फोटो- गिरफ्तारी की मांग को लेकर अस्पताल में बैठे स्वास्थ्यकर्मीप्रतिनिधि, चक्रधरपुरचक्रधरपुर अनुमंडल अस्पताल में झामुमो नेता रामलाल मुंडा द्वारा दो दिन पूर्व हंगामा, गाली- गलौज, जान से मारने की धमकी व सरकारी कार्य में बाधा डालने के खिलाफ प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डाॅ अंशुमान शर्मा ने दो दिन पूर्व चक्रधरपुर थाना में प्राथमिकी दर्ज करायी थी. घटना के दो दिन बाद भी पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार नहीं किया. इसके बाद आक्रोशित डॉक्टरों ने रामलाल मुंडा की गिरफ़्तारी की मांग करते हुए अनुमंडल अस्पताल के चिकित्सक व स्वास्थ्य कर्मी हड़ताल कर धरना पर बैठक गये हैं. स्वास्थ्यकर्मियों के हड़ताल पर जाने से स्वास्थ्य सेवा बाधित हो गयी है. ओपीडी बंद है. हालांकि, अस्पताल में इमरजेंसी सेवाएं बहाल हैं. ओपीडी बंद रहने से करीब 150 मरीज बिना इलाज के बैरंग लौट गये.
घटना के विरोध में डॉक्टरों ने कामकाज ठप किया, बैरंग लौटे मरीज
रामलाल मुंडा की गिरफ्तारी की मांग को लेकर चिकित्सक एवं स्वास्थ्य कर्मी अस्पताल परिसर में धरना पर बैठ गये हैं. स्वास्थ्य कर्मियों ने रामलाल मुंडा की गिरफ्तारी की मांग करते हुए नारे लगाये. कर्मियों ने कहा कि रामलाल मुंडा पहले भी तत्कालीन प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डाॅ साइबा सोरेन और डाॅ सीबी चौधरी को गाली-गलौज और धमकी दे चुके हैं. इसलिए अब इसे बर्दाश्त नहीं किया जायेगा. हम सेवा करते हैं. इस सेवा के बदले में प्रताड़ना मिले तो हम बर्दाश्त नहीं करेंगे. मौके पर रामाधार साहू, कुमारी इंदिरा, जगन्नाथ प्रसाद महंतो, श्यामल, रामलाल महतो, कुमकुम देवी, शिवचरण, सुनीता महतो, जानकी मुंडा समेत काफी संख्या में स्वास्थ्य कर्मी उपस्थित थे.
क्या है पूरा मामलाघटना शुक्रवार शाम 5 बजे की है. अनुमंडल अस्पताल के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डाॅ अंशुमन शर्मा अस्पताल में कार्यरत थे. तभी एक दुर्घटनाग्रस्त मरीज के आगमन पर प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी ड्रेसिंग रूम में गये. मरीज के साथ पहुंचे चक्रधरपुर के नेता रामलाल मुंडा ने डॉक्टरों से उसका हाल पूछा. डाॅ शर्मा ने कहा कि मरीज को बेहतर इलाज के लिए रेफर किया जा रहा है. इस पर रामलाल मुंडा डॉक्टर से अभद्र व्यवहार किया. इस दौरान स्वास्थ्यकर्मियों ने बीच-बचाव करना चाहा तो उनके साथ भी गाली-गलौज व जान से मारने की धमकी दी. इसके बाद आक्रोशित डॉक्टर व स्वास्थ्य कर्मियों ने सुरक्षा की मांग व रामलाल मुंडा की गिरफ्तारी को लेकर धरना पर हड़ताल पर बैठ गये. डॉक्टरों ने जिला प्रशासन से अस्पताल परिसर में 24 घंटे सुरक्षा की मांग की है.कोटअस्पताल में एक महिला मरीज को भर्ती कराया गया था. वह चलने में असमर्थ थी. क्योंकि उसका पांव काम नहीं कर रहा था. इसके बाद भी उसे अस्पताल से छुट्टी दे दी गयी. इसकी जानकारी तक उन्हें नहीं दी गयी. इसी मामले पर चिकित्सक और कर्मियों से पूछताछ की. डॉक्टरों से कोई अभद्र व्यवहार नहीं किया. आरोप बेबुनियाद है.- रामलाल मुंडा, झामुमो नेता
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