस पर सीसीएल के बीएंडके, ढोरी व कथारा एरिया में भी कई कार्यक्रम होंगे. प्रभात फेरी, शपथ पत्र, झंडोत्तोलन, मिठाई वितरण, सांस्कृतिक कार्यक्रम, स्कूली बच्चों के लिए लेख व वाद-विवाद प्रतियोगिता आदि होंगे. स्थापना दिवस समारोह को लेकर तीनों एरिया के महाप्रबंधक कार्यालयों को सजाया गया है.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें