देवघर : पश्चिम बंगाल के व्यवसायी को सरिया का व्यवसाय कराने का झांसा देकर कुछ लोगों द्वारा मधुपुर बुलाया गया. इसके बाद उसे साथ में पहले गाड़ी में बैठाकर गिरिडीह की तरफ व बाद में जामताड़ा जिला क्षेत्र में ले जाकर 25.30 लाख रुपये की धोखाधड़ी किये जाने का मामला सामने आया है. घटना के बाद करीब एक सप्ताह तक पश्चिम बंगाल के नदिया जिले व आसनसोल का व्यवसायी देवघर समेत जामताड़ा जिले के सात थानों का चक्कर लगाते रहे, बावजूद अब तक उनलोगों को न्याय नहीं मिल सका है. मामले में न्याय की गुहार लगाने के लिए वे लोग जामताड़ा व देवघर के एसपी से भी मिल चुके हैं. अब उनलोगों को भरोसा मिला है कि मामले में न्याय मिलेगा. इसी सिलसिले में शनिवार को पश्चिम बंगाल के दोनों व्यवसायी अपनी शिकायत देने देवघर साइबर थाना भी पहुंचे. व्यवसायियों के मुताबिक, घटना 23 व 24 फरवरी की है. पहले दो लोगों ने उनलोगों को मधुपुर बुलाया और कम लागत में सरिया दिलाकर अच्छे मुनाफे कमाने का प्रलोभन दिया. उनलोगों से कहा गया था कि प्रति ट्रक 20 से 30 हजार रुपये का मुनाफा हो जायेगा. उनलोगों के बुलावे पर वह मधुपुर आया. इसके बाद आरोपित सफेद कार से आये, जिसपर लगे नंबर की जांच करने पर उसे बाद में पता चला कि किसी ब्लू कार का नंबर लगा रखा था.
ऐसे दिया गया घटना को अंजाम
गाड़ी पर बैठाकर महेशमुंडा के रास्ते पहले उनलोगों को गिरिडीह इलाके में ले गये, जहां एक बंद शटर मकान में ब्रांडेड बाइक शोरुम का बोर्ड लगा था. वहां मौजूद उनलोगों के स्टाफ काफी रुपये भी गिन रहे थे. विश्वास में लेकर उससे पहले दो लाख रुपये 23 फरवरी को ट्रांसफर करा लिया. फिर दूसरे दिन उन दोनों को दूसरी कार में बैठाकर जामताड़ा के बिंदापाथर व नाला इलाके के सुनसान स्थल पर बने मकान में ले गये. आरोप है कि हथियार का भय दिखाकर उसकी मोबाइल से उनलोगों ने 18 लाख रुपये ऑनलाइन ट्रांसफर कर लिया. इसके बाद उनलोगों के पास मौजूद नकदी करीब 5.30 लाख छिनतई भी कर ली. व्यवसायियों का आरोप है कि उनलोगों को अगवा कर 25.30 लाख की धोखाधड़ी की गयी है. मामले में पीड़ित व्यवसायियों ने पुलिस से कार्रवाई करने व धोखाधड़ी किये गये रुपये वापस कराने की मांग की है. हालांकि देवघर के कोई भी पुलिस अधिकारी इस मामले को कुछ नहीं बता रहे हैं.