कसमार (बोकारो) : कसमार पुलिस 55 वर्षीय सुखदेव गंझू हत्याकांड की गुत्थी सुलझा ली है. विगत 19 जून, 2020 को सुखदेव गंझू की हत्या हुई थी. इस संंबंध में पुलिस ने एक आरोपी बासुदेव मुंडा को गिरफ्तार का जेल भेज दिया. हत्या का कारण अवैध संबंध का होना बताया गया. हत्या में उपयोग किये गये औजार को भी पुलिस ने बरामद किया है.
बोकारो जिला अंतर्गत कसमार थाना क्षेत्र के मुरहुलसूदी पंचायत स्थित भुरसाटांड ग्राम निवासी 55 वर्षीय सुखदेव गंझू हत्याकांड की गुत्थी कसमार पुलिस ने घटना के 5 दिन बाद सुलझा ली है. गांव की एक महिला के साथ अवैध संबंध के कारण उसकी हत्या हुई थी. इसी गांव के निवासी शिकारी मुंडा के पुत्र बासुदेव मुंडा (60 वर्ष) ने उसकी हत्या करने का आरोप स्वीकारा है. कसमार के थाना प्रभारी राजेंद्र चौधरी ने बुधवार को यह जानकारी दी.
पुलिस के समक्ष आरोपी बासुदेव ने अपने स्वीकारोक्ति बयान में कहा है कि उसकी पत्नी के साथ सुखदेव गंझू का अवैध संबंध पिछले कुछ वर्षों से था. दोनों को अवैध संबंध बनाते रंगे हाथ भी पकड़ा था. बासुदेव ने स्वीकारा है कि उसी समय से सुखदेव की हत्या करने की योजना मन में थी.
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इसी बीच 19 जून, 2020 को वह टंगली लेकर पत्ता तोड़ने जंगल गया था. उसी दौरान मवेशी लेकर जंगल गये सुखदेव पर उसकी नजर पड़ गयी. बासुदेव ने बताया है कि वह चुपके से उसके पीछे गया और अपनी टंगली के पिछले हिस्से से उसके सिर पर कड़ा प्रहार किया. सुखदेव वहीं गिर पड़ा. उसके बाद भी उसके शरीर पर कई बार हमला किया. मरने के बाद उसके शव को नाला के किनारे ले जाकर छुपा दिया और उसके सिर पर एक पत्थर भी रख दिया. टंगली को जंगल में ही एक जगह पर छुपा कर वह घर लौट आया. दूसरे दिन वह अपने एक रिश्तेदार के पास झालदा (पश्चिम बंगाल) चला गया था. थाना प्रभारी ने बताया कि बासुदेव की निशानदेही पर जंगल से टंगली को भी बरामद कर लिया गया है.
हत्या के दूसरे दिन से ही बासुदेव मुंडा के अचानक गांव से गायब होने पर ग्रामीणों को उस पर शक हुआ. इसी बीच कुछ ग्रामीणों को उसकी पत्नी के साथ सुखदेव गंझू के अवैध संबंध की भी जानकारी मिली. ग्रामीणों ने इसकी सूचना कसमार पुलिस को दी. पुलिस उसकी तलाश में जुट गयी. मंगलवार (23 जून, 2020) को उसके गांव आने की खबर मिलने पर कसमार थानेदार ने उसे गिरफ्तार कर लिया. पूछताछ में उसने अपना जुर्म कबूल कर लिया.
सुखदेव गंझू पहले भाकपा माले का प्रखर कार्यकर्ता था. हाल के दशक में राजमिस्त्री कर परिवार का भरण-पोषण कर रहे थे. उसकी पत्नी का निधन करीब एक दशक पहले हो गया था. मृतक के 3 पुत्र और 3 पुत्री हैं. 19 जून, 2020 को वह हर दिन की तरह मवेशी छोड़ने घर से करीब 2 किमी दूर जंगल गया था. लेकिन, उस दिन वह नहीं लौटा. काफी खोजबीन के बाद भी कुछ पता नहीं चला. दूसरे दिन कुछ ग्रामीण जंगल गये, तो नाला के किनारे उसका शव पड़ा हुआ मिला. उसके सिर के पिछले हिस्से तथा शरीर के अन्य हिस्सों में चोट थी. शव के ऊपर सिर पर एक पत्थर रख दिया गया था.
सुखदेव की हत्या के बाद उसके परिजनों ने पुलिस को बताया था कि गांव के एक विवादित मामले में पंचायती करने के दौरान पिछले साल सरस्वती पूजा के समय विरोधी पक्ष के कुछ लोगों ने सुखदेव गंझू को काट कर फेंक देने की धमकी दी थी. उसी शक के आधार पर परिजनों ने गांव के 18 लोगों को नामजद किया था. इनमें 4 लोगों को पूछताछ के लिए पुलिस ने हिरासत में भी लिया था. हत्याकांड की गुत्थी सुलझ जाने के बाद 18 ग्रामीणों पर शक के आधार पर लगाया गया अब आरोप गलत साबित हुआ है. इधर, सुखदेव हत्याकांड के आरोपी बासुदेव को पुलिस ने जेल भेज दिया है. मौके पर एएसआई उमेश सिंह भी मौजूद थे.
Posted By : Samir ranjan.