जगन्नाथपुर. नागालैंड सरकार के सांस्कृतिक महोत्सव हॉर्नबिल फेस्टिवल-2024 में पश्चिमी सिंहभूम जिले के कलाकार अपनी कला का जलवा बिखेरेंगे. नोवामुंडी प्रखंड के लोकेसाई गांव निवासी श्याम बोबोंगा और डूबराज बोबोंगा को दूसरी बार क्षेत्रीय आदिवासी हो भाषा के गीत और संगीत प्रस्तुत करने का मौका मिला है. कार्यक्रम की प्रस्तुति 07 दिसम्बर की शाम को होगी. नागालैंड सरकार के राज्य पर्यटन विभाग और कला एवं संस्कृति विभाग के इस त्योहार का नाम हॉर्नबिल पक्षी के नाम पर रखा गया है. यह पक्षी नागाओं के लिए बहुत सम्मानित है. नागा लोक कथाओं और गीतों में इसका प्रमुख स्थान है. इस त्योहार का मकसद नागालैंड की संस्कृति को संरक्षित करना है. त्योहार में रंग-बिरंगे प्रदर्शन, शिल्पकला, खेल, खाद्य मेलों और समारोहों का आयोजन होता है.
सरायकेला की आशा भी कार्यक्रम में करेंगे शिरकत
कार्यक्रम में सरायकेला जिला से इचकिंग गांव की आशा पुरती बानरा, जमशेदपुर से आशीष मुन्डु व सैमसन टुडू तथा जॉजपुर (ओडिशा) के मिर्गीचोरा गांव के नरेंद्र तियु साथ में रहेंगे. महोत्सव में हो गीत के साथ असम के राभा व बोड़ो जनजाति तथा सिक्किम के लेपचा जनजातियों के गीतों की प्रस्तुति होगी.“रिदम्स ऑफ दी अर्थ ” के माध्यम से देंगे प्रस्तुति
टाटा स्टील फाउंडेशन के जनजातीय संगीत समूह “रिदम्स ऑफ दी अर्थ ” के माध्यम से कार्यक्रम प्रस्तुत करेंगे. कार्यक्रम का प्रबंधन एवं रिदम्स ऑफ दि अर्थ की अगुवाई अंकिता टोप्पो, सैमसन वरुन तिर्की, जेम्स मिंज और बाबूलाल गोयपाई कर रहे हैं. रिदम्स ऑफ दी अर्थ भारत के विभिन्न राज्यों के कई जन जातिय कलाकारों का समूह है. रिदम्स ऑफ दी अर्थ के माध्यम से श्याम बोबोंगा 2018 में मुम्बई के एनसीपीए, 2023 में कलिंगनगर ओडिशा और 26 जनवरी 2024 को मुंबई के काला घोड़ा आर्ट फेस्टिवल जैसे बड़े मंचों पर हो गीतों का प्रस्तुति दे चुके हैं.
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