Jharkhand News: पलामू और कोडरमा का नाम सुनते ही जेहन में आमतौर पर झारखंड के दो जिलों की तसवीर उभरकर सामने आती है. इसी तरह आसनसोल और दुर्गापुर नाम सुनने पर बंगाल के दो बड़े शहरों का नाम उभरकर सामने आता है. बुंडू, रानीगंज, गोविंदपुर, डुमरी, मानगो एवं रघुनाथपुर जैसे नाम सुनने पर भी अमूमन झारखंड या बंगाल के कुछ बड़े शहरों का ख्याल मन में आता है. पर, ये नाम बोकारो से भी जुड़े हुए हैं. बोकारो जिले के कई गांवों का नामकरण इन्हीं नामों से है. इनमें कुछ गांवों की अपनी कुछ विशेषताएं भी हैं और नामकरण के भी कुछ मायने-मतलब हैं.
बोकारो में पलामू पंचायत और गांव है
पलामू राज्य के एक चर्चित जिले का नाम है. इसके पूरब में चतरा, पश्चिम में गढ़वा, दक्षिण में लातेहार एवं उत्तर में बिहार राज्य की सीमा अवस्थित है. वहीं, बोकारो में पलामू नामक एक गांव नावाडीह प्रखंड में मौजूद है. 612 आबादी वाले इस गांव के नाम से पंचायत भी है. यह गांव मुख्य रूप से के कुड़ीबुरू सरना धोरोमगाढ़ नामक संतालितों के लोक आस्था के केंद्र के लिए जाना जाता है. संतालियों के हर पूजन के विधिविधान व कर्मकांडों में कुड़ीबुरू का जिक्र मिलता है.
अरजुआ पंचायत का कोडरमा गांव
अभ्रख उद्योग के लिए चर्चित कोडरमा भी झारखंड के प्रमुख जिलों में एक है. वहीं, बोकारो जिला के पेटरवार प्रखंड स्थित अरजुआ पंचायत में कोडरमा नामक एक गांव है. तुरी और यादव जाति बहुल इस गांव में इस गांव की आबादी 612 है. तुरी जाति के लोग इस गांव में बांस आधारित सामग्रियों का निर्माण बड़े स्तर पर करते हैं. जबकि, यादव जाति के लोग पशुपालन व दुग्ध उत्पादन में अग्रणी हैं.
चंदनकियारी प्रखंड के देवग्राम पंचायत में है आसनसोल गांव
आसनसोल गांव चंदनकियारी प्रखंड की देवग्राम पंचायत में देखा जा सकता है. बंगाल में आसनसोल की गिनती कोलकाता के बाद सबसे बड़े शहर के रूप में होती है. छोटानागपुर पठार के मध्य में राज्य की झारखंड से सटी पश्चिमी सीमा पर स्थित यह नगर खनिज पदार्थों के लिए भी प्रसिद्ध है. दामोदर नदी के किनारे अवस्थित इस शहर के नाम से जिला और लोकसभा भी है. हाल ही में बिहार मूल के बॉलीवुड अभिनेता शत्रुघ्न सिन्हा ने आसनसोल लोकसभा से जीत दर्ज की है. वहीं, चंदनकियारी प्रखंड के आसनसोल गांव में जैन व हिंदू धर्म से जुड़ी प्राचीनकाल की मूर्तियां खुदाई में मिलने के कारण चर्चे में आया है. यह मूर्तियां श्रद्धालुओं व शोधकर्ताओं के बीच कौतूहल का विषय बना हुआ है.
कासमार प्रखंड में है दुर्गापुर पंचायत और गांव
स्टील प्लांट के लिए राष्ट्रीय स्तर पर प्रसिद्द बंगाल के दुर्गापुर के नाम पर बोकारो के कसमार प्रखंड में एक गांव व पंचायत है. बंगाल में दुर्गापुर को कोलकाता एवं आसनसोल के बाद तीसरे बड़े शहर के रूप में जाना जाता है. बंगाल के बीचों-बीच स्थित दुर्गापुर में बड़ी संख्या में छुट्टियां बिताने के लिए भी लोग आते हैं. एक औद्योगिक शहर होने के बावजूद दुर्गापुर में कई पर्यटन स्थल मौजूद हैं. जबकि, कसमार का दुर्गापुर गांव ऐतिहासिक दुर्गा पहाड़ी तथा होली नहीं मनाने की सदियों पुरानी मान्यता के लिए जाना जाता है. इस गांव में पिछले करीब 300 वर्षों से होली नहीं मनाने की परंपरा है. दुर्गा पहाड़ी की तलहटी पर किसी समय राजा दुर्गा प्रसाद देवी की हवेली थी और इस क्षेत्र में उनका शासन था.
चास प्रखंड के तुरीडीह पंचायत में है रानीगंज गांव
बंगाल के पश्चिम वर्द्धमान जिला स्थित रानीगंज भी एक चर्चित शहर है, जो कोयला उद्योग के लिए जाना जाता है. भारत में इस क्षेत्र में सबसे पहले कोयले का खनन 1774 में यहीं पर शुरू हुआ था. जबकि, रानीगंज के नाम से एक गांव चास प्रखंड की तुरीडीह पंचायत में है. यह 316 लोगों की आबादी वाला एक छोटा-सा गांव है.
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कसमार प्रखंड के बगदा पंचायत में है रघुनाथपुर गांव
बंगाल के सीमावर्ती पुरुलिया जिले का रघुनाथपुर भी एक चर्चित शहर है. इसके नाम से विधानसभा तथा 602.20 वर्ग मील में फैला एक अनुमंडल भी है. कई आंदोलनों से जुड़े होने के कारण यह शहर हमेशा चर्चे में रहा है. बोकारो में रघुनाथपुर नाम का एक गांव कसमार प्रखंड अंतर्गत बगदा पंचायत में है. 719 लोगों की आबादी वाला यह कुड़मी बहुल गांव है और दुर्गा पहाड़ी की तलहटी पर बसा हुआ है.
और भी ऐसे हैं कई गांव
इसी तरह जीटी रोड पर अवस्थित गिरिडीह जिला के डुमरी शहर के नाम पर गोमिया प्रखंड की सियारी पंचायत में 1341 लोगों को आबादी वाला एक गांव है. रांची जिला के बुंडू शहर (अनुमंडल) के नाम पर पेटरवार प्रखंड में एनएच किनारे एक गांव और पंचायत है. धनबाद के गोविंदपुर शहर के नाम पर एक गांव बोकारो के बेरमो प्रखंड में अवस्थित है. जमशेदपुर के मानगो शहर की तरह इसी नाम का एक गांव चास प्रखंड में है. 5868 लोगों की आबादी वाला इस गांव का एक पंचायत भी है. धनबाद के सिजुआ के नाम पर बोकारो जिला में तीन-तीन गांव है. एक चंद्रपुरा प्रखंड तथा दो चास प्रखंड के क्रमशः सिजुआ एवं मिर्धा पंचायत में है. चास की बिजुलिया पंचायत में बंगाल के संथालडीह के नाम पर भी एक गांव है. इसी तरह बोकारो में और भी कई गांव झारखंड एवं बंगाल के प्रसिद्ध शहरों के नामों पर देखे जा सकते हैं.
रिपोर्ट : दीपक सवाल, कसमार, बोकारो.