World Pneumonia Day: बोकारो, रंजीत कुमार- निमोनिया बैक्टीरिया, वायरस या फंगस से होने वाला फेफड़ों का संक्रमण है. जो बच्चों और बुजुर्गों के लिए कभी-कभी जानलेवा भी साबित होता है. इस बीमारी से निपटने के लिए 12 नवंबर को विश्व निमोनिया दिवस मनाया जाता है. इस दिन आम लोगों को निमोनिया से होने वाली परेशानियों और इसके समाधान की जानकारी दी जाती है. बोकारो सदर अस्पताल के उपाधीक्षक डॉ. अरविंद कुमार और चास अनुमंडल अस्पताल के शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ. रवि शेखर ने निमोनिया को लेकर विशेष जानकारी दीं हैं.
निमोनिया फेफड़ों में होनेवाला संक्रमण है- डॉ. अरविंद
सदर अस्पताल के उपाधीक्षक डॉ. अरविंद ने कहा कि निमोनिया फेफड़ों में बैक्टीरिया, वायरस या फंगस के कारण होने वाला संक्रमण है. निमोनिया के कारण फेफड़े के ऊतकों में सूजन आ जाती है. फेफड़ों में तरल पदार्थ या मवाद बन सकता है. वायरल निमोनिया से ज्यादा गंभीर बैक्टीरियल निमोनिया होता है. जो दोनों फेफड़ों को प्रभावित कर सकता है. ऐसे में फेफड़ों में सूजन हो जाता है. इस कारण सांस लेना मुश्किल हो जाता है. जो गंभीर स्वास्थ्य परेशानी पैदा करती है. निमोनिया को लेकर बड़े व बच्चों में अलग-अलग लक्षण दिखाई पड़ते हैं.
बच्चों को बचाने के लिए पीसीवी का लगता है टीका- डॉ. रविशेखर
चास अनुमंडल अस्पताल के शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ रविशेखर ने कहा कि सामान्य तौर पर निमोनिया के लक्षणों में तेज बुखार, खांसी, थकान, सांस लेने में तकलीफ, पसीना आना या ठंड लगना, हृदय गति का तेज होना आदि शामिल हैं. जरूरी नहीं कि सभी लक्षण एक जैसे ही हो. शिशुओं, छोटे बच्चों और वयस्कों में अलग-अलग लक्षण हो सकते हैं. निमोनिया से बच्चों को बचाने के लिए छह हफ्तों से लेकर 12 महीने की उम्र तक पीसीवी के तीन टीके लगाये जाते हैं. इसके अलावा पर्याप्त पोषण लेना चाहिए. बच्चों में इनडोर वायु प्रदूषण, उचित वेंटिलेशन, माता-पिता को धूम्रपान से दूर रहने की जरूरत है.
वयस्कों में निमोनिया के प्रमुख लक्षण
बैक्टीरियल निमोनिया के लक्षणों में तेज बुखार, पीले-हरा या खूनी बलगम के साथ खांसी, थकान, तेजी से सांस लेना, सांस लेने में कठिनाई, तेज हृदय गति, पसीना आना या ठंड लगना, सीने या पेट में दर्द, खांसने या गहरी सांस लेने पर दर्द की शिकायत, भूख में कमी, त्वचा, होंठ या नाखून का नीला पड़ना, भ्रम या परिवर्तित मानसिक स्थिति का पैदा होना मुख्य है. वायरल निमोनिया के लक्षणों में सूखी खांसी, सिरदर्द, मांसपेशियों में दर्द, अत्यधिक थकान या कमजोरी मुख्य है. 65 वर्ष से अधिक आयु के वयस्कों में खांसी और सांस लेने में तकलीफ का होना मुख्य है.
छोटे बच्चों और नवजातों में निमोनिया के लक्षण
छोटे बच्चों में निमोनिया के लक्षण व्यस्क के लक्षण से अलग होते हैं. इसमें बुखार, ठंड लगना, सामान्य बेचैनी, पसीना आना, त्वचा का लाल होना, खांसी होना, सांस लेने में कठिनाई या तेज सांस लेना, भूख में कमी, उल्टी करना, कमजोरी होना, बेचैनी या चिड़चिड़ापन होने की शिकायत आती है. इसके अलावा सांस लेते समय घुरघुराने जैसी आवाज का आना, पेशाब की मात्रा में कमी या डायपर का कम गीला होना, पीली त्वचा, लंगड़ापन, सामान्य से अधिक रोना, भोजन करने में कठिनाई की स्थिति पैदा होना मुख्य कारण है.