राधेश्याम, तलगड़िया : चास प्रखंड अंतर्गत बिजुलिया मोड़ से सात किमी दूर दामोदर नदी किनारे स्थित चेचका धाम की पहचान एक धार्मिक और पर्यटन स्थल के रूप में है. नववर्ष के मौके पर यहां लोगाें की भीड़ उमड़ती है. पूजा व दर्शन के अलावा लोग पिकनिक का आनंद भी लेते हैं. बिहार और प बंगाल से भी काफी संख्या में लोग यहां आते हैं. मकर संक्रांति में यहां मेला भी लगता है. चेचका धाम परिसर में शिव, पार्वती, काल भैरवी, शीतला, मां वैष्णवी, शनि, बजरंगबली, नंदी आदि के मंदिर हैं. मान्यता है कि चेचका धाम में भगवान विष्णु के पद, शंख, चक्र और गदा के चिह्न हैं. बगल की चट्टान पर खुदाई कर अज्ञात लिपि में कुछ लिखा हुआ है. इसे आज तक नहीं पढ़ा जा सका है. मंदिर के बगल में निरंतर झरना बहता रहता है, जो दामोदर नदी में जाकर मिल जाता है. मंदिर के चारों ओर हजारों बेल वृक्ष हैं. लोगों का मानना है कि भगवान शिव व विष्णु यहां प्रकट हुए थे. चेचका धाम को पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने को लेकर सरकार की ओर से काम किये जाते रहे हैं. दिल्ली से आयी पुरातात्विक विभाग की टीम ने वर्ष 2002 में चेचका धाम की स्थल रिपोर्ट सरकार को सौंपी थी, इसके बाद यहां विकास के कार्य हुए. रांची विश्वविद्यालय के पुरातात्विक विभाग के हरेंद्र सिन्हा अपनी टीम के साथ जुलाई 2015 में यहां आये थे. टीम ने मंदिर को अति प्राचीन बताया था.
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