चाईबासा. पश्चिमी सिंहभूम जिले की सरकारी शराब दुकान में नकली शराब बेची जा रही है. इसमें सरकारी दुकानों के कर्मचारी शामिल हैं. ताजा मामले में चाईबासा के यशोदा चौक स्थित सरकारी लाइसेंसी शराब दुकान के दो कर्मचारी नकली शराब के साथ हिरासत में लिये गये हैं. इनमें रांची निवासी अवधेश कुमार और औरंगाबाद निवासी सोनू कुमार शामिल हैं. सोमवार को पुलिस ने मुफस्सिल थाना क्षेत्र के पाताहातु में चल रही चार मिनी शराब फैक्ट्री पर छापेमारी की. यहां नकली शराब बनाकर सरकारी शराब दुकानों के माध्यम से बेची जा रही थी. मौके से विभिन्न ब्रांड की खाली बोतलें, शराब बनाने का केमिकल, स्टिकर और झारखंड सरकार की सील बरामद हुए हैं. नकली शराब बनाने और बेचने को लेकर मुफ्फसिल थाना पुलिस और आबकारी विभाग ने अलग-अलग दो मामले दर्ज किये हैं.
विभाग की मिलीभगत के बिना संभव नहीं : गीता कोड़ा
बताया जाता है कि पुलिस पहुंची, तो सभी जगह ताला बंद था. पुलिस ने ग्रामीण मुंडा की देखरेख में ताला तोड़कर अंदर प्रवेश किया. इस मामले में पूर्व सांसद गीता कोड़ा ने कहा कि बिना विभाग की मिलीभगत व समर्थन के इतने बड़े पैमाने पर अवैध रूप से चार फैक्ट्रियां नहीं चलायी जा सकती हैं.
थैले व बोरे में नकली शराब लेकर जा रहे दोनों कर्मचारियों को पकड़ा
ज्ञात हो कि नकली शराब बनाने और लाइसेंसी दुकान में बचने की शिकायत उत्पाद अधीक्षक अजय कुमार से कई बार की गयी थी. उन्होंने सिरे से खारिज कर दिया था. इसके बाद भाजपा कार्यकर्ताओं ने अपने स्तर से पता लगाना शुरू किया. सोमवार की दोपहर पाताहातु पुल के पास मोटरसाइकिल से थैले व बोरे में बांधकर नकली शराब लेकर जा रहे दोनोंम कर्मियों को पकड़ा गया. उन्हें उत्पाद विभाग के कार्यालय ले जाया गया. मुफस्सिल थाना प्रभारी ने पूछताछ और जांच की. इसके बाद चार मिनी शराब फैक्ट्री का पता लगा.
…कोट…
दोनों सेल्समैन को हिरासत में लिया गया है. दोनों जेल जायेंगे. जिस व्यक्ति ने मकान मालिक से कमरा भाड़े पर लिया था, वह भी दोषी है. दुकान से दो बोतल शराब सेल्समेन द्वारा बाहर लेकर जाना अपराध है.
– अजय कुमार, उत्पाद अधीक्षक, पश्चिमी सिंहभूमडिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है