चाईबासा (पश्चिमी सिंहभूम), सुनील कुमार सिन्हा : पश्चिमी सिंहभूम जिला मुख्यालय स्थित चाईबासा शहर के सबसे पुराने मोहल्ले गाड़ीखाना व गुरुद्वारा मार्ग इन दिनों नर्क बना हुआ है. दरअसल, क्षेत्र को नगर पर्षद क्षेत्र से बाहर कर डिलियामार्चा पंचायत में शामिल करने से ऐसी स्थिति हुई है. पिछले 5-6 साल से क्षेत्र की नालियों की सफाई नहीं हुई है. वहीं जर्जर सड़क की मरम्मत नहीं हो रही है. नाली का कचरा सड़कों पर बहता है. गाड़ीखाना से गुरुद्वारा मार्ग के आधे हिस्सा को डिलियामार्चा पंचायत में शामिल किया गया है. हालांकि गाड़ीखाना से करीब 300 फीट तक नगर परिषद ने नाली का निर्माण कराया है. पंचायत की आपत्ति के बाद नप ने नाली निर्माण काम बंद कर दिया. ऐसे में नाली निर्माण अधूरा रह गया. इस मार्ग पर रहने वाले करीब 100 परिवार नाली की गंदगी से आना-जाना व बदबू से परेशान हैं.
इसी मार्ग से मंदिर व गुरुद्वारा जाते हैं लोग
लोगों ने बताया कि गाडीखाना- गुरुद्वारा मार्ग शहर का प्रमुख रास्ता है. बस स्टैंड, रेलवे स्टेशन व मेरीटोला आदि तक जाने का रास्ता है. लोग इसी मार्ग से मंगलाहाट, डेली सब्जी मार्केट और सदर बाजार, अस्पताल व दवा दुकान जाते हैं. इसी मार्ग से होकर गुरुद्वारा व मंदिर जाना पड़ता है. गाड़ीखाना मोहल्ला करीब 200 साल पुराना है. इस मार्ग पर रहने वाले करीब 100 परिवार नगर व ग्रामीण क्षेत्र के बीच पिस रहे हैं.
बरसात में फ्लैट के 35 परिवार हो जाते हैं कैद
डीएमएफटी फंड से मार्ग पर करीब 200 फीट पीसीसी सड़क बनी है. वहीं करीब 300 फीट सड़क का निर्माण नहीं हुआ है. आधे क्षेत्र में सडक ऊंची हो गया है. 300 मीटर जर्जर सड़क नयी सड़क से करीब दो फीट नीचेे है. ऐसे में नाली का पानी सीधे सड़क पर आ जाता है. बारिश के दिनों में नालियों का पानी घरों व फ्लैट में घुस जाता है. 35 परिवारों का लिफ्ट बंद हो जाता है. फ्लैट से बाहर निकलना बंद हो जाता है.
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क्या कहते हैं लोग
प्रवीर भद्र ने कहा कि मोहल्ले के फ्लैट में रहता हूं. न नालियों की सफाई होती है, न जर्जर सड़क की मरम्मत. नालियों का कचरा और पानी सड़क पर आ जाता है. नालियों की सफाई खुद करानी पड़ती है. बरसात में बदबू से जीना मुहाल हो जाता है. वहीं, गुड्डू तिवारी का कहना है कि गाड़ीखाना-गुरुद्वारा मार्ग पर मेरा घर व दुकान है. सफाई के अभाव में नालियां बजबजा रही हैं. कचरा सड़क पर आ जाता है. लोगों को बदबू का सामना करना पड़ता है. आवागमन में परेशानी होती है. दुकानदारी प्रभावित होती है.
बाजार जाने- आने में होती है परेशानी
सरिता देवी का कहना है कि मैं मोहल्ले में दुकान चलाती हूं. नालियों का गंदा पानी व कचरा सड़क पर आने से ग्राहक दुकान आना बंद कर देते हैं. खरीदारी के लिए बाजार जाने- आने में परेशानी होती है. हमलोग पिछले करीब छह साल से झेल रहे हैंं. वहीं, शोभा यादव कहती है कि मोहल्ले में साफ- सफाई का अभाव है. न जर्जर सडक की मरम्मत हो रही है, न नालियों की सफाई. लोगों को मंदिर और गुरुद्वारा जाने के लिए कचरा को लांघकर जाना पड़ता है. यहां की स्थिति नारकीय बनी हुई है.
गंदा पानी सड़क पर बहता है
आयुषी रानी ने कहा कि गाड़ीखाना-गुरुद्वारा शहर का व्यस्ततम मार्ग है. पिछले 5- 6 साल से सड़क व नालियों की स्थिति बदतर हो गयी है. लोगों को गंदे पानी से होकर आना- जाना करना पड़ता है. बारिश में पानी घरों व फ्लेट कैंपस में घुसता है. वहीं, पापिया माइति का कहना है कि मैं गाड़ीखाना के फ्लैट में रहती हूं. यहां कभी भी साफ-सफाई नहीं होती है. बारिश में नालियों का गंदा पानी लोगों के घरों में घुस जाता है. अब भी थोड़ी बारिश होने पर नालियों का कचरा और गंदा पानी सड़क पर बहने लगता है.
गंदगी के कारण बीमारी का खतरा बना रहता है
जयश्री भद्र का कहना है कि यहां की नालियों की सफाई होते कभी नहीं देखा है. स्थिति यह है कि फ्लेट से बाहर निकलना मुश्किल हो जाता है. लोग सब्जी आदि की खरीदारी से वंचित हो जाते हैं. गंदगी के कारण बीमारी का खतरा बना रहता है. वहीं, शशि तिवारी कहते हैं कि गाड़ीखाना से रेलवे स्टेशन, बस पड़ाव और सब्जी बाजार आसपास है. इसके बावजूद बुनियादी सुविधाओं का घोर अभाव है. लोग नारकीय जीवन जी रहे हैं. हल्की बारिश में नालियों का कचरा सड़क पर बहने लगता है.
नगर क्षेत्र से बाहर होने के कारण बढ़ी परेशानी : डोमा मिंज
इस संबंध में चाईबासा नगर पालिका के कार्यकारी अध्यक्ष डोमा मिंज कहते हैं कि यह सही है कि गाड़ीखाना-गुरुद्वारा मार्ग पर शहर का सबसे पुराना मोहल्ला है, लेकिन हाल में ग्रामीण क्षेत्र में चले जाने से लोगों की परेशानी बढी है. यह नगर क्षेत्र से बाहर हो गया है. पंचायत को चाहिए कि नालियों की साफ-सफाई व जर्जर सड़क की मरम्मत कराये. बारिश में बाढ की स्थिति बनने पर नगर परिषद ने पानी निकालने का काम किया था.