शीन अनवर, चक्रधरपुरझारखंड विधान सभा चुनाव की मतगणना में मात्र एक दिन शेष रह गया है. 23 नवंबर को मतगणना के बाद मतदान के हर राज से पर्दा उठ जायेगा. मतगणना के दिन जैसे-जैसे करीब आ रहा है, दावों के बीच हार-जीत के अंतर पर मंथन चल रहा है. चुनावी दौड़ में शामिल झामुमो के सुखराम उरांव, भाजपा के शशिभूषण सामाड व निर्दलीय डॉ विजय सिंह गागराई तीनों प्रत्याशियों के यहां हर दिन समर्थकों का जमावड़ा लग रहा है. सुखराम उरांव अपनी जीत का अंतर 15 से 20 हजार बता रहे हैं, डॉ विजय गागराई 25 हजार का अंतर मान रहे हैं. लेकिन भाजपा के शशिभूषण जीत का दावा तो कर रहे हैं, लेकिन आंकड़ों का अंतर नहीं बता रहे हैं.
12 में से 10 पहली बार चुनाव लड़े हैं
चक्रधरपुर से चुनाव लड़ने वाले 12 प्रत्याशियों में से 10 प्रत्याशी पहली बार चुनाव लड़े हैं. इससे पहले वे कभी विधान सभा चुनाव का सामना नहीं किये थे. केवल सुखराम उरांव व शशिभूषण सामाड ही हैं, जो एक से अधिक बार विधान सभा चुनाव लड़े और दोनों विधायक भी बने हैं. सुखराम उरांव दो बार और शशिभूषण सामाड एक बार विधायक चुने गये हैं.
चक्रधरपुर की सबसे बड़ी व छोटी जीत का अंतर
चक्रधरपुर विधान सभा में जीत-हार का अंतर बहुत अधिक नहीं रहता है. इस सीट पर सबसे बड़ी जीत का अंतर शशिभूषण सामाड के पक्ष में रहा है. 2014 में वह झामुमो प्रत्याशी के तौर पर 64 हजार 396 मत हासिल कर भाजपा की नवमी उरांव को हराये थे. जीत का अंतर 26 हजार 448 मतों का था. वर्ष 2009 में भाजपा के लक्ष्मण गिलुवा ने 26 हजार 984 मत प्राप्त कर झामुमो के सुखराम उरांव को मात्र 290 मतों के अंतर से हराया था. सुखराम को 26 हजार 694 मत मिले थे. 2005 में झामुमो से सुखराम उरांव 41 हजार 807 मत प्राप्त कर 21 हजार 835 मत प्राप्त करने वाले भाजपा के लक्ष्मण गिलुवा को 19 हजार 972 वोटों के अंतर से हराया था. 2019 में सुखराम दूसरी बार विधायक बने थे. सुखराम को 12 हजार 234 वोटों के अंतर से जीत मिली थी.
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