Human Trafficking In Jharkhand, बोकारो न्यूज (मुकेश झा) : झारखंड में मानव तस्करी का सिलसिला थम नहीं रहा है. आज शनिवार को पश्चिमी सिंहभूम जिले के चक्रधरपुर की तीन नाबालिग समेत 15 लड़कियों को काम के बहाने आंध्रप्रदेश के विजयवाड़ा ले जाया जा रहा था. तभी बोकारो आरपीएफ की तत्परता से इन्हें बचा लिया गया.
पश्चिमी सिंहभूम जिले के चक्रधरपुर से तीन नाबालिग सहित 15 लड़कियों को मछली गोदाम में काम कराने आंध्र प्रदेश के विजयवाड़ा ले जाया जा रहा था. बोकारो आरपीएफ ने स्टेशन पर सभी को रोका. ठेकेदार के मुंशी से पूछताछ की जा रही है. इन लड़कियों के साथ एक मजदूर को भी विजयवाड़ा ले जाया जा रहा था. बोकारो आरपीएफ की सूझबूझ से ये लड़कियां मानव तस्करी की शिकार होने से बच गयीं. आरपीएफ द्वारा ठेकेदार के मुंशी से पूछताछ जारी है. इधर, इन लड़कियों ने कहा कि वे चक्रधरपुर लौटना चाहती हैं. स्टेशन मास्टर ने कहा कि इस संदर्भ में सूचना दे दी गयी है.
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जानकारी के मुताबिक इन सभी लड़कियों को चक्रधरपुर से 2 दिन पूर्व पुरुलिया के रहने वाले रोहित चटर्जी ने अपने निजी वाहन से पहले पुरुलिया लाया. उसके बाद एक दिन वहां रखने के बाद आज बोकारो रेलवे स्टेशन से सभी को धनबाद एलेप्पी एक्सप्रेस से विजयवाड़ा ले जाने की तैयारी में था. इसी दौरान आरपीएफ की इन सभी लड़कियों पर नजर पड़ी तो सभी को डिटेन किया गया. रोहित चटर्जी से आरपीएफ पूछताछ कर रही है.
रोहित ने बताया है कि सभी लड़कियों को उसके परिवार वालों की सहमति से विजयवाड़ा में मछली गोदाम में काम करने के लिए ले जा रहा था. वहीं विजयवाड़ा ले जाई जा रही आशा कुमारी ने बताया कि पहले यहां से चार लड़कियों को विजयवाड़ा ले जाया गया है. काम दिलाने के नाम पर विजयवाड़ा ले जाने की बात कह कर घर से लाया है. घर में किसी तरह की कोई राशि नहीं दी गई है. वहां क्या काम करना है यह भी जानकारी नहीं दी गई है.
आशा ने कहा कि वह अब अपने घर चक्रधरपुर जाना चाहती है. वही इन लड़कियों के साथ काम करने जा रहे चक्रधरपुर के युवक कार्तिक लोहार ने बताया कि वह बहुत गरीब है. जिसके कारण उसे मजदूरी करने के लिए विजयवाड़ा ले जाया जा रहा था.
Posted By : Guru Swarup Mishra