चतरा. जिले में कई क्षेत्र थंडरिंग जोन के रूप में चिह्नित हैं. इन दिनो लगातार क्षेत्र में बारिश के साथ वज्रपात हो रही हैं. जिसकी चपेट में आने से लोगों के साथ-साथ मवेशियों की जान जा रही हैं. विद्यालय के आसपास भी वज्रपात की घटना घट रही हैं. जिले के स्कूलों में तड़ित चालक नहीं हैं. ऐसे में वज्रपात होने पर बच्चों की सुरक्षा भगवान भरोसे हैं. जिले के स्कूलों में वज्रपात की घटनाओं से बचने के लिए लगाये गये तड़ित चालक या तो खराब हो गये हैं या चोरी हो गयी हैं. स्कूलों में तड़ित चालक नहीं रहने से स्कूली बच्चों को जान का खतरा बना रहता हैं. इन दिनों लगातार वज्रपात की घटना घट रही हैं. वज्रपात की चपेट में आने से लोगो के साथ-साथ मवेशियों की भी मौत हो रही हैं. लगातार हो रही वज्रपात की घटना से लोग परेशान हैं. जब तक बच्चे विद्यालय से घर नहीं लौट जाते, माता-पिता चिंतित रहते हैं. मालूम हो कि 14 वर्ष पूर्व विद्यालयों में तड़ित चालक लगाये गये थे, लेकिन रख-रखाव के अभाव में कुछ माह में ही ये खराब होते चले गये. कहीं कहीं तड़ित चालक की चोरी होती रही. इस तरह वज्रपात से स्कूली बच्चों की जान का खतरा बना रहता हैं. पूर्व में कई बार स्कूल के आसपास वज्रपात की घटना घट चुकी हैं. बच्चों के अभिभावको ने सरकार व जिला प्रशासन से अविलंब विद्यालयों में तड़ित चालक लगाने की मांग की. जिले में 1500 से अधिक सरकारी विद्यालय हैं. वहीं लगभग 300 प्राइवेट विद्यालय हैं.
स्कूल व कार्यालय के आसपास हो चुका हैं वज्रपात
सरकारी स्कूल व कार्यालयों के आसपास वज्रपात की घटना घट चुकी हैं. 25 जून 2024 को सिमरिया प्रखंड के उत्क्रमित मध्य विद्यालय मनातू में वज्रपात का चिंगारी पहुंच गया था. जिससे विद्यालय में अफरा तफरी मच गयी थी. विद्यालय में बच्चों को पढ़ा रहे शिक्षक व बच्चे किसी तरह इधर उधर भाग कर जान बचा. वहीं विद्यालय में लगे बिजली उपकरण व जलमीनार का स्टार्टर आदि जल कर बर्बाद हो गया था. कमरा धुंआ-धुंआ हो गया था. 11 अगस्त 2024 को गिद्धौर प्रखंड कार्यालय में वज्रपात हुई थी. जिसमें प्रखंड कार्यालय के सारे सिस्टम जल गये थे. वहीं पदाधिकारी व कर्मी बाल-बाल बचे थे. इस तरह सरकारी विद्यालय व कार्यालय के आसपास वज्रपात हो रही हैं.
क्या है तड़ित चालक
तड़ित चालक एक ऐसा यंत्र हैं, जो कॉपर का बना होता हैं. इसे हमेशा ऊंचे भवनों या घर की छतों पर लगाया जाता हैं. तड़ित चालक आकाशीय विद्युत से रक्षा के लिए लगाया जाता हैं. तारो द्वारा इसकी अर्थिंग कर जमीन में गाड़ दिया जाता हैं. ये ऊपर से थोड़ा पतला और नीचे से मोटा होता हैं. इससे ज्यादा पावर करंट भी सीधे जमीन में चला जाता हैं. यहीं कारण हैं कि तड़ित चालक से वज्रपात का खतरा काफी कम हो रहा हैं.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है