22.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

झारखंड के जंगलों में मिलने वाले फलों से डायबिटीज व लकवा जैसे रोग हो जाते हैं ठीक

बोकारो जिले के गोमिया प्रखंड स्थित सदारों में सड़क किनारे कई जगह गांव के लोग इन जंगली फलों की बिक्री करते मिल जायेंगे. इन दिनों जो फल बिक रहे हैं, उनमें केंद, मकर केंद, भेलवा, इमली, पियार आदि शामिल हैं. जंगलों में पाये जाने वाले ये फल स्वास्थ्य के लिए बेहद गुणकारी हैं.

ललपनिया (बोकारो), नागेश्वर. बोकारो जिले के गोमिया प्रखंड में कई जंगल हैं. इन जंगलों में कई तरह के जंगली फल मिलते हैं. इन जंगली फलों के सेवन से कई तरह के रोग ठीक हो जाते हैं. लुगू, झुमरा, जिनगा व आसपास के जंगलों में प्रचुर मात्रा में जंगली फल पाये जाते हैं. ऐसे फलों की की खरीदारी के लिए आपको गोमिया-विष्णुगढ़ पथ के किनारे सदारों आना होगा.

सदारों में सड़क किनारे बिकते हैं ये गुणकारी फल

सदारों में सड़क किनारे कई जगह गांव के लोग इन जंगली फलों की बिक्री करते मिल जायेंगे. इन दिनों जो फल बिक रहे हैं, उनमें केंद, मकर केंद, भेलवा, इमली, पियार आदि शामिल हैं. जंगलों में पाये जाने वाले ये फल स्वास्थ्य के लिए बेहद गुणकारी हैं. पियार की कीमत यहां 200 रुपये प्रति किलो है, जबकि शहर में अगर आप इसे खरीदेंगे, तो आपको यह 400 रुपये किलो मिलेगा.

Also Read: Jharkhand: पयाल के पेड़ लगाकर खूब करें कमाई, अंग्रेजों के जमाने से ग्रामीण आदिवासियों की आय का रहा है जरिया पौष्टिक और औषधीय गुणों से भरपूर है पियार फल

बैद्य खुलेश्वर महतो बताते हैं कि पियार फल पौष्टिक तो है ही, इसमें कई औषधीय गुण हैं. शुगर यानी मधुमेह की बीमारी में यह काफी फायदेमंद है. इसके सेवन से खून साफ होता है. इसके बीज को सुखाकर पाउडर बनाकर सुबह-शाम सेवन करने से शुगर लेवल कम होता है. इसके पेड़ के छाल का काढ़ा बनाकर पीयें, तो धातु रोग ठीक हो जाते हैं.

Undefined
झारखंड के जंगलों में मिलने वाले फलों से डायबिटीज व लकवा जैसे रोग हो जाते हैं ठीक 2
केंद के सेवन से ठीक हो जाता है पेचिस

उन्होंने बताया कि केंद काफी मीठा और स्वादिष्ट होता है. कच्चे केंद कसैला होता है. इसके सेवन से पेचिस ठीक हो जाता है. इसके बीज पौष्टिक होते हैं. बीज को सुखाकर उसका पाउडर बनाकर एक-एक चम्मच सुबह-शाम सेवन करने से कमजोरी दूर हो जाती है.

Also Read: झारखंड के किसानों को मालामाल कर देगा करंज, डायबिटीज-अल्सर समेत आधा दर्जन से अधिक बीमारियों की है दवा केंद प्रजाति का ही फल है मकर केंद

बैद्य खुलेश्वर महतो के मुताबिक, मकर केंद भी मीठा होता है. यह केंद की एक प्रजाति है. यह केंद से बड़े आकार का होता है. इसके भी सेवन से पेचिस ठीक होता है. इसके रस का सेवन करने से भी लाभ होता है.

भेलवा को कहते हैं गांव का किसमिस

भेलवा एक फल है, जो पका हो, तो खाने में मीठा लगता है. ग्रामीण क्षेत्र में इसे किसमिस कहते हैं. इसके बीज को सुखाकर पाउडर बना लें और देशी गाय के घी में छानकर पाउडर बनाकर सुजी या आटा में मिश्री या गुड़ मिलाकर हलवा बनाकर इसका सेवन करने से लकवा की बीमारी और वायु रोग ठीक हो जाते हैं. श्री महतो बताते हैं कि ग्रामीण इलाकों में मवेशी बीमार पड़ जाये या बुखार लग जाये, तो भेलवा को गर्म करके पैर में दागा जाता है.

जामुन का फल मधुमेह में है गुणकारी

खुलेश्वर महतो कहते हैं कि जामुन का फल भी काफी स्वादिष्ट होता है. यह मीठा होता है. यह भी मधुमेह के रोगियों के लिए काफी फायदेमंद है. जामुन के फल का सेवन करें और इसके बीज को सुखाकर रख लें. इसका पाउडर बनाकर सुबह-शाम सेवन करेंगे, तो इससे काफी फायदा होगा.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें