Jharkhand Election 2024: देवघर, संजीत मंडल- संताल परगना की 18 सीटों को फतह करने के लिए बीजेपी ने मास्टर प्लान बनाया है. पार्टी ने संताल में आदिवासी अस्मिता के जेएमएम के दांव को शिबू सोरेन के परिवार की ही सीता सोरेन और सिदो-कान्हू के वंशज मंडल मुर्मू के जरिए काउंटर करने की योजना बनायी है. बीजेपी चंपाई सोरेन को मुख्यमंत्री पद से हटाये जाने को भी आदिवासी अस्मिता से जोड़ कर प्रचार कर रही है. भाजपा का आरोप है कि जेएमएम परिवारवाद की पार्टी है इसलिए चंपाई सोरेन को पचा नहीं सकी.
जेएमएम के वोट बैंक को साधने की कोशिश में बीजेपी
बीजेपी ने संताल परगना में बदलती डेमोग्राफी और बांग्लादेशी घुसपैठ को प्रमुख चुनावी मुद्दा बनाया है. बीजेपी ने इसे अपने संकल्प पत्र में शामिल करके जेएमएम के कोर वोटरों को साधने की कोशिश की है. खासकर संताल में जेएमएम के कोर वोटरों को. इस इलाके में यूनिफॉर्म सिविल कोड को लेकर आदिवासी समाज के विरोध का असर कहीं वोट के रूप में सामने न आ जाये, इसे साधने के लिए गृहमंत्री अमित शाह ने पहले ही आदिवासियों को इससे बाहर रखने का ऐलान कर दिया है, ताकि कोई कंफ्यूजन आदिवासियों के बीच ना रहे.
संताल परगना की सीटें जेएमएम के लिए नाक का सवाल
झारखंड की सत्ताधारी गठबंधन खासकर जेएमएम के लिए संताल की सीटें नाक का सवाल बन गयी है. इसलिए खुद मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन, उनकी पत्नी कल्पना सोरेन एसटी रिजर्व सात और एससी रिजर्व एक सीट को साधने के अलावा सामान्य सीटों को भी जीतने की रणनीति बना रहे हैं. वहीं बीजेपी भी प्रतिद्वंद्वी को उसके गढ़ में ही घेरने की रणनीति पर काम कर रही है. राज्य की बड़ी आबादी संताल जनजाति की है. संताल परगना में इस जाति की अधिक आबादी है. इन जातियों का सीधा लगाव गुरु जी और अब हेमंत सोरेन से है, इसलिए संताल जेएमएम का कोर वोटर क्षेत्र माना जाता है. इसमें सेंधमारी के प्लान पर बीजेपी पूरी रणनीति के साथ अटैकिंग मोड में है.
JMM के चक्रव्यूह को भेदने के लिए बीजेपी ने उतारे दो दिग्गज
संताल परगना गुरुजी का गढ़ माना जाता है. 2019 के विधानसभा चुनाव में जेएमएम की अगुवाई वाला गठबंधन बीजेपी पर बहुत भारी पड़ा था. तब संताल में 18 में से 9 सीट जेएमएम और पांच सीट पर कांग्रेस ने जीत दर्ज की थी. वहीं बीजेपी को मात्र चार सीटों से ही संतोष करना पड़ा था. बीजेपी 2024 के विधानसभा चुनाव में जेएमएम के इस चुनावी चक्रव्यूह को तोड़ने के लिए काफी मशक्कत कर रही है. चुनाव की घोषणा से काफी पहले से ही बीजेपी ने अपने दो दिग्गजों को मैदान में उतार दिया था.
केंद्रीय मंत्री और मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को झारखंड का चुनाव प्रभारी और असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा को बीजेपी ने सह-चुनाव प्रभारी बनाकर भेज दिया. दोनों दिग्गज नेता पिछले कुछ महीनों से खासकर संताल परगना में बांग्लादेशी अवैध घुसपैठ और उसकी वजह से यहां की डेमोग्राफी में बदलाव का मुद्दा जोर-शोर से उठा रहे हैं. बीजेपी ने इसे प्रमुख चुनावी मुद्दा बना दिया है. बीजेपी का प्लान है कि कम से कम संताल परगना में 2005 और 2014 का रिजल्ट दोहराये. क्योंकि दोनों चुनाव में बीजेपी को संताल परगना से 7 सीटों पर जीत मिली थी.