मधुपुर. अनुमंडलीय अस्पताल सभागार में शुक्रवार को राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस को लेकर सहिया व सेविकाओं के एक दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया. प्रशिक्षण में नोनियाद, ताराजोरी, बुढ़ैई, धमनी व सिंघो पंचायत के सहिया व सेविका ने भाग लिया. मौके पर प्रशिक्षक डब्ल्यूएचओ के नीरज कुमार ने कहा कि कृमि मुक्ति को लेकर सभी स्कूलों व आंगनबाड़ी केंद्र में कार्यक्रम चलाया जायेगा. इसके लिए कृमि की दवा एल्बेंडाजोल विद्यालय व आंगनबाड़ी केंद्र में दो वर्ष से 18 साल तक के बच्चों को खिलाई जायेगी. कहा कि यह दवा बच्चों को खाली पेट में नहीं खिलाना है. खाना खाने के बाद ही इस दवा का सेवन करना चाहिए. यह दवा बच्चे, किशोर, किशोरियों के लिए अत्यंत आवश्यक है. अगर बच्चे की आंत में कृमि है, तो उसका मानसिक और शारीरिक विकास अवरुद्ध हो जाता है. शरीर में खून की कमी हो जाती है और बच्चे कुपोषण का शिकार हो जाते है. कृमि की रोकथाम हेतु सफाई पर विशेष ध्यान देने की जरूरत बतायी. फल और सब्जी बिना धोए हुए सेवन नहीं करने की सलाह दी गयी. वहीं खुले में शौच नहीं करने और नाखून हमेशा छोटा रखने को कहा. बताया कि सहिया, आंगनबाड़ी सेविका व शिक्षकों को भी दवा खिलाने हेतु प्रशिक्षण दिया जायेगा, ताकि शत प्रतिशत बच्चों को दवा खिलाई जा सके. कहा कि किसी भी सूरत में एक भी बच्चा कृमि की दवा खाने से नहीं छूटे. मौके पर चिकित्सक, बीपीएम, बीटीटी, स्वास्थ्य कर्मी व सहिया मौजूद थे.
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