बोकारो, सीपी सिंह : बोकारो जिला का क्षेत्रफल 2883 वर्ग किमी है. खनिज के दृष्टिकोण से बोकारो संपन्न जिला माना जाता है. 30 प्रतिशत भूमि पर (कोयला, बालू व पत्थर) खनन कार्य चल रहा है. साथ ही चल रहा है खनन संबंधित अवैध कारोबार. खनन संबंधित कार्य को सुचारू रूप देने के लिए जिला खनन विभाग कार्यरत है, लेकिन, जानकर हैरानी होगी कि विभाग में मात्र एक ही इंस्पेक्टर जितेंद्र कुमार तैनात है. हालांकि, सभी अंचल अधिकारी व पुलिस बल को भी अवैध खनन रोकने की जिम्मेदारी दी गयी है.
बोकारो जिला में 2023-24 वित्तीय वर्ष में 31 अगस्त तक अवैध खनन व ट्रांसपोर्टिंग सबंधित 64 प्राथमिकी दर्ज हुई है. गुप्त सूचना के आधार पर 123 वाहन जब्त की गयी है. 4443.16 टन अवैध खनिज उत्पाद भी विभाग की ओर से जब्त किया गया है. इसमें बालू 4167 टन, पत्थर 44 टन व कोयला 232.16 टन शामिल है. वहीं प्राथमिकी की बात करें तो बालू संबंध में 30, पत्थर संबंध में दो व कोयला को लेकर 32 मामला दर्ज किया गया है. 50 बालू संबंधित वाहन, 70 कोयला परिवहन संबंधित वाहन व 03 पत्थर संबंधित वाहन जब्त किया गया है. 66 हजार रुपये का जुर्माना बालू वाहन से वसूला गया है.
रामगढ़ का भी प्रभार
बोकारो जिला खनन विभाग में तैनात एकमात्र इंस्पेक्टर पर जिम्मेदारी सिर्फ बोकारो की ही नहीं है. बल्कि, उन्हें रामगढ़ का भी प्रभार दिया गया है. रामगढ़ का क्षेत्रफल 1341 वर्ग किमी है. यानी एक इंस्पेक्टर पर दो जिला की जिम्मेदारी है.
जिला में हर दिन हजारों ट्रैक्टर बालू का कारोबार
बोकारो जिला क्षेत्र में हर जगह निर्माण कार्य चल रहा है. बड़े पैमाने पर सरकारी निर्माण काम भी चल रहा है. इसके लिए बालू की जरूरत होती है. हर दिन 800 से 1000 सीएफटी से अधिक बालू की खपत जिला में होती है. जिला में एक भी बालू घाट की बंदोबस्ती नहीं होने के कारण उठाव संभव नहीं है, जबकि हर घाट से बालू का उठाव हो रहा है. विभाग में कार्यबल की कमी के कारण बालू उठाव को रोका नहीं जा रहा है.
बोकारो में तीन खनन इंस्पेक्टर की है जरूरत
जानकारी के मुताबिक बोकारो जिला में तीन खनन इंस्पेक्टर की तैनाती होनी चाहिए. लेकिन, एकमात्र इंस्पेक्टर की तैनाती से काम प्रभावित होता है. कम मानव बल के कारण चाह कर भी विभाग तय समय पर कार्रवाई नहीं कर पाती है. इसका फायदा अवैध कारोबार करने वाले को मिलता है. वर्तमान में एनजीटी यानी नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल की ओर से बालू खनन पर रोक है. साथ ही सभी घाट की बंदोबस्ती नहीं होने के कारण बालू का उठाव नहीं होनी चाहिए, लेकिन, जिला में हर घाट से बालू का उठाव हो रहा है.
वित्तीय वर्ष 2022-23 में 71 लाख से अधिक वसूला गया था जुर्माना
वित्तीय वर्ष 2022-23 में जिला खनन विभाग की टीम ने बेहतर काम किया था. 2022-23 में विभाग ने 16721.07 टन अवैध खनिज जब्त किया था. वहीं 234 वाहन जब्त की गयी थी. वहीं 71,80,040 रुपये का जुर्माना वसूला गया. 2022-23 में 12152 टन बालू, 2201.51 टन पत्थर व 2367.53 टन कोयला जप्त किया गया. वहीं बालू के अवैध कारोबार में 61,85,000 रूपया, पत्थर में 48,000 रूपया व कोयला में 947040 रूपया का जुर्माना वसूला गया.
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