देवघर : सारठ सीएचसी से एक टीम रविवार को ब्रेन मलेरिया से प्रभावित आदिवासी गांव झिलुवा पहुंची. टीम ने 25 लोगों की स्वास्थ्य जांच की, जिनमें एक ग्रामीण हीरालाल हेंब्रम की हालत गंभीर देखकर 108 एंबुलेंस से सदर अस्पताल भेजा. जांच दल के एमटीएस अनिकेत तिवारी ने बताया कि ब्रेन मलेरिया से पीड़ित हीरालाल पहले खुद जामताड़ा चलाया गया था, जहां झाड़-फूंक कराने के बाद उसकी स्थिति और बिगड़ गयी. गांव में लार्वानाशी छिड़काव करने के साथ-साथ घरों के अंदर और बाहर फाॅगिंग करायी गयी. उन्होंने बताया कि दो दिनों में 175 ग्रामीणों की जांच हो चुकी है. ब्रेन मलेरिया चिह्नित रोगी को दवा उपलब्ध करायी गयी है. लोगों से मच्छरदानी का प्रयोग करने, ताजा भोजन व गर्म पानी का सेवन करने, बुखार या कोई परेशानी होने पर सीएचसी में जांच कराने की सलाह दी गयी है. टीम में एमटीएस अनिकेत तिवारी, एमपीडब्लू अवधेश कुमार, मुकेश कुमार, सहिया साथी टिंकी कुमारी, सहिया हेमलता गोस्वामी मुख्य रूप से थे. ज्ञात हो कि, गांव के वीरेंद्र किस्कू की ब्रेन मलेरिया से एक दिसंबर को मौत हो गयी थी. वहीं, पहले से पीड़ित मंत्री हेंब्रम, सोनमणि हेंब्रम, तारणी किस्कू,अरविंद किस्कू का इलाज चल रहा है.
देवघर के सिविल सर्जन डॉ रंजन सिन्हा ने कहा कि झिलुवा में गांव में लगातार निगरानी रखने को लेकर सारठ सीएचसी प्रभारी डॉ जियाउल हक एवं मलेरिया टीम को जिम्मेदारी दी गयी है. टीम के द्वारा लगातार गांव में चिकित्सा शिविर लगाकर लोगों की जांच, बचाव एवं नियंत्रण संबंधी कार्य किये जा रहे हैं. टीम के कामों का अनुश्रवण एवं पर्यवेक्षण जिला स्तरीय गठित जिला टास्क फोर्स द्वारा किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि अधिसूचित बीमारियों को छिपाना अपराध है.
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