प्रतिनिधि,चक्रधरपुर
चक्रधरपुर से झारसुगुड़ा हावड़ा-मुंबई मुख्य रेल मार्ग पर स्थित है. यहां सारंडा के बीहड़ जंगलों से होकर ट्रेनें गुजरती हैं, जो हमेशा घने कोहरे से घिरा रहता है. सर्दियों का मौसम है. सर्दियों में सबसे बड़ी समस्या कोहरे की है. इसका असर रेलवे पर पड़ रहा है. इस घने कोहरे में ट्रेनों के परिचालन को सुचारु बनाये रखने के लिए चक्रधरपुर रेल मंडल ने ट्रेन के इंजन में फॉग सेफ्टी डिवाइस (एफएसडी) स्थापित कर दी है, जो लोको पायलट को आने वाले सिग्नल के बारे में आगाह कर देता है.500 मीटर पहले सिग्नल की जानकारी दे देता है डिवाइस
सीनियर लोको पायलट ने बताया कि इस डिवाइस से सिग्नल कितनी दूरी पर है, इसका पता चल जाता है. इस दौरान ट्रेनों की स्पीड कम कर लेते हैं. यह डिवाइस किसी भी सिग्नल के 500 मीटर पहले इस बात की जानकारी देता है कि आगे कोई सिग्नल, क्रॉसिंग, रेलवे स्टेशन आने वाला है. इसके बाद बड़े आराम से सिग्नल के प्रकार व रूप को देखकर ट्रेन को कंट्रोल कर लेते हैं. अगर डिवाइस नहीं लगाया जाता, तो सामान्य तौर पर कोहरे में 10 से 15 किमी प्रति घंटे की स्पीड से ट्रेनें चलतीं. इस डिवाइस के लगने से ट्रेनों की स्पीड बढ़कर 40 से 45 किमी प्रति घंटे हो गयी है. एफएसडी वितरणकर्ता ने बताया कि कोहरे को देखते हुए एफएसडी की संख्या 60 से बढ़ाकर 72 की गयी है. डिवाइस का रोलिंग होते रहता है. इस रूट में यात्री ट्रेनों व मालगाड़ियों में एफएसडी डिवाइस का इस्तेमाल हो रहा है. यह लोको पायलटों के लिए काफी कारगर साबित हो रहा है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है