चाईबासा.
पश्चिमी सिंहभूम में डीएमएफटी मद से सरकारी स्कूलों में बच्चों की सुरक्षा के लिए तड़ित चालक (लाइटनिंग कंडक्टर) लग रहे हैं. हालांकि, काम जैसे-तैसे पूरा किया जा रहा है. तय मानक के अनुरूप काम नहीं हो रहा है. दरअसल, तड़ित चालक लगाने के लिए कम से कम 10 फीट गहरा गड्ढा खोदना होता है. पठारी क्षेत्र होने के कारण ज्यातादर जगहों पर चट्टान और वृक्षों की जड़ों की वजह से दिक्कत आ रही है. ऐसे में कम गड्ढा कर तड़ित चालक लगाया जा रहा है. ताजा उदाहरण टुंगरी प्राथमिक विद्यालय का है.तीन दिन में मात्र एक फीट गड्ढा खोदा जा सका
विद्यालय परिसर की जमीन सीमित होने के कारण पिछले हिस्से में करीब एक फीट चौड़ी जगह पर तीन दिनों में मात्र एक-डेढ़ फीट गड्ढा खोदा जा सका है. दरअसल, एक तो संकरी गली और जमीन के नीचे चट्टान और ईंट की भरमार है. पुराने वृक्ष की जड़ों की वजह से मजदूरों को काफी मशक्कत करनी पड़ रही है. मौके पर विद्यालय प्रबंधन समिति के अध्यक्ष ने कहा कि कम से पांच- छह फीट गड्ढा कर तड़ित चालक लगाया जा सकता है.34 करोड़ से 1966 स्कूलों में लगेंगे तड़ित चालक
जानकारी के अनुसार, जिले में करीब 34 करोड़ रुपये की लागत से कुल 1966 विद्यालयों में तड़ित चालक लगाया जाना है. इनमें कई दुरुह क्षेत्र के विद्यालय शामिल हैं.विदित हो कि स्कूलों में तड़ित चालक लगाने का काम केल्विंसा प्राइवेट लिमिटेड कर रही है. कंपनी के साइट इंचार्ज धर्मेंद्र यादव ने बताया कि जमीन में पत्थर, ईंट और पुराने वृक्ष की जडों की वजह से परेशानी हो रही है. तय मानक के अनुरूप काम करने का प्रयास किया जा रहा है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है