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डुमरी उपचुनाव : 1972 में बेरमो से नावाडीह को काट कर व डुमरी में शामिल कर बना था नया विधानसभा क्षेत्र

डुमरी विधानसभा उपचुनाव की डुगडुगी बज गयी है. इस विधानसभा क्षेत्र से 1977 के बाद से एक ही जाति के लोग प्रतिनिधित्व करते रहे हैं. 1972 में बेरमो विस से नावाडीह प्रखंड को काटकर डुमरी विस में शामिल कर नये विधानसभा का सृजन किया गया था.

बेरमो (बोकारो), राकेश वर्मा : आगामी पांच सितंबर, 2023 को डुमरी विधानसभा का उपचुनाव है. इसको लेकर राजनीतिक समेत प्रशासनिक गतिविधियां तेज हो गयी है. इस बार डुमरी विधानसभा का इतिहास जानने की कोशिश करते हैं. वर्ष 1972 में बेरमो विधानसभा से नावाडीह प्रखंड को काटकर डुमरी विधानसभा में शामिल कर नये विधानसभा का सृजन किया गया था. वर्ष 1972 में इस सीट से कांग्रेस के मुरली भगत चुनाव जीत कर विधायक बने थे. इसके बाद 1977 में लालचंद महतो ने डुमरी विधानसभा सीट से पहला चुनाव जनता पार्टी के टिकट पर लडा था.

नावाडीह प्रखंड व डुमरी प्रखंड को मिलाकर बना डुमरी विधानसभा

वर्ष 1977 के पहले डुमरी विधानसभा में डुमरी और पीरटांड प्रखंड शामिल था. उस वक्त कुरमी जाति के अलावा बाहर के लोग भी इस विधानसभा क्षेत्र से विधायक रहे. लेकिन, वर्ष 1977 से लगातार एक ही जाति के लोग इस विधानसभा क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करते आ रहे हैं. नावाडीह प्रखंड व डुमरी प्रखंड को मिलाकर बने डुमरी विधानसभा में 1977 से लेकर 2019 तक जितने भी विधानसभा चुनाव हुए उसमें मुख्य रूप से स्वर्गीय जगरनाथ महतो, शिवा महतो व लालचंद महतो ने ही इस क्षेत्र का प्रतिनिधित्व किया. इसमें सर्वाधिक चार दफा जगरनाथ महतो ने ही इस विधानसभा का प्रतिनिधित्व किया.

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2005 से लगातार जेएमएम के जगरनाथ महतो रहे थे विजयी

वर्ष 2005 के चुनाव में जेएमएम के युवा नेता जगरनाथ महतो ने लालचंद महतो को करीब 18 हजार मतों के अंतर से, वर्ष 2009 के विधानसभा चुनाव में दूसरी बार जेएमएम के जगरनाथ महतो ने लालचंद महतो को करीब 13 हजार वोट से, वर्ष 2014 के चुनाव में लालचंद महतो बीजेपी के उम्मीदार बने लेकिन इस चुनाव में लालचंद महतो जेएमएम के जगरनाथ महतो से लगातार तीसरी बार करीब 33 हजार मतों के अंतर से हार गये. वर्ष 2019 के विधानसभा चुनाव में जगरनाथ महतो को रिकार्ड 71,128 मत मिला जबकि आजसू की यशोदा देवी 36,840 मत लाकर दूसरे स्थान पर तथा बीजेपी के प्रदीप साहू 36,013 मत लाकर तीसरे स्थान पर रहे है. इस चुनाव में जदयू से खड़े लालचंद महतो को मात्र 5219 मत मिले थे.

वर्ष 2005 से विधानसभा चुनाव की स्थिति

चुनाव वर्ष : पार्टी : विजयी प्रत्याशी : दूसरे स्थान पर : मतों का अंतर

2005 : जेएमएम : जगरनाथ महतो : लालचंद महतो : करीब 18 हजार मतों का अंतर

2009 : जेएमएम : जगरनाथ महतो : लालचंद महतो : करीब 13 हजार वोट का अंतर

2014 : जेएमएम : जगरनाथ महतो : लालचंद महतो, बीजेपी : करीब 33 हजार मतों का अंतर

2019 : जेएमएम : जगरनाथ महतो : यशोदा देवी, आजसू : 34 हजार से अधिक मतों का अंतर

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1969 में डुमरी विस में हुआ था मध्यावधि चुनाव

डुमरी विधानसभा में जब डुमरी व पीरटांड प्रखंड शामिल था. उस समय वर्ष 1969 में मध्यावधि चुनाव हुआ था. जिसमें राजा पार्टी के केपी सिंह ने जीत दर्ज किया था. केपी सिंह एकीकृत बिहार में पीडब्लूडी मंत्री भी बने थे.

डुमरी विस ( जब डुमरी व पीरटांड प्रखंड इसमें शामिल था) अबतक जीतने वाले प्रत्याशियों की स्थिति

वर्ष : विजयी प्रत्याशी

1952 : कांग्रेस के केबी सहाय

1957- : राजा पार्टी के हेमलाल परगनैत

1962 : राजा पार्टी के हेमलाल परगनैत

1967 : राजा पार्टी के राजामाता एस मंजरी देवी

1969 : राजा पार्टी के केपी सिंह

1972 : कांग्रेस के मुरली भगत

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डुमरी विस ( जब डुमरी व नावाडीह प्रखंड इसमें शामिल हुआ) अबतक जीतने वाले प्रत्याशियों की स्थिति

वर्ष : विजयी प्रत्याशी

1977 : जनता पार्टी के लालचंद महतो

1980 : जेएमएम के शिवा महतो

1985 : जेएमएम के शिवा महतो

1990 : जनता दल के लालचंद महतो

1995 : जेएमएम के शिवा महतो

2000 : जदयू के लालचंद महतो

2005 : जेएमएम के जगरनाथ महतो

2009 : जेएमएम के जगरनाथ महतो

2014 : जेएमएम के जगरनाथ महतो

2019 : जेएमएम के जगरनाथ महतो

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