कसमार, दीपक सवाल : मुख्यमंत्री सुखाड़ राहत योजना का लाभ उठाने वाले कृषक अगर पैक्स यानी धान अधिप्राप्ति केंद्रों पर धान बेचते हैं तो उन पर कार्रवाई होगी. साथ ही वे दोहरा लाभ नहीं उठा सकेंगे. इसके लिए कसमार सीओ प्रदीप कुमार शुक्ला ने पैक्स संचालकों को दिशा-निर्देश जारी कर दोहरा लाभ उठाने की कोशिश करनेवाले कृषकों पर नजर रखने को कहा है. सीओ ने कहा है कि खरीफ विपणन मौसम वर्ष 2022-23 में 15 दिसंबर 2021 से धान अधिप्राप्ति का कार्य चल रहा है.
किसानों को धान बिक्री की राशि पीएफएमएस के माध्यम से उनके बैंक खाते में भेजी जा रही है. यह निर्देश दिया गया है कि पैक्स के माध्यम से धान बिक्री करने वाले किसानों की राशि भुगतान से पूर्व इस बात की निगरानी नितांत आवश्यक है कि संबंधित किसान कहीं सुखाड़ प्रभावित राशि का लाभ तो प्राप्त नहीं कर रहा है. धान बिक्री का भुगतान संबंधी प्रतिवेदन पर उल्लेख करते हुए अनुशंसा करने को कहा गया है कि संबंधित किसान सुखाड़ योजना से आच्छादित नहीं है.
राज्य सरकार ने इस वर्ष सुखाड़ घोषित प्रखंडों के कृषकों को मुख्यमंत्री सुखाड़ राहत योजना के तहत मुआवजा के तौर पर निर्धारित राशि देने की घोषणा की है. इसके तहत पोर्टल के माध्यम से कृषकों से आवेदन व अन्य दस्तावेज लिए जा रहे हैं. इस बीच सरकार को यह सूचना मिली कि बहुत सारे कृषक इस योजना का लाभ के लिए आवेदन देने के बाद पैक्सों में भी धान बेचे रहे हैं. सरकार का मानना है कि अगर कोई कृषक सुखाड़ योजना का लाभ उठा रहा है तो इसका मतलब है कि या तो संबंधित कृषक सुखाड़ के करण इस वर्ष धान की खेती नहीं कर सका या फिर 40 फीसदी से कम उपज हुई. वैसी परिस्थिति में वह किसान सुखाड़ योजना का लाभ तो उठा सकता है, लेकिन पैक्स में अपना धान नहीं बेच सकता है. अगर वह धान बेचता है तो यह माना जाएगा कि वह सुखाड़ से प्रभावित नहीं हुआ है, इसके बावजूद गलत तरीके से योजना का लाभ उठाना चाह रहा है.