22.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

गृह मंत्री अमित शाह के चाईबासा रैली का क्या है उद्देश्य? कोल्हान में BJP लिए ये है बड़ी चुनौतियां

अमित शाह रैली से पहले स्थानीय कोर कमेटी के सदस्यों के साथ बैठक करेंगे और उनमें जान फूंकने की कोशिश होगी. लेकिन, कोल्हान में पार्टी अंदरूनी कलह से जूझ रही है. नेता और कार्यकर्ता गुटों में बंटे हैं

भाजपा 2024 लोकसभा चुनाव के लिए झारखंड में चाईबासा से शंखनाद करेगी. पार्टी 2019 की हार को भूल कर सिंहभूम सीट पर फिर से कमल खिलाने के लिए कमर कस ली है. पार्टी के थिंक टैंक और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह शनिवार को चाईबासा के टाटा कॉलेज परिसर में विजय संकल्प महारैली में हुंकार भरेंगे. इस कार्यक्रम का उद्देश्य 2024 के आम चुनाव से पहले लक्षित संसदीय क्षेत्रों में पार्टी की जीत की संभावनाओं को मजबूती देना है.

शाह रैली से पहले स्थानीय कोर कमेटी के सदस्यों के साथ बैठक करेंगे और उनमें जान फूंकने की कोशिश होगी. लेकिन, कोल्हान में पार्टी अंदरूनी कलह से जूझ रही है. नेता और कार्यकर्ता गुटों में बंटे हैं. शाह की हुंकार से एकजुटता मुश्किल है. ऐसे में नया प्रदेश अध्यक्ष मिलने पर ही सबकी नजर है. सूबे का अध्यक्ष बदलने के बाद ही स्थिति साफ होगी कि 2024 में ऊंट किस करवट बैठेगा.

इसके लिए जोड़-तोड़ शुरू है. इस रैली से भाजपा क्षेत्र की 58 प्रतिशत अनुसूचित जनजाति को साधना चाहती है. उसे उम्मीद है कि अजजा और ग्रामीणों को वह रिझाने में सफल होती है, तो उसकी जीत तय है. 2019 के लोकसभा चुनाव में पार्टी को जहां-जहां पराजय का सांमना करना पड़ा था, वहां-वहां जीत के लिए केंद्रीय नेतृत्व अभी से संभावनाओं को तलाश रही है. पार्टी ने पहले 160 सीट की पहचान की थी, जिनमें से ज्यादातर 2019 के चुनाव में वह हार गयी थी.

पार्टी का मानना है कि वह अपने संगठन और सामाजिक आधार को मजबूत करके इन सीट पर जीत हासिल कर सकती है. खासकर उन राज्यों में जहां विपक्ष की सरकार है. इन्हीं में से झारखंड है, जिसकी 14 लोकसभा सीटों में से एक सिंहभूम सीट पर उसकी नजर है. इस सीट को जीतने के लिए हर संभव प्रयास शुरू कर दिया है. भाजपा चाईबासा, राजमहल समेत अन्य सभी सीटों पर जीत हासिल कर केंद्र में फिर से अधिक नंबर लाकर सरकार बनाने की कवायद में जुट गयी है.

इस क्रम में भाजपा की योजना है कि सिंहभू (चाईबासा) सीट जीतने के लिए यदि उसे जमशेदपुर में 1996 में किया गया प्रयाेग करना पड़े, तो इससे वह पीछे नहीं हटेगी. 2019 के विधानसभा चुनाव में भाजपा ने कोल्हान की 14 सीटों पर करारी हार का मुंह देखा था. पार्टी चाईबासा सीट पर जीत के लिए सभी विधानसभा सीटों पर अपने साथ अन्य दल के विनर कैंडिडेट को जोड़ने का अभियान चलाने की योजना पर काम कर रही है.

इसमें उन कैंडिडेट को भी जोड़ा जा रहा है, जिन्होंने चुनाव में कभी जीत हासिल की थी और उनका मोह इन दिनों सत्तादल से भंग हो चुका है. केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह चुनावी शंखनाद कर लौट जायेंगे, लेकिन इसका असर हर तीन माह में दिखेगा. 2024 के लोकसभा चुनाव के पहले तक हर दो-तीन माह में एक बड़े आयोजन में कोल्हान का एक बड़ा नेता अपना दल-संगठन छोड़ कर भाजपा में शामिल होगा.

राजनीतिक उथल-पुथल की शुरुआत भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष के बदलने के बाद ही दिखाई देगी. नये प्रदेशाध्यक्ष का राज्य के प्रमुख जिलों में दौरा होगा. उसके साथ ही पार्टी में शामिल करने का कार्यक्रम भी तय हो जायेगा. इसी क्रम में पश्चिमी सिंहभूम और सरायकेला-खरसावां जिले के एक-एक विधायक के साथ भाजपा की पहले दौर की हैंडशेक वार्ता होने का दावा भाजपा के वरीय नेता कर रहे हैं.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें