राकेश वर्मा, बेरमो : सीसीएल में बीएंडके एरिया का एक अलग वजूद रहा है. उत्पादन-उत्पादकता के मामले में एरिया की प्रतिष्ठा को बरकरार रखना प्राथमिकता होगी. विस्थापित, ग्रामीण, मजदूर, अधिकारी, कर्मचारी व मजदूर संगठनों के सहयोग से एरिया को पटरी पर लाया जायेगा. यह बातें बीएंडके एरिया के नये महाप्रबंधक चितरंजन कुमार ने प्रभात खबर से विशेष बातचीत में कही. कहा कि फिलहाल एरिया का उत्पादन पूरे सीसीएल के लिए चिंता का विषय है. शिफ्टिंग समस्या के कारण कारो ओसीपी में माइंस विस्तार बाधित है. फिलहाल 26 दिनों से उत्पादन ठप है. ग्रामीणों को करगली वाशरी स्थित नये आरआर साइट में शिफ्ट किया जाना है. पुनर्वास स्थल पर तेजी से काम चल रहा है और शिफ्टिंग को लेकर बातचीत चल रही है. एकेके परियोजना के विस्तार को लेकर भी प्रबंधन गंभीरता से काम कर रहा है. माइंस से सटे बरवाबेड़ा के दरगाह मुहल्ला के लोगों को पुनर्वास के लिए प्लॉट आवंटित किया गया है. इस पुनर्वास स्थल में करीब 14 करोड़ रुपये की लागत से सुविधाएं मुहैया करायी गयी है. इस स्थल पर शिफ्टिंग का विरोध कर रहे विस्थापितों के साथ चार जनवरी को बेरमो एसडीओ की उपस्थिति में संभवत: आखिरी वार्ता होगी, जो सकारात्मक होगी. बोकारो कोलियरी की डीडी माइंस के विस्तार में भी शिफ्टिंग समस्या है. इसको लेकर भी पहल की जा रही है.
25 दिसंबर तक करना था 60.21 लाख टन उत्पादन, हुआ 41.56 लाख टन
महाप्रबंधक ने कहा कि चालू वित्तीय वर्ष में एरिया का कोयला उत्पादन लक्ष्य नौ मिलियन टन है. 25 दिसंबर तक 41.65 लाख टन उत्पादन किया गया है, जबकि इस तिथि तक 60.21 लाख टन करना था. 25 दिसंबर तक 48.86 घन मीटर टन ओबी निस्तारण किया है, जबकि इस तिथि तक 68.54 लाख घन मीटर टन करना था. फिलहाल एरिया से रोजाना 20 हजार मिट्रिक टन कोयला का उत्पादन किया जा रहा है. जल्द ही उत्पादन की गति बढे़गी. आने वाला तीन माह एरिया के लिए काफी महत्वपूर्ण है. बीएंडके एरिया में कोयला खनन का काफी स्कोप है.
सीएसआर एक्टिविटी व कम्यूनिटी डेवलपमेंट को लेकर भी प्रबंधन गंभीर
महाप्रबंधक ने कहा कि एरिया में सीएसआर एक्टिविटी व कम्यूनिटी डेवलपमेंट को लेकर भी प्रबंधन गंभीर है. पानी, बिजली सहित अन्य सुविधाएं सही तरह से उपलब्ध कराने की दिशा में काम किया जायेगा.
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