नावाडीह. रोजी-रोजगार के लिए घर-परिवार व गांव-समाज त्याग कर अन्य प्रदेश पलायन करने वाले प्रवासी मजदूरों की मौत का सिलसिला थम नहीं रहा है. नावाडीह प्रखंड अंतर्गत चिरूडीह पंचायत के कोचाकुल्ही निवासी मानिकचंद वर्णवाल के 44 वर्षीय पुत्र आदित्य वर्णवाल की मौत मुंबई में हो गयी. शव रविवार को गांव पहुंचते ही पत्नी अंजना देवी, पुत्र आयुष कुमार, पीयूष कुमार, भाई आनंद वर्णवाल व अशोक वर्णवाल समेत अन्य परिजनों के क्रंदन से माहौल गमगीन हो गया. आदित्य वर्णवाल पहले चिरूडीह मोड़ पर चाय-पकौड़ा की दुकान चलाते थे. बाद में गांव के अन्य युवकों के साथ रोजगार के लिए 28 अक्टूबर 24 को मुंबई गये थे. वहां फुसावर जिले के बडी गांव में एक टावर कंपनी में काम कर रहे थे. 17 नवंबर को टावर के लिए खोदे गये गड्ढे में गिर गये और जेसीबी की बोकेट से टकरा कर गंभीर रूप से घायल हो गये. स्थानीय साथियों ने उन्हें अस्पताल में भर्ती करवाया, जहां इलाज के क्रम में 20 नवंबर को मौत हो गयी. इधर, पंसस जयनाथ रजक, बीस सूत्री उपाध्यक्ष गणेश महतो पारो, समाजसेवी लक्ष्मी प्रसाद वर्णवाल, महेंद्र प्रसाद, प्रदीप वर्णवाल, रंजीत कुमार, भाजपा नेता दशरथ महतो, झामुमो प्रखंड सचिव सोनाराम हेंब्रम, तपेश्वर महतो, भरत दास, दीपक कुमार, सपन पांडेय, नरेश दास, सच्चिदानंद प्रसाद आदि शोकाकुल परिजनों को ढांढस बंधाने पहुंचे. मालूम हो कि वर्ष 2024 में पलायन करने वाले नावाडीह के दर्जनों युवाओ की मौत विभिन्न शहरो में हो चुकी है. नावाडीह पंचायत के हुरसोडीह निवासी परमेश्वर महतो की छत्तीसगढ़ में, पोटसो गांव के सुरेश साव की मुंबई के वोरीवेली में, पोटसो के शिवा महतो की चेन्नई में, खरपिटो पंचायत के अरगामो के दीपक कुमार की मौत मुंबई में मौत हो चुकी है.
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