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चतरा में टीएसपी के संरक्षण में हो रही अफीम की खेती, पहले से थी पुलिस पर हमले की तैयारी

खेती करनेवालों को टीएसपीसी उग्रवादी हरेंद्र गंझू और उसके दस्ते के सदस्य संरक्षण देते हैं. खेती करनेवाले लोग बदले में उग्रवादियों के लिए खाना-पानी की व्यवस्था करते हैं. साथ ही पुलिस की गतिविधियों की सूचना भी देते हैं.

अमन तिवारी, रांची :

चतरा के बोरियो में सात फरवरी की शाम अफीम की फसल नष्ट कर लौट रही पुलिस टीम पर टीएसपीसी उग्रवादियों ने घात लगा कर हमला कर दिया था. इस दौरान हुई मुठभेड़ में दो पुलिसकर्मियों की मौत हो गयी थी, जबकि एक पुलिसकर्मी गंभीर रूप से जख्मी हो गया था. इस घटना को लेकर चतरा पुलिस ने रिपोर्ट तैयार की है. रिपोर्ट में बताया गया है कि चतरा में पुलिस को भारी नुकसान पहुंचाने की योजना टीएसपीसी के उग्रवादियों ने पहले ही तैयार कर रखी थी. यहां अफीम की खेती टीएसपीसी के संरक्षण में होता है. घटना के दिन उग्रवादियों को समर्थन देनेवालों ने उन्हें पहले से ही सूचना दे दी थी कि पुलिस की टीम अफीम की फसल नष्ट करने जा रही है. इसी सूचना के आधार पर उग्रवादियों ने घात लगाकर पुलिस पर हमला कर दिया था.

पुलिस ने की है इनकी पहचान : 

उग्रवादी संगठन टीएसपीसी के रीजनल कमेटी मेंबर आक्रमण गंझू, जोनल कमेटी मेंबर शशिकांत गंझू, हरेंद्र गंझू, कुणाल उर्फ कुलदीप गंझू, जाठा, हरिवंश, लक्ष्मण गंझू, छोटू गंझू, सोहन गंझू, भुवनेश्वर गंझू, सुरेश गंझू और जीवलाल भुईया सहित. चतरा सदर थाना की पुलिस ने इन आरोपियों के खिलाफ मामले में नामजद केस भी दर्ज किया है.

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ग्रामीणों के विरोध से निबटने के लिए लाठी लेकर गयी थी पुलिस : 

चतरा पुलिस के सब इंस्पेक्टर देव कुमार होरो ने पुलिस की टीम को बताया था कि अफीम की खेती नष्ट करने के दौरान ग्रामीण आक्रोशित होकर विधि-व्यवस्था की समस्या उत्पन्न कर सकते हैं. ग्रामीणों का विरोध होने पर इससे निबटा जा सके, इसलिए लाठी बल को वहां साथ ले जाया गया था.

उग्रवादी और अफीम की खेती करनेवाले करते हैं एक-दूसरे की मदद

चतरा पुलिस ने अपनी रिपोर्ट में लिखा है कि पुलिस को लगातार सूचना मिल रही थी कि सदर थाना क्षेत्र एवं जोरी थाना क्षेत्र सीमावर्ती इलाकों- सेल, बेदाग, बोरैया, गम्हारतरी और बोरियो नदी के दोनों किनारों पर स्थित वन भूमि पर बड़े पैमाने पर अफीम की खेती हो रही है. अफीम की खेती करनेवालों को टीएसपीसी उग्रवादी हरेंद्र गंझू और उसके दस्ते के सदस्य संरक्षण देते हैं. खेती करनेवाले लोग बदले में उग्रवादियों के लिए खाना-पानी की व्यवस्था करते हैं. साथ ही पुलिस की गतिविधियों की सूचना भी देते हैं.

आक्रमण और शशिकांत ने बनायी थी पुलिस पर हमले की योजना

रिपोर्ट के अनुसार टीएसपीसी उग्रवादी संगठन के कमांडर हरेंद्र गंझू, कुणाल, जठा गंझू उर्फ राजदेव गंझू, हरिवंश, लक्ष्मीण गंझू और इनके दस्ते के सात-आठ सदस्य इस क्षेत्र में आते-जाते रहते हैं. जबकि इनके समर्थक छोटू गंझू और सोहन गंझू उग्रवादियों के खाने-पीने व्यवस्था करते हैं और पुलिस की गतिविधियों की सूचना देते हैं. रिपोर्ट के अनुसार, शीर्ष कमांडर आक्रमण गंझू और शशिकांत ने हाल में ही एक बैठक कर पुलिस को भारी नुकसान पहुंचाने का योजना तैयार की थी. योजना को अंजाम देने की जिम्मेदारी हरेंद्र गंझू को दी गयी थी.

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