14.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

दंतैल हाथी की मौत के बाद लोको पायलट व ट्रेन के गार्ड पर दर्ज हुआ मुकदमा

Indian Railways News/IRCTC News, Jharkhand News: पश्चिमी सिंहभूम जिला के जराईकेला क्षेत्र के रायकापाट (रबंगदा पीएफ-11) में रेलवे पोल संख्या 378/12 के पास 16 सितंबर, 2020 की रात 9:15 बजे 110 किलोमीटर की रफ्तार से दौड़ रही मालगाड़ी की चपेट में आने से एक दंतैल हाथी की मृत्यु हो गयी थी. इस मामले में शनिवार को वन विभाग की ओर से वन संरक्षण अधिनियम के विभिन्न धाराओं के तहत रेलगाड़ी संख्या 37026 लोको पायलट (ट्रेन ड्राईवर) टी किशन समेत गार्ड एसआर कुंडू के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करायी गयी है.

चाईबासा : पश्चिमी सिंहभूम जिला के जराईकेला क्षेत्र के रायकापाट (रबंगदा पीएफ-11) में रेलवे पोल संख्या 378/12 के पास 16 सितंबर, 2020 की रात 9:15 बजे 110 किलोमीटर की रफ्तार से दौड़ रही मालगाड़ी की चपेट में आने से एक दंतैल हाथी की मृत्यु हो गयी थी. इस मामले में शनिवार को वन विभाग की ओर से वन संरक्षण अधिनियम के विभिन्न धाराओं के तहत रेलगाड़ी संख्या 37026 लोको पायलट (ट्रेन ड्राईवर) टी किशन समेत गार्ड एसआर कुंडू के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करायी गयी है.

वाइल्ड लाइफ फॉरेस्ट एक्ट के तहत दर्ज एफआइआर में बताया गया है कि घटना के संबंध में रायकापाट गांव के ग्रामीणों के द्वारा सूचना मिली कि एक हाथी (दांत वाला) की मृत्यु मनोहरपुर और जराईकेला रेलवे स्टेशन के बीच रायकापाट ग्राम के नजदीक रेलगाड़ी (टीसीआर ट्रेन, चार डिब्बे वाले निरीक्षण ट्रेन) की चपेट में आने से हुई. मनोहरपुर स्टेशन से रायकापाट ग्राम के बीच रेलवे ट्रैक पर एक तरफ से दूसरी तरफ तक हाथियों का आवागमन होता रहता है.

इस संदर्भ में वन विभाग की ओर से कई बार रेलवे को पत्र लिखकर कहा गया है कि उक्त सेक्शन में ट्रेन की स्पीड कम रखी जाये. इससे हाथियों को रेलवे ट्रैक पार करने के दौरान किसी भी प्रकार की समस्या या दुर्घटना नहीं होगी. इसे संबंध में वन क्षेत्र पदाधिकारी कोयना ने 18 दिसंबर, 2019 को पत्र लिखकर उक्त क्षेत्र के रेलगाड़ी की गाति 40 किमी प्रति घंटे कम रखने के लिए कहा गया था.

Also Read: अपनी बच्चियों को संभालें! पलामू के होटल में देह व्यापार से जुड़े रैकेट का खुलासा, मैनेजर समेत 7 गिरफ्तार

बताया गया कि ट्रेन की स्पीड इतनी ज्यादा थी कि लगभग 20-25 मीटर तक हाथी खिंचता हुआ आगे तक गया. ग्रामीणों से इस दुर्घटना की सूचना मिली, तो वन विभाग ने त्वरित कार्रवाई करते हुए दुर्घटना स्थल पर पहुंचकर मृत हाथी को कब्जे में लिया. चूंकि दुर्घटना रात में हुई, इसलिए उस रात्रि में इससे संबंधित अग्रेतर कार्रवाई नहीं की जा सकी. वन विभाग के कर्मियों ने पूरी रात मृत हाथी की सुरक्षा की.

कहा गया है कि रात्रि सुरक्षा में रेलवे के दो कर्मचारी भी मौजूद रहे. दुर्घटना के तुरंत बाद वन विभाग के द्वारा रेलवे के उच्चाधिकारियों को सूचित किया गया. इसके बाद 17 सितंबर को 3:30 बजे क्रेन से मृत हाथी को हटाकर पोस्टमार्टम की प्रक्रिया पशु डॉक्टर द्वारा पूरी की गयी. इसके बाद मृत हाथी के दोनों दांत निकालकर वन विभाग के द्वारा कब्जे में ले लिया गया.

Also Read: झुंड से अलग हुए हाथी की करंट लगने से मौत, पिपरवार में 6 दिन से उत्पात मचा रहा था हाथियों का यह दल

वन विभाग के अधिकारी, कर्मचारी, रेलवेकर्मी एवं ग्रामीणों की उपस्थिति में हाथी को दफना दिया गया. घटनास्थल का दौरा करने पर 2 घंटे के दौरान देखा गया कि उक्त रेलखंड पर मालगाड़ी की आवाजाही बहुत ज्यादा है. ट्रेन की स्पीड भी काफी ज्यादा रहती है. घटनास्थल पर ग्रामीणों से जानकारी मिली कि उक्त क्षेत्र हमेशा से हाथियों का क्रॉसिंग क्षेत्र रहा है. इस कारण मृत हाथी के संबंध में प्राथमिकी दर्ज करने के बाद विस्तृत जांच की जा रही है.

Posted By : Mithilesh Jha

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें