Karwa Chauth 2022: जब तक गंगा-जमुना में पानी रहे, तब तक मेरे सजना की जिंदगानी रहें… की कामना के साथ गुरुवार (13 अक्टूबर, 2022) को करवा चौथ व्रत के माध्यम से धरती के चांद ने निर्जला व्रत रहकर आसमान के चांद का दीदार किया. पति रूपी सूर्य की सलामती के लिए मंगलकामना की. करवा चौथ पर झारखंड में सुहागिनों ने रंग-बिरंगे परिधान पहन, आभूषण पहनकर और विविध प्रकार के श्रृंगार कर जोड़े में करवा की पूजा की.
सुहाग की लंबी आयी के लिए सुहागिनों ने रखा व्रत
झारखंड के सुहागिनों ने भी अपने सुहाग की लंबी उम्र के लिए गुरुवार को करवा चौथ व्रत रखा. सुहागिनों ने निर्जला करवा चौथ का व्रत रखकर पति की सलामती, उन्नति एवं सुखमय जीवन की कामना की. शाम को चांद निकलने से पहले पूजन-अर्चन किया और चंद्र दर्शन के बाद सुहागिनों ने व्रत तोड़ा. पति एवं अपने बड़ों का आशीर्वाद प्राप्त किया. इसके एवज में पति ने अपनी पत्नी को उपहार भी दिये.
सुहागिनाें ने चलनी से किया चांद का दीदार
करवा चौथ का व्रत रख रही महिलाओं ने चंद्रमा उदय होने के बाद विधि-विधान से पूजा-अर्चना की. चलनी से चांद का दीदार किया. इसके बाद व्रत तोड़ते हुए पति के हाथों से ही जल व फल ग्रहण किया. करवा चौथ पर महिलाओं ने परंपरा के अनुसार सुबह श्री गणेश भगवान, शिवजी व मां पार्वती की पूजा की. महिलाओं का मानना है कि इससे अखंड सौभाग्य, यश एवं कीर्ति की प्राप्ति होती है.
Also Read: Karwa Chauth 2022 Moon Rise Time: चांद के दीदार के साथ संपन्न हुआ करवा चौथ का त्योहारश्रीराम मंदिर सेक्टर वन में समूह में पूजा-अर्चना
सुहागिनों ने चंद्रमा की पूजा के बाद पति को प्रणाम किया, जिस के बदले पति ने अपनी पत्नी को आशीर्वाद दिया. पतियों ने पत्नी को पानी पिलाकर और मिठाई खिलाकर आशीर्वाद एवं उपहार दिये. सेक्टर वन स्थित श्रीराम मंदिर में सुहागिनों ने समूह में पूजा-अर्चना की. दिनभर निर्जला व्रत रख महिलाओं ने जीवन साथी की दीर्घायु और सुखद गृहस्थ की कामना की. सुबह घरों में शिव-पार्वती व गणेश की पूजा की.
करवा का सेट, पूजन सामग्री, फूलों की खरीदारी
शाम को हर किसी को चांद निकलने का इंतजार रहा. चांद का दीदार होने के बाद सुहागिनों ने चांद की पूजा व अर्घ्य देकर छलनी से जीवनसाथी का चेहरा देखा. करवा चौथ के लिए महिलाओं में काफी उत्साह रहा. सुबह से ही घरों में त्योहार की तैयारियां शुरू हो गयी थी. पूजा की तैयारी के लिए करवा का सेट, पूजा के लिए पूजन सामग्री और फूलों की खूब खरीदारी हुई.
हमेशा की तरह चांद ने फिर करवाया इंतजार
करवा चौथ का दिन हो और चांद महिलाओं की परीक्षा ना ले, ऐसा कम ही होता है. करवा चौथ में चंद्रमा की पूजा के बाद व्रत खोला जाता है. आसमान में बादलों का आना-जाना लगा हुआ था. रूक-रूक का बूंदा-बांदी भी हो रही थी. कई महिलाएं चांद देखने को कई बार छत पर गयी. वहीं, फोन कॉल्स व व्हाटसप के माध्यम से भी दोस्त और रिश्तेदारों में चांद निकलने के समय पर चर्चा होती रही.
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