Women Empowerment: शारदीय नवरात्र में मां दुर्गा की आराधना हो रही है. माता का गुणगान हो रहा है. ऐसे में महिला शक्ति का वर्णन करना भी लाजमी है. ऐसा ही एक नजारा बोकारो के ललपनिया में देखने को मिल रहा है. यहां महिलाओं की टोली ने नशामुक्ति और महिला उत्पीड़न के खिलाफ जंग छेड़ दी है. साथ ही ग्रामीणों को जागरूक करने के लिए जागरूकता अभियान चलाने का बीड़ा उठायी है. इन महिलाओं का कहना है कि जब तक नशापान रूपी राक्षस को गांव से खत्म नहीं किया जाता, तब तक जागरूकता अभियान जारी रहेगा. वहीं, महिलाओं की ये टोली आर्थिक रूप से कमजोर बच्चों को शिक्षा, शादी-विवाह, बीमारी आदि कार्यों में सहयोग कर उनकी जरूरतों को भी पूरी कर रही है.
महिलाओं की टोली ने छेड़ी जंग
बोकारो जिला के गोमिया प्रखंड अंतर्गत कोदवाटांडं पंचायत अवस्थित ललपनिया में 50 की संख्या में संताली और गैर संताली महिलाओं का समूह अपने क्षेत्र में महिला उत्पीड़न और नशापान के खिलाफ जागरूकता अभियान छेड़ रह रखा है. इस महिला समिति की अध्यक्ष तालो देवी है. जबकि आशा कुमारी सचिव और सीता देवी कोषाध्यक्ष है.
ग्रामीण महिलाओं को रोजगार से जोड़ने का हो रहा प्रयास
महिला सशक्तीकरण के लिए सभी महिलाओं को गांव, टोला और मुहल्ला में बैठक आयोजित कर रोजगार के अवसर की तलाश कर महिलाओं को रोजगार से जोड़ने का भी प्रयास किया जा रहा है, ताकि गांव की अन्य महिलाएं स्वालबीं बने और सामाजिक कार्यों में भागीदारी निभाएं. समूह की महिलाएं प्रत्येक सप्ताह बैठक कर ग्रामीण महिलाओं का जीवन स्तर कैसे ऊंचा उठे इसपर मंत्रणा करती है और योजना बनाती है.
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गांव में स्वच्छता पर विशेष जोर
महिला समूह गांवों में विकास योजनाओं को धरातल पर उतारने में प्रयासरत है. इसके अलावा समाज के कमजोर वर्गों में शिक्षा, शादी-विवाह, बीमारी आदि सामाजिक कार्यों में जरूरतमंद लोगों को मदद करती है. यह सब कार्य अपने स्तर से जमा सहयोग राशि के आधार पर करती है. साथ ही स्वच्छता पर भी विशेष जोर देती है.
अशिक्षा के कारण महिला उत्पीड़न की घटना बढ़ी : तालो देवी
महिला समिति के अध्यक्ष तालो देवी का कहना है कि ग्रामीण क्षेत्रों में अशिक्षा के कारण महिलाओं के बीच उत्पीड़न के मामले काफी होते हैं. महिला उत्पीड़न के मामले आने पर महिलाएं समूह में वैसी महिलाओं को चिह्नित करती है, जो महिला को प्रताड़ित कर रही है और उसे समझाकर रास्ते में चलने को विवश करती है. नहीं मानने पर सामाजिक बहिष्कार या प्रशासनिक कार्रवाई कर महिला उत्पीड़न को रोकने का प्रयास किया जाता है.
नशापान मुक्ति से समाज होगा विकसित : आशा
समूह की सचिव आशा कुमारी का कहना है कि नशामुक्ति के लिए गांव, टोला और मुहल्ला में जागरूकता अभियान चलाया जाता है. साथ ही परिवार के लोगों को जागरूक किया जाता है कि इसके सेवन से कितना नुकसान होता है. कहा कि जागरूकता अभियान का असर भी हुआ है. कई ग्रामीणों ने नशापान से तौबा किये. वहीं, ग्रामीण महिलाओं को रोजगार से जोड़ने की कवायद तेज हो गयी है.
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रिपोर्ट : नागेश्वर कुमार, ललपनिया, बोकारो.