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पुजारी छोटे लाल महाराज ने नाग पंचमी पर की बाबा की पूजा

श्रावण मास के 20वें दिन शुक्ल पक्ष पंचमी तिथि शनिवार सुबह 4:30 बजे बाबा मंदिर का पट खुला. बाबा की सरकारी पूजा करने के लिए पुजारी छोटे लाल झा व मंदिर दरोगा शशि मिश्र मंदिर गर्भ गृह गये. पुजारी छोटे लाल झा ने सर्वप्रथम शुक्रवार को बाबा के श्रृंगार पूजा के पूजा सामग्रियों को शिवलिंग से हटा कर मखमल के कपड़े से शिवलिंग को साफ किया. इसके बाद काचा पूजा शुरू की.

देवघर : श्रावण मास के 20वें दिन शुक्ल पक्ष पंचमी तिथि शनिवार सुबह 4:30 बजे बाबा मंदिर का पट खुला. बाबा की सरकारी पूजा करने के लिए पुजारी छोटे लाल झा व मंदिर दरोगा शशि मिश्र मंदिर गर्भ गृह गये. पुजारी छोटे लाल झा ने सर्वप्रथम शुक्रवार को बाबा के श्रृंगार पूजा के पूजा सामग्रियों को शिवलिंग से हटा कर मखमल के कपड़े से शिवलिंग को साफ किया. इसके बाद काचा पूजा शुरू की.

वैदिक मंत्रोचार के साथ बाबा पर एक लोटा कांचा जल चढ़ाया. सभी तीर्थ पुरोहितों ने मंदिर प्रशासनिक भवन से मंदिर गर्भगृह प्रवेश कर बाबा पर कांचा जल चढ़ाया. इसके समापन के बाद बाबा की सरकारी पूजा शुरू हुई. पुजारी छोटे लाल ने बाबा पर मंत्रोचार के साथ फूल, इत्र, चंदन, मधु, घी, दूध, शक्कर, धोती, जनेऊ आदि चढ़ाया. इसके समापन के बाद भक्तों के पूजा अर्चना के लिए बाबा मंदिर का पट खोल दिया। इसमें सीमित संख्या में तीर्थ पुरोहितों ने बाबा की पूजा अर्चना की.

इस दौरान मंदिर इस्टेट की ओर से महिला तीर्थ पुरोहित गुदड़ी देवी ने मंदिर परिसर स्थित सभी देवी शक्ति मंदिरों के मां अन्नपुर्णा, मां काली, मां पार्वती आदि देवियों को जल से स्नान करा कर सिंदूर पहनाई. सुबह 6:30 बजे मंदिर का पट बंद किया गया. गत वर्ष श्रावणी मेले के नाग पंचमी के दिन बाबा नगरी में भक्तों का सैलाब उमड़ पड़ा था. सभी तरफ शिवभक्त कांवरिया ही कांवरिया दिख रहे थे. बोल बम का नारा है बाबा एक सहारा है क्या बोलोगे बोल बम, क्या पढ़ोगे बोल बम, की जय कारा से शहर गूंज रहा था.

हर आधे से 1 घंटे पर कांवरिया अनियंत्रित हो रही थी. वेरियर टूट रहे थे. पुलिस बल कांवरियों को नियंत्रित करने में लगे हुए थे. प्रशासन की ओर से पूरे मेला क्षेत्र में लाउडस्पीकर लगाए गए थे. लाउडस्पीकर से भक्तों को दिशा निर्देश दिया जा रहा था. उन्हें बाबा पर जलालपुर के लिए आश्वस्त किया जा रहा था. शिव धुन से पूरा शहर पवित्र हो रहे थे. महिला, बच्चा, बूढ़ा सभी बोल बम के नारे लगा रहे थे. कतार में ऊंच-नीच अमीर गरीब बड़ा छोटा का भेदभाव मिट गया था. महिला – पुरुष भी एक कतार में लगे हुए थे. बाबा की आस्था में सभी भक्त डूबे हुए थे। श्रावणी मेले के 20वें दिन विलियम्स टाउन बीएड कॉलेज में विशाल – विशाल 8 से 10 पंडालों में भक्तों को रखकर भीड़ नियंत्रित की जा रही थी.

एलईडी टीवी में बाबा पर जल अर्पण, भक्तों की भीड़ एवं कतार की स्थिति दिखाई जा रही थी. पंडाल में ही स्टेज बनाकर स्थानीय कलाकारों के द्वारा सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किया जा रहा था. सभी कांवरिया शिव के भजनों पर झूम रहे थे. बी एड कॉलेज परिसर से भक्तों को नियंत्रित करते हुए बाबा मंदिर की ओर भेज रहे थे. उन्हें रामकृष्ण मिशन विद्यापीठ मुख्य रोड से तिवारी चौक, जलसार चिल्ड्रन पार्क, मत्स्य विभाग, पंडित शिवराम चौक होते हुए मानसरोवर फुटओवर ब्रिज से मंदिर भेजा जा रहा था.

कोरोना से इस बार सब कुछ बदल गया है. सब कुछ विपरीत है. दूर से भी भक्त दिखाई नहीं पड़ रहे हैं. पूरा कांवरिया पथ वीरान है. सब जगह सन्नाटा पसरा है।.सड़कों पर यत्र तत्र कुत्ता, गाय, भैंस आदि दिख रहे हैं. भक्तों को रोकने के लिए जगह जगह पुलिस चेक पोस्ट बना दिया गया है. सभी जगह 24 घंटे पुलिस तैनाती की गई है इनकी ओर से हर राहगीर पर नजर रखी जा रही है शिव भक्तों को दुम्मा गेट पर ही रोक दिया जाता है उन्हें झारखंड प्रवेश नहीं करने दिया जा रहा है.

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