चाईबासा : नए साल के स्वागत के लिए अभी पिकनिक का दौर जोर शोर से चल है. अंतिम दिसंबर और जनवरी में लोगों का पिकनिक मनाने का उत्साह बना रहता है. लोग अपने घर से कहीं दूर जाकर प्राकृतिक सुंदरता एंव मनोरम दृश्य के बीच पिकनिक का आनंद लेना अधिक पसंद करते हैं. ऐसे ही पिकनिक स्थलों में से एक है मृगसिंगा. यह स्थल जैंंतगढ़ तथा चंपुआ शहर से 15 किलोमीटर दूर स्थित है. यहां की सुंदरता सैलानियों को सहज ही अपनी ओर आकर्षित करती है. जो एक बार यहां पिकनिक मनाये वह निश्चित ही दोबारा आने की इच्छा रखता है.
पर्यटकों केलिए खास:
खूबसूरत वादियों, घने जंगलों और पहाड़ों के बीच स्थित यह पिकनिक स्थल मृगसिंगा बैतरणी नदी, मंदिर, पानी पंप हाउस और वृक्षों के साथ मिलकर एक आकर्षक आकृति के साथ मनोरम दृश्य बनाती है. बड़े -छोटे चट्टानों के बीच से होकर दूर तक झरती बैतरणी का पानी यहां आए सैलानियों का मन मोह लेता है. साथ ही चट्टानों से पानी की निकलती किलकारियां और वृक्षों से बहती हल्की सर्द हवाएं लोगों को मत्र मुग्ध करते हैं.
नदी के दोनों ओर खुले स्थान और पानी के बीच बड़े चट्टानों के बीच लोग पिकनिक का आनंद लेते हैं. वृक्षों के छांव मे सुकून भरा समय बिताते हैं तथा बच्चे किनारों पर खेलते – कूदते हैं. बैतरणी मे ठंडे पानी से नहाने का यहां अलग ही मजा है.
शिव मंदिर मे होती है पूजा:-
प्राचीन काल से स्थित यहां एंव शिव मंदिर है. जिसमें प्रत्येक सोमवार तथा विशेष अवसरों पर लोग शिव की पूजा करते हैं. माना जाता है कि भगवान राम 14 वर्षों के वनवास के दौरान इसी मार्ग से होकर गुजरे थे तथा इस स्थल पर उनके पद चिन्ह भी पाए गए थे. लेकिन वह निशान अब यहां बाकी नहीं है. बाद मे लोगों ने यहां शिव मंदिर का निर्माण किया. दूर -दराज से आए सैलानी यहां बैतरणी स्नान कर शिव मंदिर मे पूजा – अर्चना करते हैं.
चाईबासा से 60 किलोमीटर दूर एनएच 75 पर सफर कर जैंतगढ़ या चंपुआ पहुंचे. चंपुआ-जोड़ा मुख्य सड़क पर 12 किलोमीटर चलने पर कोदगाड़िया गांव मिलेगा. यहां से दाहिनी ओर पीसीसी सड़क पर 3 किलोमीटर चलकर मृगसिंगा पहुंचा जा सकता है. लोग छोटे – बड़े निजी वाहन और बाइक से भी यहां पहुंचते हैं.
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