बोकारो. बोकारो इस्पात डिप्लोमाधारी कामगार यूनियन (बीड़ू) का एक प्रतिनिधिमंडल बोकारो स्टील प्लांट के मुख्य महाप्रबंधक एचआर हरि मोहन झा से मिला. डिप्लोमा कर्मचारियों के प्रोन्नति से जुड़े मुद्दों पर विस्तृत चर्चा की. समाधान के लिए सकारात्मक कदम उठाने की मांग की. यूनियन के महामंत्री संदीप कुमार ने कहा कि वर्तमान प्रमोशन पॉलिसी के अनुसार डिप्लोमा इंजीनियरों को अधिकारी वर्ग में प्रोन्नति परीक्षा की पात्रता के लिए एस-6 ग्रेड के बाद 5 साल का अनुभव अनिवार्य है. इससे डिप्लोमा इंजीनियरों को इ-जीरो परीक्षा की पात्रता के लिए ज्वाइनिंग के बाद 16 वर्ष लग जाते हैं. इससे उन्हें प्रमोशन का लाभ नहीं मिलता है. श्री कुमार ने कहा कि इसलिए फ्यूचर ग्रोथ को देखते हुए डिप्लोमा इंजीनियरों के लिए अधिकारी वर्ग में प्रोन्नति परीक्षा की पात्रता एस-6 ग्रेड से की जाय, क्योंकि पूर्व में जब डिप्लोमा इंजीनियर्स की बहाली एस-6 ग्रेड में होती थी. उस समय ज्वाइनिंग के नौ वर्ष के बाद डिप्लोमा इंजीनियर अधिकारी वर्ग में प्रोन्नति की परीक्षा के लिए पात्र हो जाते थे. इस आधार पर वर्तमान में जब डिप्लोमा होल्डर एस-3 ग्रेड में ज्वाइन करते हैं, तो उनको कम से कम एस-6 ग्रेड में पहुंचते ही अधिकारी वर्ग में प्रोन्नति परीक्षा की पात्रता दी जानी चाहिए. अध्यक्ष रवि शंकर ने कहा : देश के हर संस्थान में डीइ को एक विशेष महत्व दिया जाता है. सेल में सेपरेट सुपरवाइजरी कैडर का निर्माण कराया जाय : रवि शंकर ने कहा कि सेल में भी डिप्लोमा इंजीनियरों को विशेष महत्व देते हुए एक सेपरेट सुपरवाइजरी कैडर का निर्माण कराया जाय. इ-जीरो परीक्षा पात्रता के साथ-साथ अनुभव के अंक भी एक महत्वपूर्ण विषय है. इसलिए डिप्लोमा इंजीनियरों के अनुभव के अंक उनके ज्वाईनिंग तिथि से ही जोड़ा जाय. श्री शंकर ने कहा कि इस समय बहुत सारे डिप्लोमा कर्मचारी उच्च शिक्षा के लिए अपने खर्च पर बीटेक डिग्री कोर्स कर रहे हैं. उनको प्रोत्साहित करने के लिए प्रबंधन द्वारा दिया जाने वाला एजुकेशन इंसेंटिव जो वर्तमान में 10,000रु है, उसे बढ़ाकर 50000 रु किया जाय. इससे डीइ प्रोत्साहित होंगे.
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