बोकारो, सुनील तिवारी. 24 जनवरी 1973 को देश की सार्वजनिक क्षेत्र की स्टील उत्पादक कंपनी स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड (सेल) की स्थापना हुई थी. इसके बाद बीएसएल सेल के पूर्ण स्वामित्व वाली कंपनी बनी. 01 मई 1978 को सार्वजनिक क्षेत्र लौह एवं इस्पात कंपनियां (पुनर्गठन व विविध प्रावधान) अधिनियम 1978 के अंतर्गत बीएसएल का सेल में विलय हुआ. बीएसएल देश का पहला स्वदेशी इस्पात कारखाना कहा जाता है. सेल पूर्णतः एकीकृत लोहे और इस्पात का सामान तैयार करती है. कंपनी में घरेलू निर्माण, इंजीनियरी, बिजली, रेलवे, मोटरगाड़ी, सुरक्षा, उद्योगों व निर्यात बाजार में बिक्री के लिए मूल व विशेष, दोनों तरह के इस्पात तैयार किये जाते हैं. सेल के पांच एकीकृत स्टील प्लांट है : बीएसपी, डीएसपी, आरएसपी, बीएसएल व आईएसपी. इनमें बोकारो स्टील प्लांट-बीएसएल आज सेल की एक महत्वपूर्ण इकाई बन चुका है.
आज लाइब्रेरी मैदान-सेक्टर पांच में साढ़े पांच बजे से होगा मुख्य आयोजन
सेल स्थापना दिवस के स्वर्ण जयंती के मौके पर लाइब्रेरी मैदान-सेक्टर पांच में साढ़े पांच बजे से मुख्य आयोजन होगा. बीएसएल के इतिहास पर नयनाभिराम ‘लेजर शो’, लोकगायिका मैथिली ठाकुर सुरमयी प्रस्तुति, इंडियाज लाफ्टर चैंपियन – 2022 रजत सूद के हंसी के ठहाके व इंडियन आइडल फेम दिवस नायक का मधुर गीत आकर्षण का केंद्र होगा. कार्यक्रम स्थल सहित शहर में आकर्षक लाइटिंग की गयी है. कार्यक्रम में सिटिंग एरिया में प्रवेश के लिये कर्मियों को अपना गेटपास लेकर आना होगा. कार्यक्रम स्थल पर प्रवेश के लिये कर्मियों के लिये अलग से गेट निर्धारित किया गया है. बीएसएल का इतिहास लेजर शो में दिखाया जायेगा. एक शो पंद्रह से बीस मिनट का होगा. इस तरह का आयोजन बोकारो में पहली बार होगा. शहरवासी गीत-संगीत-कमेडी का आनंद उठायेंगे. आयोजन को यादगार बनाने में टीम बीएसएल जुटी है.
25 जनवरी 1965 को हुआ था बीएसएल की स्थापना के समझौते पर हस्ताक्षर
भारत में सार्वजनिक क्षेत्र में चौथे एकीकृत कारखाने (बोकार स्टील प्लांट) की कल्पना 1959 में की गयी. बोकारो इस्पात कारखाने से संबंधित प्रस्ताव सोवियत संघ के सहयोग से 1965 में सामने आया. कारखाने की स्थापना संबंधी समझौते पर 25 जनवरी 1965 को हस्ताक्षर हुआ. निर्माण कार्य 06 अप्रैल 1968 को शुरू हुआ. बोकारो इस कारखाने की स्थापना 29 जनवरी 1969 को एक लिमिटे कंपनी के तौर पर हुआ था. उपस्करों, साज-सामान व तकनीकी जानकारी को देखते हुए बीएसएल देश का पहला स्वदेशी इस्पात कारखाना कहा जाता है. 17 लाख टन पिंड इस्पात का प्रथम चरण दो अक्टूबर 1972 को पहली धमन भट्टी चालू होने के साथ शुरू हुआ. 26 फरवरी 1978 को तीसरी धमन भट्टी चालू होने पर पूरा हुआ. यहां हॉट रोल्ड कॉयल, हॉट रोल्ड प्लेट, हॉट रोल्ड शीट, कोल्ड रोल्ड कॉयल, कोल्ड रोल्ड शीट का उत्पादन होता है.
बीएसएल ने जीता प्रतिष्ठित सेल स्वर्ण जयंती क्विज
बोकारो स्टील प्लांट ने भिलाई में आयोजित प्रतिष्ठित सेल स्वर्णजयंती क्विज बोकारो स्टील प्लांट जीत लिया है. इस स्पर्धा के लिए बीएसएल की टीम का प्रतिनिधित्व देवव्रत चौधरी जीएम/एचएसएम व राजीव गौतम जीएम आई/सी मार्केटिंग ने किया. सोमवार को विजेता टीम को अधिशासी निदेशक (एमएम एवं अतिरिक्त प्रभार पी एंड ए) अमिताभ श्रीवास्तव ने सम्मानित किया गया. टीम ने उन्हें इस स्पर्धा व बीएसएल की उपलब्धि के बारे में जानकारी दी. सीजीएम/एचआरडी मनीष जलोटा भी इस अवसर पर उपस्थित थे. उल्लेखनीय है कि इस मेगा क्विज का आयोजन सेल की स्वर्ण जयंती कि पृष्ठभूमि में किया गया था. ग्रैंड फिनाले में 12 टीमें थीं. पांच एकीकृत इस्पात संयंत्रों (बीएसएल, बीएसपी, आरएसपी, डीएसपी, आईएसपी) से दो टीमें और सीओ, एमटीआई, आरडीसीआईएस और सीएमओ से अन्य दो टीमें थीं. दो सेमीफाइनल राउंड हुए. सेमीफाइनल के बाद छह: टीमों ने ग्रैंड फिनाले के लिए क्वालीफाई किया. रोमांचक फाइनल में बोकारो स्टील प्लांट को इस प्रतियोगिता का विजेता घोषित किया गया.
डीएसपी-दुर्गापुर रहा प्रथम उपविजेता
डीएसपी (दुर्गापुर) टीम प्रथम उपविजेता रही, जबकि आरएसपी (राउरकेला) टीम द्वितीय उपविजेता रही. विजेताओं को ट्राफियां, प्रमाण पत्र व अन्य उपहार प्राप्त हुए. गौरतलब है कि हर केंद्र पर जोनल राउंड होते थे और ग्रैंड फिनाले के लिए उस जोनल राउंड के विजेताओं का चयन किया जाता था. बोकारो में, जोनल राउंड सात जनवरी को आयोजित किया गया था. 40 टीमों में विजेता देवव्रत चौधरी जीएम/एचएसएम व राजीव गौतम जीएम आई/सी मार्केटिंग थे. प्रश्नोत्तरी सेल की पृष्ठभूमि और इतिहास, वैश्विक और भारतीय इस्पात परिदृश्य, पर्यावरण, कार्बन फुटप्रिंट, इस्पात उद्योग में डिजिटलीकरण के मुद्दों, भारत और दुनिया में इस्पात उद्योग के भविष्य, व्यापार और प्रबंधन से संबंधित समसामयिक मामलों आदि पर आधारित थी.