BOKARO NEWS : सीसीएल के बीएंडके एरिया के बोकारो कोलियरी डीडी माइंस विस्तार के लिए शिफ्टिंग की धीमी गति से प्रबंधन की चिंता बढ़ गयी है. वित्तीय वर्ष 23-24 में परियोजना ने 3.25 लाख टन कोयला उत्पादन किया था, जो दो दशक के बाद दूसरा बेहतर उत्पादन था. वर्तमान वित्तीय वर्ष में परियोजना को तीन लाख टन कोयला उत्पादन का लक्ष्य दिया गया है, परंतु अब तक परियोजना मात्र 65 हजार टन कोयला का उत्पादन कर पायी है, वहीं 3 लाख 20 हजार टन घन मीटर ओबीआर का भी उत्पादन किया है. वित्तीय वर्ष के बचे चार माह में परियोजना को लगभग ढाई लाख टन कोयले का उत्पादन करना है. वर्तमान में माइंस विस्तार के लिए चार नंबर के रिहायशी क्षेत्र में बेरमो दक्षिणी पंचायत के पंचायत सचिवालय के अलावा एक आंगनबाड़ी केंद्र तथा दो सामुदायिक भवन को शिफ्ट करना प्रबंधन के लिए चुनौती बन गयी है.
पंचायत सचिवालय के समीप पहुंच गयी है माइंस :
माइंस पंचायत सचिवालय के एकदम करीब पहुंच गयी है. सूत्र बताते हैं कि प्रबंधन द्वारा विगत वर्ष इन सरकारी भवनों को यहां से हटाने को लेकर प्रक्रिया भी शुरू की गयी है. तत्कालीन सीओ एवं अधिकारी ने शिफ्टिंग क्षेत्र का दौरा भी किया था और भवनों को शिफ्ट करने को लेकर कागजातों को एसडीएम कार्यालय में अग्रसारित किया था. जल्द इन भवनों को हटाया नहीं गया तो माइंस के विस्तार की गति पूरी तरह से धीमी पड़ जायेगी. प्रबंधकीय सूत्रों का कहना है कि सिर्फ चार नंबर शिफ्टिंग एरिया में तत्काल 264 घरों को शिफ्ट करना है, जिनमें 70 सीसीएल कर्मी के भी आवास हैं.500 दिहाड़ी मजदूरों की की गयी है शिफ्टिंग :
मालूम हो कि इससे पूर्व चार नंबर क्षेत्र से लगभग 500 दिहाड़ी मजदूरों तथा अन्य को पुराना एक्सकैवेशन के समीप शिफ्टिंग एरिया में बसाया गया है. यहां पानी, बिजली सहित बुनियादी सुविधाएं प्रदान की गयी है. चार नंबर क्षेत्र से जल्द सरकारी भवनों एवं आवासों को शिफ्ट कराया गया तो 5-6 वर्षों तक माइंस चलना संभव हो पायेगा.चल रही भवनों की शिफ्टिंग की प्रक्रिया :
बोकारो कोलियरी के पीओ एनके सिंह ने कहा कि पंचायत सचिवालय सहित चार सरकारी भवनों को शिफ्ट करने को लेकर सीसीएल प्रबंधन द्वारा लगभग 46 लाख रुपये उपलब्ध कराये गये हैं. अब इस राशि को जल्द से जल्द झारखंड सरकार के समक्ष जमा कराया जायेगा, जिसकी प्रक्रिया चल रही है. जल्द प्रक्रिया पूरी होती है तो इन भवनों को हटाया जायेगा. यहां रहने वाले अन्य घरों की भी शिफ्टिंग को लेकर प्रबंधन द्वारा तीव्र गति से पहल की जा रही है. यहां रहने वाले सभी लोग शिफ्टिंग में सहयोग करें, तभी माइंस चलना संभव हो पायेगा.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है