सोनुआ.
गुदड़ी प्रखंड के बुड़ीउली गांव में प्रसव पीड़ा से तड़पती गर्भवती महिला गासो सोय और नवजात की अस्पताल लाने के लिए वाहन नहीं मिलने से मौत हो गयी. जच्चा-बच्चा की मौत से गांव का माहौल गमगीन है. जानकारी के मुताबिक, महिला को मंगलवार की देर शाम करीब छह बजे प्रसव पीड़ा शुरू हुई. उसे 50 किमी दूर सोनुआ अस्पताल लाने के लिए परिजन वाहन खोजने लगे. लेकिन वाहन नहीं मिला और करीब 10 बजे रात को महिला की मौत हो गयी. घटना स्वास्थ्य विभाग की व्यवस्था पर भी सवाल खड़ा करता है.प्रखंड बनने के 24 साल बाद भी स्वास्थ्य सुविधा बदहाल
राज्य गठन के 24 साल बाद भी गुदड़ी प्रखंड में अस्पताल नहीं है. यहां के लोग आज भी स्वास्थ्य सेवाओं के लिए तरस रहे हैं. यहां वाहन नहीं मिलने से मौत का मामला नया नहीं है, पूरे प्रखंड में एक भी अस्पताल नहीं होने से इलाज के अभाव में लोगों की मौत हो रही है. इस समस्या से निबटने के लिए पूर्व में सांसद जोबा माझी ने एंबुलेंस दी थी. लेकिन सही व्यवस्था और चालक नहीं होने के कारण लोग आज भी इसका खामियाजा भुगत रहे हैं. गुदड़ी को अलग प्रखंड का दर्जा दे दिया गया है, लेकिन आज तक ब्लॉक व थाना के अलावा और कोई भी विभाग अलग नहीं हुआ है. आज भी सोनुआ सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र से ही गुदड़ी प्रखंड में स्वास्थ्य सेवा बहाल होती है. यहां डॉक्टर, स्वास्थ्यकर्मियों व एएनएम की कमी के कारण सेवा बदहाल है.प्रसूता की मौत की जानकारी नहीं : चिकित्सा प्रभारी
गुदड़ी में प्रसूता की इलाज के अभाव में हुई मौत मामले में सोनुआ सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ डीपी हांसदा ने बताया कि उन्हें इस मौत के बारे कोई जानकारी नहीं है. अगर ऐसा कोई मामला सामने आता है, तो इसकी जांच की जायेगी.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है