चाईबासा.
सदर अस्पताल परिसर में संचालित 94 दुकानों का किराया अस्पताल के कार्यालय में जमा कराया जाता है, लेकिन कई दुकानदार पिछले 5-6 साल से, तो कई ने 8 से 9 माह का किराया नहीं चुकाया है. इससे अस्पताल के दो वाहन चालक व फोर्थ ग्रेड के एक कर्मी का वेतन भुगतान नहीं हो पा रहा है. जबकि दुकान किराये की राशि से ही सीएस के वाहन चालक व एंबुलेंस चालक को पिछले कई माह से भुगतान नहीं हो पाया है. दोनों चालकों को 18514 रुपये की दर से भुगतान होता है. वहीं, फोर्थ ग्रेड कर्मी को हर माह 5,314 रुपये मिलते हैं, जो नहीं मिला है. मालूम हो कि सदर अस्पताल की जमीन पर वर्ष 2005 में परिसर के पूर्वी व पश्चिमी भाग में कुल 94 दुकानों का निर्माण किया गया था. उस समय दुकान निर्माण के लिए सदर अस्पताल की सरकारी जमीन को आवंटित की गयी थी. आवंटित जमीन पर लोगों ने दुकान निर्माण कराया था, जिसकी राशि भाड़े में एडजस्ट की गयी है. मौजूदा समय में प्रत्येक दुकान का किराया 862 रुपये निर्धारित है, लेकिन किराया चुकाया नहीं जा रहा है.निर्माणाधीन सीवरेज चेंबर के पास फिर बन रही दुकान
इधर, सदर अस्पताल परिसर में निर्माणाधीन सीवरेज चेंबर के पास पक्की दुकान का निर्माण किया जा रहा है. लेकिन दुकान का निर्माण कौन करा रहा है, इसे लेकर चर्चा जोरों पर है. इस संबंध में सदर अस्पताल के मैनेजर आशीष कुमार ने बताया कि अस्पताल परिसर में दुकान बनाये जाने की जानकारी उन्हें भी मिली है. इसे लेकर उन्होंने सिविल सर्जन से चर्चा भी की, लेकिन यह पता नहीं चल सका कि उक्त दुकान का निर्माण कौन करवा रहा है. वहीं, सिविल सर्जन ने एक दुकान बनाये जाने की बात स्वीकार की है. उन्होंने बताया कि भविष्य में अस्पताल परिसर की जमीन पर और भी दुकान बनने की संभावना है. दुकानों से अस्पताल को राजस्व प्राप्त होता है.
ऐसे होता है दुकानों का आवंटन
सदर अस्पताल की सरकारी जमीन पर दुकानों काे आवंटित करने के लिए अस्पताल के प्रबंधन समिति के गवर्निंग बोडी से प्रस्ताव पारित किया जाता है, जिसके अध्यक्ष जिला परिषद के चेयरमैन होते हैं. इसके बाद ही दुकान का निर्माण कराया जाता है.
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